सैलरी पर मोदी सरकार का तोहफा: कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, जल्द ​होगा बड़ा बदलाव

साल 2019 बीतने को है और नया साल 2020 जल्द ही आने वाला है। इस नए वर्ष आपकी सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव देखने को मिल सकता है यानी आपकी बेसिक सैलरी में अलाउंसेस का कुछ हिस्सा भी शामिल हो सकता है।

Shivakant Shukla
Published on: 26 Dec 2019 6:33 AM GMT
सैलरी पर मोदी सरकार का तोहफा: कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, जल्द ​होगा बड़ा बदलाव
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नई दिल्ली: साल 2019 बीतने को है और नया साल 2020 जल्द ही आने वाला है। इस नए वर्ष आपकी सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव देखने को मिल सकता है यानी आपकी बेसिक सैलरी में अलाउंसेस का कुछ हिस्सा भी शामिल हो सकता है।

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जानकारी के मुताबिक इसके लिए सरकार और कंपनियों के बीच सहमति भी बन चुकी है। नए स्ट्रक्चर के आधार पर किसी भी सूरत में आपकी बेसिक सैलरी कुल सैलरी के 50 फीसदी से कम नहीं हो सकती हैं। हालांकि, अलाउंसेस की परिभाषा सरकार को तय करनी है और इस पर अभी इंडस्ट्री के साथ बातचीत चल रही है। नए प्रस्ताव से बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी होगी और इससे PF योगदान में भी बढोतरी होगी।

इन सवालों के जवाब के बाद लागू कर देंगी कंपनियां

इस नियम को लागू करने से पहले कंपनियों ने कुछ सवाल किए हैं, जिसमें ये पूछा गया है कि बेसिक सैलरी में अलाउंसेस का कितना कंट्रीब्यूशन होगा, उसमें कितना जोड़ा जाएगा, कौन से अलाउंस बेसिक सैलरी के हिस्सा होंगे, कौन से अलाउंसेस को उनसे बाहर रखा जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक कंपनियां इस शर्त के साथ तैयार हुई है कि सरकार अलाउंसेस की स्पष्ट कैटेगरी तय कर दे। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने निर्देश में इसे सुनिश्चित करने को कहा था।

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गौरतलब है कि बेसिक सैलरी में HRA को बाहर रखने का प्रस्ताव है। बाकी अलाउंसेस का 50 फीसदी बेसिक में शामिल किया जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक PLI यानी परफॉर्मेंस लिंक्ड इंसेंटिव को अलाउंसेस नहीं माना जाएगा।

कंपनियों की ये हैं डिमांड

कंपनियों ने ये भी पूछा है कि कौन से अलाउंसेस बेसिक सैलरी के साथ क्लब किए जाएंगे और कौन से अलाउंसेस नहीं किए जाएंगे। इसके अलावा एक शर्त ये रखी गई है कि सारे सेक्टर पर इसे यूनिफॉर्म रूप से लागू नहीं किया जाए। इसके लिए सेक्टर्स तय किए जाएं। इसके लिए सरकार और इंडस्ट्री बैठकर उन सेक्टर्स को बंटवारा करेगी।

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जानें कब से किया जाएगा ये लागू

कोड्स ऑन मिनिमम वेजेज को मंजूरी मिल चुकी है और सरकार ने नियम बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। नियम बनाने की प्रक्रिया के साथ ही बेसिक सैलरी में अलाउंसेस को भी जल्द ही शामिल किया जा सकता है।

Shivakant Shukla

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