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राफेल की ये खासियत: इसलिए कांप रहे चीन-पाकिस्तान, जानकर होगा गर्व

राफेल लड़ाकू विमान में लगे हथियारों की पाकिस्तान और चीन के पास कोई विकल्प नहीं है। राफेल में सबसे खतरनाक हथियार स्कैल्प पीएल-15 एमराम मिसाइल लगी है। इससे चीन और पाकिस्तान की हालत खराब हो जाएगी।

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Published on: 10 Sept 2020 11:37 AM IST
राफेल की ये खासियत: इसलिए कांप रहे चीन-पाकिस्तान, जानकर होगा गर्व
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राफेल लड़ाकू विमान में लगे हथियारों की पाकिस्तान और चीन के पास कोई विकल्प नहीं है। राफेल में सबसे खतरनाक हथियार स्कैल्प पीएल-15 एमराम मिसाइल लगी है।

नई दिल्ली: राफेल भारत अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर आधिकारिक रूप से गुरुवार को तैनात कर दिया गया। राफले के भारतीय वायुसेना में शामिल होते ही भारत की ताकत बढ़ गई है। सबसे बड़ी बात यह है कि हमारे दोनों ही पड़ोसी देशों यानी चीन और पाकिस्तान के पास यह खतरनाक फाइटर जेट नहीं हैं।

इस लड़ाकू विमान में लगे हथियारों की पाकिस्तान और चीन के पास कोई विकल्प नहीं है। राफेल में सबसे खतरनाक हथियार स्कैल्प पीएल-15 एमराम मिसाइल लगी है। इससे चीन और पाकिस्तान की हालत खराब हो जाएगी। पाकिस्तान के पास अमेरिकी F-16 फाइटर जेट है, तो वहीं चीन के पास अपना बनाया जे-20 लड़ाकू विमान है।

भारतीय राफेल के आगे पाकिस्तान का एफ-16 लड़ाकू विमान की कोई हैसियत नहीं है, लेकिन चीन का जे-20 फाइटर जेट कई मामलों में राफेल को टक्कर देता है, लेकिन चीन के फाइटर जेट का जवाब भारत के पास है। भारतीय राफेल में ऐसे हथियार लगे हैं जो पलक झपकते ही दुश्मन को तबाह कर देंगे।

Rafale Jet

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राफेल का कॉम्बैट रेडियस यानी अपनी उड़ानस्थल से जितनी दूर विमान जाकर सफलतापूर्वक हमला कर वापस आ सकता है, उसे विमान का कॉम्बैट रेडियस कहते हैं। राफेल का कॉम्बैट रेडियस 3700 किलोमीटर है, जबकि, एफ-16 का 4200 किलोमीटर है, तो वहीं, जे-20 का 3400 किलोमीटर है।

जानिए इसकी खासियत

- यह दो इंजनों वाला बहुउद्देश्यीय फाइटर जेट है। जो भारतीय वायुसेना की पहली पसंद है। हर तरह के मिशन में भेजा जा सकता।

-परमाणु आयुध का इस्तेमाल करने में सक्षम है।

-यह हवा से हवा में और हवा से जमीन पर हमले कर सकता है।

-फ्रांसीसी कंपनी दसाल्ट एविएशन ने विमान का निर्माण किया है।

-अत्याधुनिक हथियारों से लैस होगा राफेल, प्लेन के साथ मेटेअर मिसाइल भी है।

-150 किमी की बियोंड विज़ुअल रेंज मिसाइल, हवा से जमीन पर मार वाली स्कैल्प मिसाइल।

-स्कैल्प मिसाइल की रेंज 300 किमी, हथियारों के स्टोरेज के लिए 6 महीने की गारंटी।

-अधिकतम स्पीड 2,130 किमी/घंटा और 3700 किमी. तक मारक क्षमता।

-1 मिनट में 60,000 फ़ुट की ऊंचाई और 4.5 जेनरेशन के ट्विन इंजन से लैस।

-24,500 किलो उठाकर ले जाने में सक्षम और 60 घंटे अतिरिक्त उड़ान की गारंटी।

-75% विमान हमेशा ऑपरेशन के लिए तैयार हैं, परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है।

-अफगानिस्तान और लीबिया में अपनी ताकत का प्रदर्शन कर चुका है।

-फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट ने भारतीय वायुसेना के हिसाब से फेरबदल किए गए हैं।

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Rafale Jet

लगी हैं तीन तरह की मिसाइलें

इस भारतीय फाइटर जेट में तीन तरह की मिसाइलें लगेंगी, हवा से हवा में मार करने वाली मीटियोर मिसाइल, हवा से जमीन में मार करने वाल स्कैल्प मिसाइल, तो वहीं तीसरी है हैमर मिसाइल। इन मिसाइलों से लैस होने के बाद राफेल दुश्मनों का काल बन जाएगा और दुश्मनों को तबाह कर देगा।

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चीन-पाक के पास नहीं विकल्प

राफेल में लगी मीटियोर मिसाइल 150 किलोमीटर और स्कैल्फ मिसाइल 300 किलोमीटर तक हमला कर सकती है तो वहीं हैमर यानी Highly Agile Modular Munition Extended Range एक ऐसी मिसाइल हैं, जिनका इस्तेमाल कम दूरी के लिए किया जाता है। ये मिसाइल आसमान से जमीन पर हमला करने में कारगर साबित हो सकती है।

पाकिस्तान की एफ-16 सिर्फ एमराम मिसाइलें लगी हैं और केवल 100 किलोमीटर तक हमला कर सकती है, तो वहीं चीन के जे-20 लड़ाकू विमान में 300 किमी तक हमला करने वाली पीएल-15 मिसाइलें और 400 किलोमीटर तक मार करने वाली पीएल-21 मिसाइल लगाई गई हैं।

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