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कश्मीर: SC का बड़ा फैसला, तो इसलिए हिरासत में फारुक अबदुल्ला
केंद्र की मोदी सरकार ने बताया कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को हिरासत में रखा गया है। सरकार ने बताया कि अब्दुल्ला को पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत हिरासत में रखा गया है।
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद लगाई गई पाबंदियों के खिलाफ याचिकाओं पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई चल रही है।
इस दौरान केंद्र की मोदी सरकार ने बताया कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को हिरासत में रखा गया है। सरकार ने बताया कि अब्दुल्ला को पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत हिरासत में रखा गया है। बता दें कि इस एक्ट के तहत बिना सुनवाई के दो साल तक किसी को भी हिरासत में रखा जा सकता है।
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इसके अलावा देश की सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन को निर्देश दिया कि राज्य में जल्द से जल्द सामान्य हालात बनाए जाएं।
कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्थिति सामान्य की जाए और स्कूलों व अस्पतालों को फिर से शुरू किया जाए। इस मामले की अगली सुनवाई अब 30 सितंबर को होगी।
गौरतलब है कि एमडीएमके नेता वाइको ने सुप्रीम कोर्ट में फारूक अबदुल्ला को लेकर याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या अब्दुल्ला किसी प्रकार की हिरासत में हैं?
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याचिका में वाइको की तरफ से कहा गया है कि फारूक उनके निमंत्रण पर 15 सितंबर को चेन्नई में होने वाले पूर्व CM अन्नादुरई के 111वीं जन्मशताब्दी समारोह में शामिल होने के लिए तैयार हो गए थे, लेकिन जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को हटाने के फैसले के बाद से उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है।
याचिका में कहा गया है कि उन्हें गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखा गया है। उन्होंने फारूक अब्दुल्ला से मिलने की इजाजत भी अथॉरिटी से मांगी, लेकिन कोई जवाब नहीं आया।
एमडीएमके नेता वाइको
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वाइको के वकील ने कोर्ट को बताया, 'केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा है कि फारूख अब्दुल्ला किसी प्रकार की हिरासत में नहीं है, लेकिन हमें उनका पता ठिकाना मालूम नहीं है।' इस पर अदालत ने केंद्र और जम्मू-कश्मीर को नोटिस जारी करते हुए 30 सितंबर तक जवाब मांगा है।