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38 लाशें निकली बाहर: अभी भी लापता 204 लोग, भगवान भरोसे बैठा परिवार
चमोली में शनिवार को तपोवन सुरंग में बड़ी मशीन से ड्रील किया जा रहा है। करीब एक हफ्ते बाद भी राहत और बचाव कार्य जारी है। चमोली में आई इस भीषण आपदा में लापता हुए 206 लोगों में से अभी तक 38 शव बरामद किए जा चुके हैं।
नई दिल्ली। उत्तराखंड के चमोली में शनिवार को तपोवन की सुरंग में बड़ी मशीन से ड्रील किया जा रहा है। करीब एक हफ्ते बाद भी राहत और बचाव कार्य जारी है। चमोली में आई इस भीषण आपदा में लापता हुए 206 लोगों में से अभी तक 38 शव बरामद किए जा चुके हैं। जबकि अभी तक 166 लोग लापता हैं। इनकी तलाश लगातार जारी है। कई दिनों बाद भी मलबा हटाने का काम भी जारी है। रेस्क्यू टीमें बड़ी-बड़ी मशीनों की मदद से लापताओं तक पहुंचने का प्रयास कर रही हैं।
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बड़ी ड्रिल मशीन के पार्ट जोड़े
फोटो-सोशल मीडिया
ऐसे में राहत की बात ये है कि सुरंग में दो लोडर मशीनों से मलबा डंपर के जरिये बाहर लाया जा रहा है। साथ ही मलबा हटाने के काम में भी तेजी आई है। वहीं शुक्रवार रात को 70 डम्पर मलबा निकाला गया। और अभी बड़ी ड्रिल मशीन के पार्ट जोड़े जा रहे हैं ।
इस बारे में चमोली डीएम स्वाति एस भदोरिया ने कहा है कि एनटीपीसी के अनुसार सुरंग के अंदर 136 मीटर तक खोदाई की गई है। लापता 204 व्यक्तियों में से 38 के शव बरामद कर लिए गए हैं। साथ ही आपदा प्रभावित चमोली में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा बैली ब्रिज बनाया जा रहा है।
फोटो-सोशल मीडिया
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बीआरओ दिन-रात काम कर रहा
जानकारी देते हुए बीआरओ के कर्नल बृजेंद्र सिंह सोनी ने बताया कि इस ब्रिज को सबसे तेजी से यहां बनाया जा सकता है। इसके बाद स्थायी रूप से यहां पुल बनाए जाएंगे। यह ब्रिज 200 फीट लंबा है। बड़ी बाधाओं के बाद भी इसे बनाने के लिए बीआरओ दिन-रात काम कर रहा है।
वहीं उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि शुक्रवार को एसडीआरएफ की टीम ऋषिगंगा झील का निरीक्षण करने गई थी। झील से पानी का रिसाव हो रहा है। अब खतरे की कोई बात नहीं है। मैणाणा में शुक्रवार को शव मिलने के बाद सर्च अभियान को हरिद्वार तक बड़ा दिया गया है।
अब तपोवन सुरंग के पास पहुंची बड़ी ड्रिल मशीन के पार्ट्स को जोड़ने का काम जारी है। बताया जा रहा कि संभवत दोपहर बाद से बड़ी ड्रिल मशीन से सुरंग के अंदर ड्रिल कार्य शुरू हो जाएगा। और ड्रिल के बाद वहां कैमरा भेजा जाएगा।
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