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PM मोदी से मिले राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य, शिलान्यास के लिए दिया न्योता
अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों ने अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास की अगुआई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम के लिए न्योता दिया।
नई दिल्ली: अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों ने अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास की अगुआई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम के लिए न्योता दिया। राम मंदिर ट्रस्ट के न्योते पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि इस पर विचार करूंगा।
बता दें कि अभी मंदिर निर्माण के मुहूर्त का ऐलान नहीं हुआ है लेकिन 3-4 मार्च को अयोध्या में होने जा रही ट्रस्ट की बैठक में इस पर फैसले की उम्मीद है।एक दिन पहले ही बुधवार को दिल्ली में ट्रस्ट की पहली बैठक हुई थी।
बैठक के बाद जब ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से पूछा गया कि पीएम से मुलाकात की क्या बात हुई तो उन्होंने कहा कि यह एक शिष्टाचार भेंट थी। राय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ट्रस्ट के सदस्यों को बुलाया था। यह पूरी तरह एक शिष्टाचार भेंट थी।
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बुधवार को हुई ट्रस्ट की पहली बैठक में महंत नृत्यगोपाल दास को अध्यक्ष, विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय को महामंत्री और प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा को मंदिर निर्माण समिति का अध्यक्ष चुना गया। इसके अलावा स्वामी गोविंद देव गिरी को ट्रस्ट का कोषाध्यक्ष चुना गया।
ट्रस्ट की पहली बैठक में फैसला लिया गया है कि अयोध्या में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में उसका एक खाता खुलेगा। मंदिर निर्माण में सहयोग देने की इच्छा रखने वाले उस अकाउंट में चंदा दे सकते हैं।
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बुधवार को हुई ट्रस्ट की पहली बैठक में मंदिर निर्माण की तिथि को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ। बैठक के बाद ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी ने बताया था कि अगली बैठक अयोध्या में होगी जिसमें मंदिर निर्माण के मुहूर्त पर फैसला होगा। यह बैठक अगले महीने 3 और 4 मार्च को अयोध्या में होगी।
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गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल ऐतिहासिक अयोध्या जमीन विवाद मामले में फैसला सुनाते हुए केंद्र को मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने को कहा था। कोर्ट ने विवादित भूमि का मालिकाना हक श्रीरामलला विराजमान को देते हुए मुस्लिम पक्ष और निर्मोही अखाड़े के दावे को खारिज कर दिया था। इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार को अयोध्या के भीतर ही किसी दूसरी जगह पर सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन देने का फैसला किया था।