×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

कश्मीर के इस अलगाववादी नेता को पाकिस्तान ने दिया सर्वोच्च नागरिक सम्मान

भारत के खिलाफ साजिश रचने में पाकिस्तान कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है। इसी कड़ी में उसने कश्मीर में अपने भारत विरोधी बयानों के लिए जाने जाने वाले हुर्रियत के पुराने नेता सैयद अली शाह गिलानी को पाकिस्तान ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित करने का निणर्य किया है।

Newstrack
Published on: 28 July 2020 9:23 AM IST
कश्मीर के इस अलगाववादी नेता को पाकिस्तान ने दिया सर्वोच्च नागरिक सम्मान
X

जम्मू: भारत के खिलाफ साजिश रचने में पाकिस्तान कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है। इसी कड़ी में उसने कश्मीर में अपने भारत विरोधी बयानों के लिए जाने जाने वाले हुर्रियत के पुराने नेता सैयद अली शाह गिलानी को पाकिस्तान ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित करने का निणर्य किया है।

ये फैसला पाकिस्तानी सीनेट ने सोमवार को लिया। ये तय हुआ कि गिलानी को पाकिस्तान के सबसे बड़े सिविलयन अवॉर्ड निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा गिलानी के नाम पर एक विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव भी रखा गया है।

बताया जा रहा है कि कश्मीर में गिलानी की अलगाववादी गतिविधियों के कारण ही पाकिस्तान ने उसे निशान-ए-पाकिस्तान से नवाजने का फैसला किया है।

पाकिस्तानी सीनेटर मुश्ताक अहमद ने गिलानी को निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित करने का प्रस्ताव लाया था, जिसे वहां के सदन ने ध्वनिमत से पास किया।

पाकिस्तानी सीनेट ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के खत्म होने की पहली वर्षगांठ पर पाक अधिकृत कश्मीर में बनी अपनी कथित विधानसभा में एक विशेष सत्र बुलाने को भी मंजूरी दी है।

राफेल का नाम सुनते ही थर-थर कांप उठे चीन और पाकिस्तान, कल पहुंचेगा भारत

पाकिस्तान से सांठगाठ का आरोप

गिलानी के ऊपर साल 2016 में हुई कश्मीर हिंसा के बाद टेरर फंडिंग के चार्ज भी लगे थे। इसके अलावा गिलानी को एक लंबे वक्त से कश्मीर के उसके घर में नजरबंद भी रखा गया है।

गिलानी ने हाल ही में कश्मीर के अलगाववादी संगठन हुर्रियत से इस्तीफा दे दिया था। सैयद अली शाह गिलानी कश्मीर में आतंकवाद और हिंसा के हालातों के लिए जिम्मेदार लोगों में प्रमुख रूप से नामजद रहा है।

भारत को लगा झटका: इस देश से बिगड़े रिश्ते, चीन-पाकिस्तान से बढ़ी दोस्ती

हुर्रियत से अलग हो गया गिलानी

गिलानी की उम्र 90 साल के आसपास है और वह मूल रूप से बारामुला जिले के सोपोर टाउन का रहने वाला है। गिलानी ने हुर्रियत से इस्तीफा देने के फैसले को आईएसआई की एक चाल भी कहा गया था, हालांकि हुर्रियत के कुछ करीबियों ने ये दावा भी किया था कि गिलानी ने अपने खराब स्वास्थ्य के कारण इस पद से इस्तीफा दिया है।

जमीन हड़पने के लिए मालिक को बताया पाकिस्तानी, अब प्रधान समेत 7 पर FIR



\
Newstrack

Newstrack

Next Story