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खाताधारकों को खुशखबरी: आ गई RBI नई पॉलिसी, यहां जानें खास बातें
भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि कोरोना संकट से अब देश की अर्थव्यवस्था ऊबर चुकी है। अगली तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ निगेटिव से पॉजिटिव में लौटने की उम्मीद है।
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्वे बैंक ने इस साल के अंतिम पालिसी का एलान करते हुए कहा कि मुख्य ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं होगा। आरबीआई द्वारा किये गए प्रेस कांफ्रेंस गवर्नर ने यह भी बताया कि पूरे में अब आरटीजीएस सिस्टम 24 घंटे के लिए लागू हो रहेगी। इससे सिस्टम में सेटलमेंट और डिफॉल्ट संबंधी जोखिम कम होंगे। अब देश में वित्तीय लेन-देन से संबंधित डिजिटल प्रक्रिया किसी भी दिन किसी भी समय की जा सकेगी। इससे देश में सुरक्षित डिजिटल ट्रांजैक्शन किए जा सकेंगे। कांटेक्टलेस ट्रांजैक्शन के लिए लिमिट अब 2000 से बढ़ाकर 5000 रुपये की जा रही है। यह एक जनवरी से लागू होगा।
कोरोना संकट से अब देश की अर्थव्यवस्था ऊबर चुकी है-RBI गवर्नर
1-देश की आर्थिक ग्रोथ में जोरदार तेजी की उम्मीद
भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि कोरोना संकट से अब देश की अर्थव्यवस्था ऊबर चुकी है। अगली तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ निगेटिव से पॉजिटिव में लौटने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि आरबीआई ने अगली तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 0.10 फीसदी कर दिया है। वहीं, चौथी तिमाही यानी जनवरी-मार्च 2021 के दौरान देश की जीडीपी ग्रोथ 0.70 फीसदी रहने का अनुमान है। हालांकि, पूरे साल के लिए जीडीपी ग्रोथ -7.5 फीसदी रह सकती है। उन्होंने बताया कि भारतीय सरकार की ओर से जारी राहत पैकेज से आर्थिक ग्रोथ रिकवरी आई है।
2-क्यों बढ़ेगी देश की आर्थिक ग्रोथ
महंगाई पर भी लगाम लगने की उम्मीद है। इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए तीसरी तिमाही में महंगाई दर 6.8 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.4 फीसदी रहने की उम्मीद है। इस पूरे देश साल में भारत की जीडीपी ग्रोथ - 7.5 फ़ीसदी रह सकती है। इस साल की दूसरी छमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट पॉजिटिव रह सकती है।
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3-आम आदमी को महंगाई से मिलेगी राहत
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति का अनुमान है कि कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स आने वाले दिनों में दवाब में रह सकता है। यह सितंबर और अक्टूबर में तेज रहा है खरीफ फसलों की बंपर उपज के साथ आने वाले महीने में महंगाई की दर कम हो सकती है। इसके साथ ही सब्जियों और दालों की महंगाई पर भी लगाम लगने की उम्मीद है। इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए तीसरी तिमाही में महंगाई दर 6.8 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.4 फीसदी रहने की उम्मीद है।
4- नौकरियों को लेकर आरबीआई गवर्नर ने कहा
कोरोना संकट के इस दौर में सरकार ने भी कई कदम उठाए हैं। हमारी कोशिश यह है कि हम भारत की जीडीपी ग्रोथ को बनाए रखते हुए रोजगार के मौके बनाने में सफल हुए हैं और देश की अर्थव्यवस्था को ग्रोथ के रास्ते पर ले जाने में कामयाब होंगे। देश के वित्तीय सेक्टर में स्थिरता लाने के लिए भी रिजर्व बैंक ने कई कोशिशें की है और इस वजह से शेयर बाजार और पूंजी बाजार पर इसका असर देखने को मिला है।
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5- भारतीय रिजर्व बैंक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को लेकर किया बड़ा ऐलान
भारतीय रिजर्व बैंक ने अब क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को एलएएफ और एमएएफ की सुविधा दी है। आपको बता दें कि आरआरबी बैंक का क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक होते है। इनका गठन आरआरबी अधिनियमन 1976 के तहत किया गया है। इनके गठन के पीछे मकसद छोटे किसानों, कृषि श्रमिकों और ग्रामीण क्षेत्र में कारीगरों को कर्ज और दूसरी सुविधाएं उपलब्ध कराना था। इस कानून में 2015 में संशोधन किया गया।
इसके तहत इन बैंकों को केंद्र, राज्य सरकारों और प्रायोजक बैंक के अलावा दूसरे स्रोतों से पूंजी जुटाने की अनुमति दी गई। मौजूदा समय में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत है जबकि 35 प्रतिशत हिस्सेदारी संबंधित प्रायोजक बैंक की और 15 प्रतिशत राज्य सरकार की हिस्सेदारी है।
6-बैंकों को इस साल नहीं देना होगा डिविडेंड
कोरोनावायरस के संकट के इस दौर में भारत की अर्थव्यवस्था और कर्ज लेने वाले लोगों की सुविधा के लिए रिजर्व बैंक ने कई प्रावधान किए हैं बैंक नए लोगों को कर्ज दे सके इसके लिए भी आरबीआई ने कई व्यवस्था की है कमर्शियल और कोऑपरेटिव बैंक अब पिछले साल की गई कमाई से डिविडेंड नहीं दे पाएंगे वह इस मुनाफे को अपने पास रखेंगे। नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां भी अपने निवेशकों और शेयरधारकों को डिविडेंड देती हैं इसके लिए रिजर्व बैंक ने एक ट्रांसपेरेंट प्रक्रिया शुरू की है।
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बैंक वित्त वर्ष 2021 में अपने निवेशकों को लाभांश नहीं देंगे
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, देश के सभी कमर्शियल और कोऑपरेटिव बैंकों से कहा गया है कि वे FY2021 के लिए लाभांश (dividends) की घोषणा नहीं करें और FY2020 में कमाए गए प्रॉफिट को रिटेन करें। यानी बैंक वित्त वर्ष 2021 में अपने निवेशकों को लाभांश नहीं देंगे और वित्त वर्ष 2020 में कमाए गए प्रॉफिट को अपने पास रखेंगे। RBI ने यह फैसला बैंको को मजबूती प्रदान करने के लिए किया है। इसके साथ ही बड़े NBFCs और कोऑपरेटिव बैंकों में रिस्क-बेस्ड ऑडिट की शुरुआत होगी और NBFC द्वारा डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन के लिए एक क्राइटेरिया तय की जाएगी।
7- बदल गया आपके बैंक में पैसों के लेन-देन से जुड़ा नियम
अब देशभर में आरटीजीएस सिस्टम 24 घंटे के लिए लागू हो जाएगा। इससे सिस्टम में सेटलमेंट और डिफॉल्ट संबंधी जोखिम कम होंगे। अब देश में वित्तीय लेन-देन से संबंधित डिजिटल प्रक्रिया किसी भी दिन किसी भी समय की जा सकेगी। इससे देश में सुरक्षित डिजिटल ट्रांजैक्शन किए जा सकेंगे। कांटेक्टलेस ट्रांजैक्शन के लिए लिमिट अब ₹2000 से बढ़ाकर ₹5000 की जा रही है। यह एक जनवरी से लागू होगा।
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8-आर्थिक गतिविधियों में जोरदार तेजी की उम्मीद
निर्यात बढ़ाने और देश में कारोबार में आसानी के लिए भी रिजर्व बैंक ने कई कोशिशें की है, जिनका असर दिखना शुरू हो गया है। अब रिजर्व बैंक के निर्देश के बाद इस तरह के बैंक निर्यातकों के शिपिंग डॉक्यूमेंट के आधार पर उन्हें फंड उपलब्ध कराने में मदद कर पाएंगे। देश में कोरोनावायरस के संक्रमण के मामले कम हो रहे हैं और अब वैक्सीन से जुड़ी खबरें भी लगातार आ रही हैं। उम्मीद की जा रही है कि अगले दो-तीन महीने में कोरोनावायरस की वैक्सीन आ जाएगी जिससे आर्थिक गतिविधियां तेजी से बढ़ सकेंगी।
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