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SC में मजदूरों को लेकर छिड़ी तीखी बहस, SG और सिब्बल ने दागे सवाल
आज यानि गुरूवार को प्रवासी मजदूरों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। केंद्र सरकार ने अब तक की स्थिति को कोर्ट के सामने रखा और बताया कि अब तक 91 लाख मजदूरों को उनके गंतव्य पहुंचाया जा चुका है।
नई दिल्ली: आज यानि गुरूवार को प्रवासी मजदूरों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। केंद्र सरकार ने अब तक की स्थिति को कोर्ट के सामने रखा और बताया कि अब तक 91 लाख मजदूरों को उनके गंतव्य पहुंचाया जा चुका है। वहीं सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर हो रही सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और वकील कपिल सिब्बल में तीखी बहस छिड़ गई।
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SG और कपिल सिब्बल के बीच क्या हुई बहस?
सॉलिसिटर जनरल ने वकील कपिल सिब्बल से सवाल किया कि आपने इस संकट के दौर में क्या मदद की है? तो इस पर कपिल सिब्बन ने जवाब दिया कि चार करोड़। यही मेरा सहयोग है, ऐसी बातें ना करें।
वहीं इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कपिल सिब्बल से सवाल किया कि आप किसकी ओर से पेश हो रहे हैं? जिसका जवाब देते हुए सिब्बल ने कहा कि मैं सर्व हर जन आंदोलन, दिल्ली श्रमिक संगठन की ओर से पेश हुआ हूं।
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सिब्बल ने मजदूरों को लेकर किया ये सवाल
उन्होंने आगे कहा कि 1991 के आंकड़ों के मुताबिक, देश में 3 करोड़ प्रवासी मजदूर हैं, जिनका संख्या बढ़कर अब 4 करोड़ के आसपास हो गई होगी। लेकिन सरकार दावा कर रही है कि उसने महज 91 लाख मजदूरों को घर पहुंचाया है। बाकी लोगों का क्या? जिस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जवाब दिया कि इस पर एक राष्ट्रीय प्लान पर काम हो रहा है। सिब्बल ने कहा कि SG के हलफनामें में किसी तरह के राष्ट्रीय या राज्य स्तर के प्लान का जिक्र नहीं किया गया है।
सिब्बल ने की मजदूरों के लिए और ट्रेनें चलाने की मांग
वकील कपिल सिब्बल ने मजदूरों के लिए और ज्यादा ट्रेनें चलाने की मांग की है। उन्होंने कोर्ट के सामने कई सारे सवाल रखे। जैसे अगर कोई मजदूर घर जाने के लिए रजिस्टर कराना चाहता है तो वो कैसे करे। सिर्फ दाल देने से क्या होगा, वो उसे पकाएंगे कैसे?
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कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट
गौरतलब है कि प्रवासी मजदूरों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा कि अब तक 3700 ट्रेन चलाई जा चुकी हैं, जिनसे 91 लाख मजदूरों की घर वापसी की जा चुकी है। वहीं सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सभी राज्य सरकारों को कहा गया कि वो अपने-अपने यहां प्रवासी मजदूरों और पलायन कर रहे लोगों के लिए किए गए इंतजाम पर रिपोर्ट दाखिल करें।
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