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लापता हार्दिक पटेल को SC से बड़ी राहत: अब नहीं जाएंगे जेल
कांग्रेस और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को पाटीदार आंदोलन से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने 6 मार्च तक के लिए हार्दिक पटेल की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
नई दिल्ली: कांग्रेस और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को पाटीदार आंदोलन से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने 6 मार्च तक के लिए हार्दिक पटेल की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने गुजरात सरकार को 6 मार्च तक का ही वक्त दिया है।
हार्दिक पटेल के खिलाफ जारी हुआ था गैर जमानती वारंट
जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस विनीत सरन की बेंच ने सरकार को नोटिस जारी किया है और उनके खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है। बता दें कि साल 2005 में गुजरात पाटीदार आंदोलन के दौरान हुई हिंसा मामले में कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था।
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हार्दिक पटेल की पत्नी ने क्या किया ट्वीट?
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले हार्दिक पटेल की पत्नी किंजल हार्दिक पटेल ने ट्वीटर पर एक पोस्ट लिखा कि, गुजरात की तानाशाही, हिटलरवादी भाजपा सरकार ने किसान और नौजवानों के आंदोलनकारी हार्दिक पटेल पर तीस से अधिक झूठे मुकदमे दर्ज किए हैं। जिसके विरोध में दो मार्च को गुजरात के विभिन्न तहसीलों में पटेल पर लगे झूठे मुकदमे वापिस लेने की माँग के साथ तहसीलदारों को आवेदन किया जाएगा।
18 जनवरी से लापता थे हार्दिक पटेल
इससे पहले उनकी पत्नी किंजल ने कहा था कि मेरे पति (हार्दिक पटेल) 18 जनवरी से लापता है। वो कहां है इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। साल 2017 में यह सरकार कह रही थी कि पाटीदारों पर सभी मामलों को वापस ले लिया जाएगा। फिर वो हार्दिक को क्यों निशाना बना रहे हैं। यह सरकार नहीं चाहती है कि हार्दिक जनता से मिले और बातचीत करें और जनता के मुद्दों को उठाना बंद करें।
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पुलिस ने मुझ पर झूठा मुकदमा दर्ज किया था- हार्दिक पटेल
वहीं 11 फरवरी को हार्दिक पटेल ने एक ट्वीट किया था कि चार साल पहले गुजरात पुलिस ने मुझ पर झूठा मुकदमा दर्ज किया था, लोकसभा चुनाव के वक्त मुझ पर लगे मुक़दमे की सूची मैंने अहमदाबाद पुलिस कमिशनर से माँगी थी लेकिन यह मुक़दमा सूची में नहीं था। पंद्रह दिन पहले अचानक पुलिस मेरे घर पर मुझे हिरासत में लेने आइ थी, लेकिन मैं घर पर नहीं था।
हार्दिक पटेल ने लिखा कि, इस झूठे मूकदमे में मेरी अग्रिम ज़मानत की प्रकिया हाईकोर्ट में चल रही हैं। मेरे कई सारे ग़ैर ज़मानती वारंट भी निकाले गए हैं। गुजरात में पंचायती चुनाव आ रहे है, इसीलिए भाजपा मुझे जेल में बंद करना चाहती हैं। मैं भाजपा के ख़िलाफ़ जनता की लड़ाई लड़ता रहूँगा। जल्द मिलेंगे। जय हिंद...
क्या है मामला?
बता दें कि 6 जुलाई, 2015 को शुरु हुए इस अभियान ने तत्कालीन आनंदीबेन पटेल सरकार और गुजरात की राजनीति को पूरी तरह से हिला कर रखा दिया था। इस अभियान में पाटीदार अनमत आंदोलन समिति (PAAS) के संयोजक हार्दिक पटेल ने तकरीबन 10 लाख से ज्यादा समर्थकों को संबोधित किया था।
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