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रेलकर्मियों को क्वारंटाइन पीरियड में मिलेगी ये खास सुविधा, जल्द जारी होंगे आदेश
नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवे के अध्यक्ष गुमान सिंह और महामंत्री के साथ रेल भवन नयी दिल्ली के कमेटी रूम में चेयरमैन रेलवे बोर्ड...
झांसी: नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवे के अध्यक्ष गुमान सिंह और महामंत्री के साथ रेल भवन नयी दिल्ली के कमेटी रूम में चेयरमैन रेलवे बोर्ड डीजी/एचआर एवं ई डी ई/आई आर के साथ बैठक हुई। इसमें रेल कर्मचारियों से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा हुई और उन पर निर्णय भी लिया गया।
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फेडरेशन के महामंत्री डॉक्टर राघवैया ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते जिन रेल कर्मचारियों को होम/ इन्स्टीट्यूशनल क्वैरन्टाइन किया जाता है ,उनके सम्बन्ध में कोई निर्देश न होने के कारण सम्पूर्ण क्वैरन्टाइन पीरियड के लिये कर्मचारियों से अवकाश आवेदन लेकर उनके अवकाश खाते से काट लिया जाता है, जो सर्वथा अनुचित है क्यों कि इस पर किसी का नियन्त्रण नहीं है। उन्होने इस सम्पूर्ण अवधि को स्पेशल कैजुअल लीव माने जाने की माँग की जिस पर अध्यक्ष रेल बोर्ड द्वारा सहमति जताते हुए शीघ्र आदेश जारी किये जाने के लिये आश्वस्त किया ।
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डॉ राघवैया ने 2 जुलाई 2020 को गैर संरक्षा श्रेणियों के रिक्त पदों से 50 प्रतिशत पद सरेण्डर किये जाने के लिये जारी आदेश पर आपत्ति जताते हुये कहा कि इससे न केवल कर्मचारियों पर कार्य का दबाव बढेगा, बल्कि उनकी पदोन्नति के अवसर भी कम होंगे। अध्यक्ष रेल बोर्ड ने उक्त आदेश की समीक्षा के लिये आश्वस्त किया।
लारजेस स्कीम के तहत रेलवे बोर्ड से जारी होगा आदेश
लारजेस स्कीम के अन्तर्गत जिन पात्र कर्मचारियों के वारिशों का मेडिकल परीक्षण 27 अक्तूबर 2017 के पूर्व हो गया था और वह फिट पाये गये थे, उन सभी को नियुक्ति दिये जाने की माँग दोहराई, यद्यपि उत्तर मध्य रेल में एनसीआरईएस के महामन्त्री एवं एन एफ आई आर के संयुक्त महामन्त्री आर पी सिंह द्वारा ऐसे मामलों पर मुख्यालय स्तर पर निर्णय करवाकर 23 कर्मचारियों के वारिसों को नियुक्त करवा दिया है एवं अन्य पर सकारात्मक वार्ता भी चल रही है। लेकिन अन्य रेलवे पर ऐसे मामलों पर निर्णय नहीं लिया गया। अतः रेल बोर्ड स्तर से स्पष्ट आदेश जारी किये जाने का अनुरोध किया।
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एक्ट अप्रेन्टिस को समाहित करने की मांग
एनएफआईआर ने उन रेल कर्मचारियों के लिये, जो ड्यूटी करते हुये कोरोना संक्रमित हो जाते हैं, उनके परिवार को एक्सग्रेशिया पेमेंट की माँग की जिस पर सीआरबी ने आश्वस्त किया कि यह शीघ्र प्रस्तावित किया जायेगा। अन्य मांगों में, प्वाइंट्स मेन के कैरियर ग्रोथ के लिये बनी कमेटी की सिफारिशों को शीघ्र लागू किये जाने, पीरिओडिकल ट्रान्सफर को अप्रैल 2021 तक रोके जाने, एक्ट अप्रेन्टिस को समाहित किये जाने, लॉकडाउन के कारण रोकी गयी ट्रेनिंग की अवधि का स्टाईपेण्ड दिये जाने, अर्द्धशासकीय कर्मचारियों (इन्स्टीट्यूट के कर्मचारी) को रेल सेवा में समाहित किये जाने आदि प्रमुख थी।
अन्त में डॉ. राघवैया द्वारा 2023 से 109 ओरिजिन/डेस्टिनेशन पर ट्रेन आपरेशन ,प्राइवेट आपरेटर्श को दिये जाने पर रेल एवं देश के साथ यात्री एवं कर्मचारी को होने वाली क्षति का उल्लेख करते हुये एक नोट सौंपा और इस निर्णय पर पुनर्विचार का आग्रह किया।
रिपोर्ट: बी.के. कुशवाहा
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