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अभय चौटाला ने किसानों के समर्थन में विधानसभा अध्यक्ष को भेजा इस्तीफा
अभय सिंह चौटाला ने लिखा है-यदि 26 जनवरी तक किसानों की मांग के अनुरूप तीनों कृषि कानून वापस नहीं होते तो 27 जनवरी को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाए।
करनाल: हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता रह चुके इनेलो के एकमात्र विधायक अभय सिंह चौटाला ने किसानों के मांग के समर्थन में विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
पूरे प्रदेश में अभय चौटाला एकमात्र ऐसे विधायक हैं, जिन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने का कदम उठाया है।
चौटाला ने सोमवार को हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता को ई-मेल कर विधायक पद से अपना इस्तीफा भेज दिया है। हालांकि अभय का यह इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं किया गया है। इससे पहले आज वे सिरसा में गांव के लोगों से मिलने के लिए पहुंचे थे। कृषि कानूनों को लेकर उन्होंने लोगों से भी बात की थी।
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अभय चौटाला ने किसानों के समर्थन में विधानसभा अध्यक्ष को भेजा इस्तीफा(फोटो: सोशल मीडिया)
पत्र में लिखी ये बातें
उन्होंने पत्र में लिखा है- अब तक भीषण ठंड के कारण साठ से ज्यादा किसान शहीद हो चुके हैं लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। केंद्र की सरकार किसान संगठनों से आठ दौर की वार्ता कर चुकी है लेकिन अभी तक सरकार ने इन काले कानूनों को वापस लेने के पर सहमति नहीं दिखाई है।
केंद्र की सरकार ने असांविधानिक व अलोकतांत्रिक तरीके से तीन कृषि कानून किसानों पर थोप दिए हैं जिसका विरोध देशभर में हो रहा है। इन कृषि कानूनों के विरोध और आंदोलन को अब तक 47 से अधिक दिन हो गए हैं और कड़ाके की ठंड में लाखों किसान दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे हैं।
चौधरी देवी लाल जी ने हमेशा किसानों के लिए संघर्ष किया, आज वही परिस्थितियां देश-प्रदेश में फिर से खड़ी हो गई हैं। किसानों पर आए इस संकट की घड़ी में उनका यह दायित्व बनता है कि वे हर संभव प्रयास करें ताकि किसानों के भविष्य और अस्तित्व पर आए खतरे को टाला जा सके।
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अभय चौटाला ने किसानों के समर्थन में विधानसभा अध्यक्ष को भेजा इस्तीफा(फोटो: सोशल मीडिया)
एक संवेदनहीन विधानसभा में मेरी मौजदूगी कोई महत्व नहीं रखती: चौटाला
उन्होंने ये भी कहा कि सरकार ने जिस तरह की परिस्थितियां बनाई हैं, उन्हें देखते हुए ऐसा नहीं लगता है कि विधानसभा के एक जिम्मेदार सदस्य के रूप में मैं कोई ऐसी भूमिका निभा सकता हूं जिससे किसानों के हितों की रक्षा की जा सके।
अत: एक संवेदनहीन विधानसभा में मेरी मौजदूगी कोई महत्व नहीं रखती। यदि 26 जनवरी तक किसानों की मांग के अनुरूप तीनों कृषि कानून वापस नहीं होते तो 27 जनवरी को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाए।
अभय ने स्पष्ट किया कि उनके इसी पत्र को इस्तीफा मान लिया जाए। विधानसभा अध्यक्ष को भेजे पत्र पर अभय चौटाला ने अपने हस्ताक्षर किए हैं और उस पर 11 जनवरी की तारीख डाली है।
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