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दिल्ली में कोरोना संकट से हालात बिगड़े, फिर लिया जा सकता है ये सख्त फैसला
राजधानी दिल्ली में कोरोना के बढ़ते संक्रमण से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान राजधानी में कोरोना के 1501 मरीज मिले हैं जबकि 48 लोगों की मौत हो गई।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कोरोना के बढ़ते संक्रमण से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान राजधानी में कोरोना के 1501 मरीज मिले हैं जबकि 48 लोगों की मौत हो गई। राजधानी में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या करीब 33000 हो गई है। दिल्ली में कोरोना के गहराते संकट के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। दोनों नेताओं की बातचीत में कोरोना संकट से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। जानकारों का कहना है कि राजधानी में बिगड़ते हालात को देखते हुए एक बार फिर यहां लॉकडाउन लगाने का फैसला किया जा सकता है।
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बाहर के मरीजों को अनुमति से मुश्किलें बढ़ीं
मरीजों की तेजी से बढ़ रही संख्या ने दिल्ली सरकार की चिंता बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी के अस्पतालों में दिल्ली के ही मरीजों के इलाज का फैसला लिया था मगर उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इस फैसले पर रोक लगा दी। दूसरे राज्यों के लोगों को भी दिल्ली में इलाज की अनुमति दिए जाने के बाद दिल्ली सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। यहां मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है और प्राइवेट अस्पतालों के बेड लगभग फुल हो चुके हैं। ऐसे में सरकार बैंक्वेट हॉल, होटल और स्टेडियम में मरीजों को रखने की तैयारी कर रही है।
फिर लॉकडाउन का हो सकता है फैसला
गृह मंत्री अमित अमित शाह से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुलाकात में कोरोना संकट से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। गृह मंत्री से मुलाकात के बाद केजरीवाल ने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने गृहमंत्री से कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर विस्तार से चर्चा की है। उन्होंने दावा किया कि गृह मंत्री ने उन्हें इस मामले में अपना पूरा सहयोग देने का वादा किया है।
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इस बीच दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि सरकार राजधानी में गंभीर होते हालात पर नजर रखे हुए है। संक्रमण के बढ़ते मामलों की रोज गहन समीक्षा की जा रही है। अधिकारी ने यह भी कहा कि जरूरी होने पर सरकार फिर लॉकडाउन का सख्त फैसला ले सकती है।
इतने ज्यादा बेड की व्यवस्था करना मुश्किल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया यह बात कहते रहे हैं कि कोरोना वायरस इतनी जल्दी खत्म होने वाला नहीं है। ऐसे में व्यवसायिक गतिविधियों को लंबे समय तक नहीं बंद किया जा सकता। इससे सरकार और जनता दोनों के लिए आर्थिक संकट की स्थिति पैदा होगी। लेकिन दूसरे राज्यों के लोगों को दिल्ली में इलाज की अनुमति दिए जाने के बाद दिल्ली सरकार की चिंता बढ़ गई है। सरकार की चिंता का कारण यह है कि दिल्ली में जितनी तेजी से संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं, उतने मरीजों के लिए बेड की व्यवस्था कैसे की जाए। सरकार का यह भी मानना है कि दिल्ली में कोरोना कम्युनिटी ट्रांसमिशन की स्टेज पर है। इसलिए अब इस बारे में सख्त फैसले की उम्मीद जताई जाने लगी है।
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इतनी ज्यादा हो सकती है मरीजों की संख्या
दिल्ली में बुधवार को कोरोना के मामलों में रिकार्ड बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। कोरोना के 1501 नए मामले सामने आने के साथ संक्रमित मरीजों की संख्या करीब 33000 तक पहुंच गई है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का मानना है कि दिल्ली में 31 जुलाई तक कोरोना के साढ़े पांच लाख मरीज हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में दिल्ली को कोरोना मरीजों के लिए 80 हजार बेडों की जरूरत होगी। यही कारण है कि दिल्ली सरकार की चिंताएं बढ़ गई हैं।
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