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हिली दो सरकारें: पढ़ाई में लीचड़ महिला का ऐसा खेल, चौंक गया हर कोई

स्वपना सुरेश इस दिन को कुछ दिन पहले कोई नहीं जानता था, लेकिन आज कारनामों की वजह से ये सोशल मीडिया पर टॉप पर हैं। स्वपना को लेकर 15 करोड़ रूपये के 30 किलोग्राम सोने की स्मग्रलिंग का खुलासा हुआ है।

Newstrack
Published on: 9 July 2020 5:19 PM IST
हिली दो सरकारें: पढ़ाई में लीचड़ महिला का ऐसा खेल, चौंक गया हर कोई
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केरल। स्वपना सुरेश इस दिन को कुछ दिन पहले कोई नहीं जानता था, लेकिन आज कारनामों की वजह से ये सोशल मीडिया पर टॉप पर हैं। स्वपना को लेकर 15 करोड़ रूपये के 30 किलोग्राम सोने की स्मग्रलिंग का खुलासा हुआ है। तो चलिए बताते हैं कि आखिर कौन है स्वपना सुरेश और कैसे क्या है इनसे जुड़ा सोने की स्मग्रलिंग का राज। किस तरह ये केरल से यूएई यानी संयुक्त अरब अमीरात तक इतना लंबा रैकेट चला रही थी।

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इस बार मामला काफी बड़ा

इस मामले से केरल और संयुक्त अरब अमीरात की सरकार बौखलाइ हुई है। क्योंकि संयुक्त अरब अमीरात से पीली धातु यानी सोने की स्मगलिंग ज्यादातर होती आई है। लेकिन इस बार मामला काफी बड़ा है।

इसमें तिरुवनंतपुरम में स्थित यूएई का काउंसलेट जनरल ऑफिस भी शामिल है। पीली धातु सोना आया भी तो डिप्लोमैटिक कार्गो में, जिसकी एयरपोर्ट पर कस्टम जांच नहीं होती है।

सामने आई खबर के अनुसार, केरल में सीएम ने अपने प्रिंसिपल सेक्रेटरी एम. शिवशंकर को इस मामले को लेकर पद से हटा दिया। क्योंकि यूएई के काउंसलेट जनरल ऑफिस में बैठकर सोने की स्मगलिंग का रैकेट चलाने वाली सीनियर ऑफिसर स्वपना सुरेश है। ये काउंसलेट जनरल ऑफिस में बतौर एक्जीक्यूटिव जनरल काम करती है।

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सोना आने की खबर

मिली जानकारी दी गई थी कार्गो में बाथरूम फिटिंग्स, नूडल्स, बिस्किट और खजूर रखे हैं। जिसे शारजाह के अल-जतार स्पाइसेज कंपनी ने भेजा है लेकिन कस्टम अधिकारियों को इसमें सोना आने की खबर मिली थी।

ऐसे में कार्गो को लेने यूएई के काउंसलेट जनरल के पूर्व पीआरओ सरिथ कुमार रिसीव करने आए थे। तो उन्होंने कहा कि वे अब भी काउंसलेट में काम करते हैं। लेकिन काउसंलेट ने कस्टम्स को सूचना दे दी थी कि सरिथ को सालभर पहले निकाल दिया गया है।

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सोने की स्मगलिंग का खुलासा

लेकिन उन्हें कार्गो रिसीव करने का अधिकार नहीं है। कस्टम ने उन्हें कार्गो नहीं दिया। जब काउंसलेट के अन्य अधिकारियों के सामने कार्गो खोला गया तो सोने की स्मगलिंग का खुलासा हुआ।

इसके बाद कस्टम ने तुरंत सरिथ कुमार को गिरफ्तार कर लिया था। सरिथ ने साल 2016 से 2019 तक काउसंलेट में बतौर पीआरओ काम किया। वहीं इसके पहले वह दुबई के कॉमर्शियल बैंक इंटरनेशनल में काम करता था।

इसके बाद जब सरिथ से पूछताछ हुई तो उसने स्वपना सुरेश का नाम लिया। उसने कहा कि सात महीने से काउंसलेट में एक्जीक्यूटिव सेक्रेटरी के पद पर काम कर रही स्वपना सुरेश इस रैकेट को चलाती है।

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ऐसे बुरे कामों में लगे हुए

स्वपना सुरेश भी दुबई में रह चुकी है। उसके पिता का वहां पर व्यवसाय है। वहीं से उसने ऐसे लोगों से संपर्क साधा जो रईस हैं और ऐसे बुरे कामों में लगे हुए थे।

साल 2013 में स्वपना सुरेश ने एआईएसएटीएस नाम की एयरपोर्ट सर्विस फर्म जुड़ गई। यहां पर वह एचआर एक्जीक्यूटिव का काम करने लगी। थोड़े दिन बाद ही उसकी एयरपोर्ट में सभी जगहों पर पहचान हो गई।

फिर उसने एक और सीनियर एक्जीक्यूटिव के साथ मिलकर एक कंपनी बनाई जिसके आधार पर वह एयरपोर्ट के अधिकारियों और कर्मचारियों पर यौन शोषण का केस दर्ज कराती थी।

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स्वपना ने बारहवीं पास भी नहीं की

इसके बाद जब सोने की स्मगलिंग का खुलासा हुआ तब पता चला कि शिवशंकर की सिफारिश पर उसे नौकरी मिली थी। विदेश में स्वपना के भाई ने बताया स्वपना ने बारहवीं पास भी नहीं की है। उसने बोर्ड परीक्षा भी नहीं दी थी।

हालांकि अब कस्टम विभाग की टीम स्वपना सुरेश के साथ-साथ उन सभी लोगों की तलाश में लगी है जो इस स्मगलिंग रैकेट में शामिल हैं। फिलहाल अभी तक सिर्फ सरिथ कुमार की गिरफ्तारी हुई है।

फिलहाल स्वपना सुरेश फरार है। पुलिस और कस्टम के अधिकारी उसकी तलाश में लगे हुए हैं। इसके साथ ये भी पता कर रहे हैं कि मिडिल ईस्ट में कौन है जो स्वपना की मदद कर रहा था। पुलिस अब स्वपना की तलाश में है।

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