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बहुत ही दु:खद! मौत से हारी जिंदगी, सोशल मीडिया दे रहा भाव-भीनी श्रद्धांजलि
सुजीत की मौत की खबर से सोशल मीडिया पर भी भावनाओं का सैलाब आ गया और लोग #RIPSujith लिखकर उसे श्रद्धांजलि दे रहे हैं। बता दें कि पहले दिन से ही पूरा देश सुजीत के लिए दुआएं कर रहा था लेकिन फिर भी बच्चे की जिंदगी नहीं बच सकी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सुजीत के लिए प्रार्थना की थी।
नई दिल्ली: तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले के एक गांव में बोरवेल में गिरे दो साल के बच्चा जिंदगी की जंग हार गया। बच्चे की लाश को बोरवेल से बाहर निकाल लिया गया है। बोरवेल में करीब 80 घंटे से फंसा 2 साल का सुजीत को सुरक्षित निकालने की तमाम कोशिशें विफल रहीं।
सोशल मीडिया दे रहा है भाव-भीनी श्रद्धांजलि
सुजीत की मौत की खबर से सोशल मीडिया पर भी भावनाओं का सैलाब आ गया और लोग #RIPSujith लिखकर उसे श्रद्धांजलि दे रहे हैं। बता दें कि पहले दिन से ही पूरा देश सुजीत के लिए दुआएं कर रहा था लेकिन फिर भी बच्चे की जिंदगी नहीं बच सकी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सुजीत के लिए प्रार्थना की थी।
I’m sorry to hear about the passing of baby Sujith. My condolences to his grieving parents and his family.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 29, 2019
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बच्चे की बॉडी गली-सड़ी अवस्था में मिली
बता दें कि पिछले 72 घंटो से बच्चे को बचाव अभियान चलाया जा रहा था। इस बचाव अभियान के एनडीआरएफ कमांडर जितेश टीएम ने कहा कि बच्चों को निकालने में देरी खराब मौसम और भूगर्भीय स्थिति की वजह से हुई। उन्होंने बताया कि बच्चे की बॉडी गली-सड़ी अवस्था में है।
उन्होंने बताया कि बॉडी इतनी बुरी तरह गल गई थी कि कुछ हिस्से को दोबारा निकाला गया। जिस बोरवेल में बच्चा गिरा था उससे अब बदबू आने लगी है। साथ ही उन्होंने कहा कि फिलहाल खुदाई प्रक्रिया बंद कर दी गई है।
25 अक्टूबर की (शुक्रवार) की शाम को बोरवेल में गिरा था बच्चा
बता दें कि बच्चा शुक्रवार (25 अक्टूबर) की शाम को बोरवेल में गिरा था। बच्चा गिरने के बाद 30 फीट की गहराई में जाकर फंस गया था। इसके बाद रात में वो और नीचे सरकते हुए लगभग 100 फीट की गहराई में जाकर फंस गया था। तमिलनाडु के बच्चे को बचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) का बचाव अभियान लगातार चार दिन से जारी था। लेकिन बच्चा आखिरकार जिंदगी की जंग हार गया।
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6 इंच चौड़े बोरवेल में फंसा था बच्चा
सुजीत को बचाने का यह पूरा ऑपरेशन इतना आसान नहीं था। सुजीत तक पहुंचने के लिए बचाव दल ने बोरवेल के बराबर में खुदाई शुरू कर दी थी। हालांकि चट्टान को तोड़ते हुए खुदाई में काफी मुश्किलें आईं। 6 इंच चौड़े बोरवेल में बच्चा फंसा था, ऐसे में उस तक पहुंचने के लिए पास ही 1.2 मीटर चौड़ी सुरंग खोदी जा रही थी।
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रमुख सचिव जे. राधा कृष्णन ने बताया था कि चट्टानी इलाके में जल्दी से खुदाई करने में दिक्कतें आती हैं। खुदाई का काम लगभग 280-500 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहा था। टीम को खुदाई के साथ नीचे उतरने के लिए चट्टानों को हटाकर रास्ता तैयार करना था।
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कुछ समय तक रोकनी पड़ी खुदाई
NDRF, SDRF, ONGC और प्राइवेट बोरवेल ऑपरेटरों की टीम खुदाई में जुटी थी तभी सोमवार को जमीन से तेल लीक होने लगा। ऐसे में कुछ समय के लिए खुदाई रोकनी पड़ी। वाइब्रेशन भी ज्यादा हो रहा था और इससे सुजीत के बोरवेल में मिट्टी गिर सकती थी। ऐसे में एजेंसियां और भी अलर्ट हो गईं। सोमवार देर रात बचाव दल सुजीत तक पहुंच गया, हालांकि इन सबके बाद भी सुजीत को बचाया नहीं जा सका।