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आरबीआई ने भी 4 सितंबर को सभी बैंकों को रिटेल, पर्सनल और एमएसएमई लोन को रेपो रेट से जोड़ने के लिए कहा था। कई बैंकों ने इसे जोड़ना भी शुरू कर दिया था। इसमें एसबीआई, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक, पंजाब नेशनल बैंक आदि शामिल है।
नई दिल्ली: एक तरफ जहां बैंक अपने ग्राहको को जोड़ने के लिए नये नये प्लान करता रहता है, वहीं दूसरी तरफ देश के सबसे बड़े पब्लिक सेक्टर बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने रेपो रेट लिंक्ड आधारित होम लोन को वापिस ले लिया है।
बताया जा रहा है कि उसने अभी अपने रेपो रेट लिंक्ड होम लोन पर रोक लगा दी है। एसबीआई 1 अक्टूबर से नया प्रोडक्ट लाने वाला है, जो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के दिशानिर्देश के मुताबिक होगा।
अधिकारी ने बताया...
इस पूरे मामले से जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि एसबीआई ने रेपो रेट लिंक्ड आधारित होम लोन रोक दिया है और इसके बदले वह 1 अक्टूबर से नया प्रोडक्ट लेकर आएगा।
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गौरतलब है कि एसबीआई पहला बैंक है जिसने अपने होम लोन को रेपो रेट लिंक्ड बनाया था।
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आरबीआई ने भी 4 सितंबर को सभी बैंकों को रिटेल, पर्सनल और एमएसएमई लोन को रेपो रेट से जोड़ने के लिए कहा था। कई बैंकों ने इसे जोड़ना भी शुरू कर दिया था। इसमें एसबीआई, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक, पंजाब नेशनल बैंक आदि शामिल है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया...
2 जून 1806 को कलकत्ता में 'बैंक ऑफ़ कलकत्ता' की स्थापना हुई थी। तीन वर्षों के पश्चात इसको चार्टर मिला तथा इसका पुनर्गठन बैंक ऑफ़ बंगाल के रूप में 2 जनवरी 1809 को हुआ। यह अपने तरह का अनोखा बैंक था जो साझा स्टॉक पर ब्रिटिश भारत तथा बंगाल सरकार द्वारा चलाया जाता था। बैंक ऑफ़ बॉम्बे तथा बैंक ऑफ़ मद्रास की शुरुआत बाद में हुई।
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ये तीनों बैंक आधुनिक भारत के प्रमुख बैंक तब तक बने रहे जब तक कि इनका विलय इंपिरियल बैंक ऑफ़ इंडिया (हिन्दी अनुवाद - भारतीय शाही बैंक) में 28 जनवरी 1921 को नहीं कर दिया गया। सन 1941 में पहली पंचवर्षीय योजना की नींव डाली गई जिसमें गांवों के विकास पर जोर डाला गया था।
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इस समय तक इंपिरियल बैंक ऑफ़ इंडिया का कारोबार सिर्फ़ शहरों तक सीमित था। अतः ग्रामीण विकास के मद्देनजर एक ऐसे बैंक की कल्पना की गई जिसकी पहुंच गांवों तक हो तथा ग्रामीण जनता को जिसका लाभ हो सके। इसके फलस्वरूप 1 जुलाई 1944 को स्टेट बैंक आफ़ इंडिया की स्थापना की गई, जिसमे सरकार की हिस्सेदारी 61.58% हैं।
अपने स्थापना काल में स्टेट बैंक के कुल 480 कार्यालय थे जिसमें शाखाएं, उप शाखाएं तथा तीन स्थानीय मुख्यालय शामिल थे, जो इम्पीरियल बैंकों के मुख्यालयों को बनाया गया था। 1926 में यंग की अनुशंसा पर 1 अप्रैल 1935 को आरबीआई की स्थापना की गई जबकि इसका राष्ट्रीयकरण 1 जनवरी 1949 को किया गया इसका मुख्यालय मुंबई में है।
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आरबीआई के पहले गवर्नर सर ओसबोर्न स्मिथ हैं जबकि वर्तमान में इस के गवर्नर शक्तिकांत दास हैं कार्य नोट का निर्गमन वर्तमान में आरबीआई 1957 में प्रचलित न्यूनतम रिजर्व प्रणाली के आधार पर ₹2 से लेकर ₹2000 तक का नोट का निगमन करती है जबकि ₹1 के नोट का निगमन भारत सरकार के द्वारा किया जाता है
इतिहास...
भारतीय स्टेट बैंक का प्रादुर्भाव उन्नीसवीं शताब्दी के पहले दशक में 2 जून 1806 को बैंक ऑफ कलकत्ता की स्थापना के साथ हुआ। तीन साल बाद बैंक को अपना चार्टर प्राप्त हुआ और इसे 2 जनवरी 1809 को बैंक ऑफ बंगाल के रूप में पुनगर्ठित किया गया। यह एक बैंक एवं वित्तीय संस्था है। इसका मुख्यालय मुंबई में है। यह एक अनुसूचित बैंक अद्वितीय संस्था और ब्रिटेन शासित भारत का प्रथम संयुक्त पूंजी बैंक था जिसे बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित किया गया था।
बैंक ऑफ बंगाल के बाद बैंक ऑफ बॉम्बे की स्थापना 15 अप्रैल 1840 को तथा बैंक ऑफ मद्रास की स्थापना 1 जुलाई 1843 को की गई। ये तीनो बैंक 27 जनवरी 1921 को उनका इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया के रूप में समामेलन होने तक भारत में आधुनिक बैंकिंग के शिखर पर रहे।
मूलत: एंग्लो-इंडियनों द्वारा सृजित तीनों प्रसिडेंसी बैंक सरकार को वित्त उपलब्ध कराने की बाध्यता अथवा स्थानीय यूरोपीय वाणिज्यिक आवश्यकताओं के चलते अस्तित्व में आए न कि किसी बाहरी दबाव के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था के आधुनिकीकरण के लिए इनकी स्थापना की गई। परंतु उनका प्रादुर्भाव यूरोप तथा इंग्लैंड में हुए इस प्रकार के परिवर्तनों के परिणामस्वरुप उभरे विचारों तथा स्थानीय व्यापारिक परिवेश व यूरोपीय अर्थव्यवस्था के भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़ने एवं विश्व-अर्थव्यवस्था के ढांचे में हो रहे परिवर्तनों से प्रभावित था।