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शाहीन बाग़ होगा खाली: SC ने दी इस शख्स को जिम्मेदारी, अब कहां जायेंगे प्रदर्शनकारी
सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग़ में हो रहे प्रदर्शन मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि लोकतंत्र सबके लिए हैं, किसी को भी सड़क जाम करने का अधिकारी नहीं है।
दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पिछले दो महीनों से शाहीन बाग़ में हो रहे प्रदर्शन मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि लोकतंत्र सबके लिए हैं, किसी को भी सड़क जाम करने का अधिकारी नहीं है। दरअसल, सोमवार को कोर्ट ने शाहीनबाग़ प्रदर्शन मामले पर सुनवाई की। इस मामले की सुनवाई जस्टिस संजय कौशल, जस्टिस के.एम. जोसेफ की बेंच ने की। बता दें कि मामले में अगली सुनवाई अगले सोमवार यानी 24 फरवरी को होगी।
शाहीन बाग़ मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का जवाब:
सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग़ प्रदर्शन के चलते रास्ता बंद होने को लेकर चिंता जताई। कोर्ट ने कहा कि अगर हर कोई सड़क पर उतरने लगेगा तो क्या होगा? कोर्ट ने दूसरे पक्ष को सुनने के दौरान कहा कि हम ये नहीं कर रहे हैं कि प्रदर्शन नहीं किया जा सकता।सवाल ये है कि प्रदर्शन कहां होना चाहिए।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'लोकतंत्र लोगों की अभिव्यक्ति से ही चलता है, लेकिन इसकी एक सीमा है। अगर सभी सड़क बंद करने लगे तो परेशानी खड़ी हो जाएगी। आप दिल्ली को जानते हैं, लेकिन दिल्ली के ट्रैफिक को नहीं। ट्रैफिक नहीं बंद होना चाहिए। आपको विरोध का अधिकार है, लेकिन सड़क जाम करने का नहीं।'
कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर हर कोई पब्लिक रोड को ब्लॉक करने लगे भले ही कारण कोई भी हो, तो क्या होगा? हमारी चिंता इस बात पर है कि प्रदर्शन सड़क पर किया जा रहा है। हमारा मानना है कि इस केस या दूसरे केस में सड़क को ब्लॉक नहीं किया जा सकता।
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प्रदर्शनकारी महिलाओं को मनाने की जिम्मेदारी संजय हेगड़े को मिली:
वहीं सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस मामले में सीनियर वकील संजय हेगड़े को प्रदर्शनकारियों को मनाने की जिम्मेदारी दी है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अब इस मामले में दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को हलफनामा दायर करने को कहा है।
बता दें कि प्रशासन और पुलिस शाहीन बाग़ के विरोध प्रदर्शन को खत्म कराने और कालिंदी कुंज-शाहिन बाग सड़क को खुलवाने की कई बार कोशिश की गई, लेकिन नाकाम रहे। जिसके बाद मामला कोर्ट में पहुंच गया।