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चिन्मयानंद केस पर बड़ी खबर: छात्रा की जान को खतरा, SC से की ये अपील

स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली लाॅ कालेज की छात्रा ने सुप्रीम कोर्ट से इस केस को लखनऊ से ट्रांसफर करने की अपील की है। इस संबंध में पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में में एक अर्जी दाखिल की है।

Shreya
Published on: 28 Feb 2020 12:59 PM IST
चिन्मयानंद केस पर बड़ी खबर: छात्रा की जान को खतरा, SC से की ये अपील
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चिन्मयानंद केस पर बड़ी खबर: छात्रा की जान को खतरा, SC से की ये अपील

लखनऊ: स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली लाॅ कालेज की छात्रा ने सुप्रीम कोर्ट से इस केस को लखनऊ से ट्रांसफर करने की अपील की है। इस संबंध में पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में में एक अर्जी दाखिल की है। पीड़िता ने ये भी कहा है कि उसकी जान को खतरा है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट गत सोमवार 2 मार्च को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि तब तक छात्रा को सुरक्षा दी जाएगी।

पीड़िता ने की मामले को ट्रांसफर करने की अपील

मिली जानकारी के मुताबिक, दुष्कर्म पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दायर कर उसके केस को लखनऊ से ट्रांसफर करने को कहा है। उसने कहा है कि केस का ट्रायल लखनऊ में न करके कहीं बाहर (दिल्ली) किया जाए। पीड़िता ने कहा कि यहां उसकी जान को खतरा है। पीड़िता की इस अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए मंजूरी भर दी है। अब इस अर्जी पर कोर्ट 2 मार्च को सुनवाई करेगा। साथ ही कोर्ट ने तब तक पीड़िता को सुरक्षा देने के लिए निर्देश जारी किया है।

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क्या है पूरा मामला

दरअसल, करीब चार माह पहले अचानक एक वीडियो वायरल होता है और उस वीडियो मे पूर्व केन्द्रीय ग्रह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयान्नद के कालेज मे पङने वाली लाॅ की छात्रा रो रोकर चिन्मयानंद पर अपहरण का आरोप लगा रही थी। इतना ही नही उस वीडियो मे वह अपनी जान का खतरा भी बता रही थी। आरोप एक बङे नेता एंव संत पर लगा था।

चिन्मयानंद केस: छात्रा के वीडियो का वायरल होना पिता ने बताया साजिश

एफआईआर दर्ज करने में पुलिस ने की थी देर

यही कारण था कि वीडियो मीडिया की सुर्खियां बन गया। हालांकि उस वक्त पीङित छात्रा के परिवार ने चौक कोतवाली जाकर पुलिस से आरोपी चिन्मयान्नद पर कार्यवाई की मांग की थी। लेकिन आरोप ऐसे शख्स पर था जो यूपी के सीएम के बेहद करीबी थे। इसलिए पुलिस कार्यवाई से बचती रही और एफआईआर दर्ज करने मे पुलिस ने दो दिन विलंब कर दिया।

इसी बीच स्वामी चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह मीडिया के सामने आते है और बताते है कि चिन्मयानंद के मोबाइल नंबर पर कुछ अश्लील फोटो भेजे गए है। जिसमें चिन्मयानंद दिखाई दे रहे हैं। और फोटो भेजने वाले शख्स चिन्मयानंद से पांच करोड़ की रंगदारी मांग रहे हैं। साथ ही धमकी भी दी है कि अगर रंगदारी का पैसा नहीं मिला तो वह वीडियो को वायरल करके उनको बदनाम कर देंगे।

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चिन्मयानंद के वकील ने रंगदारी मागने का आरोप यौन शोषण का आरोप लगाने वाली छात्रा और उसके तीन दोस्तों पर लगाया था। इसी के आधार पर उनके वकील ने चौक कोतवाली मे तहरीर दी ओर उस तहरीर के आधार पर पुलिस ने तत्काल मुकदमा भी दर्ज कर लिया। और उसके बाद पुलिस ने पीङित छात्रा के पिता की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया था।

छात्रा ने चिन्मयानंद पर गंभीर आरोप लगाकर अपनी जान का खतरा बताया था

इसी बीच घटना ने इतना तूल पकड़ा कि घटना का संज्ञान सुप्रीम कोर्ट ने ले लिया और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को कुछ घंटे का वक्त देकर छात्रा को बरामद कर उनके सामने पेश करने का निर्देश दिया। दिल्ली पुलिस ओर यूपी पुलिस की संयुक्त टीम ने छात्रा और उसके तीन दोस्तों को राजस्थान से बरामद कर लिया था।

उसके बाद उन्होंने छात्रा और उसके दोस्तों को सुप्रीम कोर्ट के जज के सामने पेश किया। जहां छात्रा ने चिन्मयानंद पर गंभीर आरोप लगाकर अपनी जान का खतरा बताया था। साथ ही छात्रा ने यूपी पुलिस पर भरोसा भी नही दिखाया था। ये सुनकर सुप्रीम कोर्ट ने घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन करने के आदेश दिये।

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एसआईटी की निगरानी हाईकोर्ट को सौंपी गई

साथ ही एसआईटी की निगरानी हाईकोर्ट को सौंपी थी। एसआईटी का चीफ वरिष्ठ आईपीएल नवीन अरोड़ा को बनाया गया। उनकी देखरेख में कई सदस्य टीम पहुंची। उस टीम ने पुलिस लाईन मे अपना आफिस तैयार किया। उसके बाद कई बार एसआईटी ने लाॅ कालेज में जाकर उस कमरे की तलाशी ली। जिसमें पीड़ित छात्रा रहती थी। वहां कई अहम सुबूत एसआईटी को मिले थे। उसके बाद जिस रूम मे छात्रा और चिन्मयानंद का अश्लील वीडियो बनाया गया था।

उस रूम की भी जांच की गई। जहां से एसआईटी को चिन्मयानंद की गिरफ्तारी को लेकर पर्याप्त सुबूत मिल गए थे। उसके बाद 20 सितम्बर 2019 को सुबह 8 बजे एसआईटी ने अचानक स्वामी चिन्मयानंद को गिरफ्तार करके उनको मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर मेडिकल के लिए ले जाया गया। ये खबर फैलते ही शाहजहांपुर मे हङकंप मच गया था।

चिन्मयानंद को 14 दिन कि न्यायिक हिरासत मे जेल भेज दिया था

चिन्मयानंद के समर्थकों को देखते हुए मेडिकल कॉलेज मे भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। मेडिकल कराने के बाद एसआईटी ने आरोपी चिन्मयान्नद को कोर्ट मे पेश किया था। कोर्ट ने चिन्मयानंद को 14 दिन कि न्यायिक हिरासत मे जेल भेज दिया था। उसके उसके बाद करीब दो माह 19 दिन के बाद बीते सोमवार को चिन्मयानंद को अच्छी खबर मिली कि उनको हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है।

हालांकि अभी चिन्मयानंद जेल से बाहर नही आ पाए है। काग़ज़ी कार्यवाई पूरा होने मे करीब सात दिन वक्त बताया गया है। चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने newstrack.com से बात करते हुए कहा कि हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। अभी मिठाई खाने का दिन है। इसलिए ज्यादा कुछ बता पाना मुश्किल है। उनका कहना है कि चिन्मयानंद को अभी जेल से बाहर आने मे करीब एक हफ्ते का समय लग सकता है।

20 सितम्बर 2019 की सुबह करीब 8 बजे आरोपी चिन्मयान्नद की गिरफ्तारी हो गई थी

20 सितम्बर 2019 की सुबह करीब 8 बजे आरोपी चिन्मयान्नद की गिरफ्तारी हो गई थी। 11 बजे तक एसआईटी ने आरोपी चिन्मयान्नद को कोर्ट मे पेश करके 14 दिन की न्यायिक हिरासत मे भेज दिया था। उसके कुछ देर बाद एसआईटी उन तीन युवकों को भी पकड़कर मेडिकल कराने लाई थी। जो यौन उत्पीड़न से पीङित छात्रा के दोस्त थे और वह तीनों दोस्त छात्रा के गायब रहने के दौरान उसके साथ रहे थे। उस दौरान कई जगह के छात्र और छात्रा के मस्ती करते और खाते पीते तक के फोटो और वीडियो वायरल हुए थे।

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जिसमें छात्रा और उसके दोस्तों ने पांच करोड़ की रंगदारी मांगने की बात कबूली थी। वीडियो वायरल होने के बाद एसआईटी ने उन विडियो की जांच कराई। जो जांच मे ठीक पाए थे। जिसके आधार पर एसआईटी ने तीनों दोस्तों को गिरफ्तार करके मेडिकल कराया गया था। जिसके बाद कोर्ट ने तीनों दोस्तों को 14 दिन कि न्यायिक हिरासत मे भेज दिया था।

रंगदारी के मामले में छात्रा हुई थी गिरफ्तार

चिन्मयानंद की गिरफ्तारी के कुछ दिन बाद ही एसआईटी ने छात्रा को भी रंगदारी मांगने के आरोप में गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। छात्रा की गिरफ्तारी के वक्त छात्रा के परिवार ने काफी हंगामा किया था। छात्रा ने पुलिस पर पीटने का भी आरोप लगाया था।

इस घटना मे सभी की गिरफ्तारी हो चुकी थी। लेकिन इस घटना को राजनीति तूल दे दिया था। इस घटना को सपा और कांग्रेस ने जमकर मुद्दा बनाया था। कांग्रेस ने शाहजहांपुर से लेकर लखनऊ तक की बङी रैली निकालने का ऐलान किया था। लेकिन जिला प्रशासन ने उस रैली की परमीशन नहीं थी।

लेकिन रैली निकालने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीव त्यागी से लेकर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष लल्लू सिंह समेत सैंकड़ों नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शाहजहांपुर मे जमावड़ा किया था। लेकिन उस दिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने बल का प्रयोग किया था। इतना ही नही करीब तीन सौ कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं की गिरफ्तारी हुइ थी। लेकिन बाद उनको छोड़ दिया गया था।

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कैसा रहा है चिन्मयानंद के अब तक का सफर

अब बात करते है स्वामी चिन्मयान्नद का राजनीति मे क्या कद है। चिन्मयानंद ने राम जन्मभूमि को लेकर अहम भुमिका निभाई थी। उनके जरिये कई ऐसे संत थे जो राम जन्मभूमि से जुड़े।

उनको पहली बार सन1991 मे बीजेपी ने चिन्मयानंद को बदायूं से टिकट दिया। तब उन्होंने जनता दल के शरद यादव को हराकर सांसद बने थे।

सन 1996 मे चिन्मयानंद ने शाहजहांपुर से चुनाव लड़ा लेकिन हार मिली।

1998 मे उनको मछली शहर और 1999 मे जौनपुर सीट से बीजेपी ने मैदान मे उतारा और दोनो ही सीटो पर उनको जीत मिली।

1999 की जीत के बाद अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार मे चिन्मयानंद को ग्रह राज्यमंत्री बनाया गया था।

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