मुस्लिमों को NPR से खौफ: बैंक से निकाली अपनी सारी सेविंग्स

तमिलनाडु के नागपट्टनम जिले के एक गांव के मुस्लिम समुदाय के तकरीबन 100 से ज्यादा लोगों ने बैंकल में जमा अपनी सेविंग्स का अधिकांश हिस्सा निकाल लिया है।

Shreya
Published on: 25 Feb 2020 4:58 AM GMT
मुस्लिमों को NPR से खौफ: बैंक से निकाली अपनी सारी सेविंग्स
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मुस्लिमों को NPR से खौफ: बैंक से निकाली अपनी सारी सेविंग्स

चेन्नई: तमिलनाडु में मुस्लिम समुदाय के लोगों को अब प्रस्तावित राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) का डर सताने लगा है। जिस वजह से तमिलनाडु के नागपट्टनम जिले के एक गांव के मुस्लिम समुदाय के तकरीबन 100 से ज्यादा लोगों ने बैंकल में जमा अपनी सेविंग्स का अधिकांश हिस्सा निकाल लिया है। ये कदम इन लोगों ने NPR की प्रक्रिया के दौरान अपनी नागरिकता खो देने के डर से उठाया है।

बैंक अधिकारियों ने की लोगों से पैसे न निकालने की अपील

एक वीडियो में देखा जा सकता है कि थेरिझांदुर गांव में स्थानीय लोग इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) के अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं। साथ ही वीडियो में ये भी देखा जा सकता है कि बैंक के अधिकारी उन लोगों से अपना पैसा न निकालने के लिए कह रहे हैं।

बैंक ने लोगों को दिया आश्वासन

शुक्रवार को इंडियन ओवरसीज बैंक के प्रबंधक (Manager) और बैंक के कर्मचारियों ने एक स्कूल परिसर में स्थानीय जमात (मुस्लिम समूह) के प्रतिनिधियों से बातचीत करने पहुंचे और उन लोगों को आश्वासन दिया कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) प्रक्रिया के दौरान दस्तावेज देना अनिवार्य नहीं है और उनकी जमा-पूंजी बैंक में सुरक्षित है।

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CAA लागू होने के बाद से सता रहा डर

हालांकि जमात के मुखिया का कहना था कि गांव वाले संसद के दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के लागू होने के वक्त से ही डर सता रहा है और उन सभी को अपनी मेहनत की कमाई चले जाने का डर सता रहा था।

KYC सूची में शामिल होंगे NPR के डॉक्यूमेंट्स

जमात के मुखिया ने कहा कि हमने ऐसा सुना था कि KYC सूची में NPR के डॉक्यूमेंट्स को भी शामिल किया जाएगा। हम भविष्य में अपनी सेविंग्स को नहीं खोना चाहते। उन्होंने कहा कि हमें यह साफ नहीं है कि हमें नागरिकता साबित करने के लिए कौन से डॉक्यूमेंट्स की जरुरत होगी। इसलिए हमने जो पैसे सालों से जमा किए थे, उन्हें निकालने का फैसला किया है।

लोगों को नागरिकता खोने का है डर

मुखिया ने कहा कि कई सारे गांव वालों को ये लगता है कि उन्हें जल्द ही परेशानी का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि नागरिकता साबित करने के लिए जो डॉक्यूमेंट्स (Documents) जरुरी हैं, वो उनके पास नहीं होंगे।

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यहां से शुरु हुआ कन्फ्यूजन

दरअसल इसी साल जनवरी में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (CBI) ने स्थानीय अखबारों में एक अधिसूचना (Notification) दिया था, जिसके बाद तमिलनाडु के थुथुकुडी जिले के कयालपट्टिनम के स्थानीय लोगों में डर का माहौल पैदा हो गया था। इस अधिसूचना (Notification) में बैंक ने खाताधारकों से KYC दस्तावेजों को जल्द से जल्द जमा करने की अपील की थी। साथ ही साथ ही जिन डॉक्यूमेंट्स को NPR की प्रक्रिया में सबूत के तौर पर स्वीकार किया जा रहा था, उसका भी जिक्र किया गया था।

3 दिनों के अंदर निकाले गए 4 करोड़ रूपये

नोटिफिकेशन जारी करने के कुछ ही वक्त बाद गांव वालों ने (ज्यादातर मुस्लिम शामिल) बैंक से अपनी सेविंग्स निकालनी शुरु कर दी थी। गांव वालों का कहना था कि उन्हें लगता है कि यह किसी न किसी तरह से कॉन्ट्रोवर्शियल नागरिकता संशोधन कानून से संबंधित है। इस दौरान महज 3 दिनों के अंदर बैंक से 4 करोड़ रुपये निकाले गए थे। बता दें कि सेविंग्स निकालने वाले लोगों में से कई ऐसे लोग भी शामिल थे, जिन्होंने अपनी पूरी रकम बैंक से निकाल ली थी।

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