TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

मजबूर मजदूर से बोले अधिकारी- नहीं मिल रहा खाना तो कूद जाओ ट्रेन से...

प्रवासियों की हमारे देश में क्या स्थिति है ये इस लॉकडाउन ने दिखा दिया। मजबूरी के मारे मजदूर भूखे-प्यासे अकेली राहों में अपने गृह की ओर बढ़ रहे हैं। लेकिन इनकी स्थिति का ब्यौरा लेने वाले अधिकारियों को इनकी तनिक भी फिक्र नहीं है।

Vidushi Mishra
Published on: 29 May 2020 11:47 AM IST
मजबूर मजदूर से बोले अधिकारी- नहीं मिल रहा खाना तो कूद जाओ ट्रेन से...
X

नई दिल्ली: प्रवासियों की हमारे देश में क्या स्थिति है ये इस लॉकडाउन ने दिखा दिया। मजबूरी के मारे मजदूर भूखे-प्यासे अकेली राहों में अपने गृह की ओर बढ़ रहे हैं। वहीं प्रवासियों को वापस लाने की जिम्मेदारी झारखंड सरकार ने आईएएस अधिकारी एपी सिंह को सौंपा है। लेकिन इस प्रतिष्ठित पद का वे किस तरह से निर्वहन कर रहे हैं वो आपको बताते हैं।

ये भी पढ़ें... देश के कई राज्यों पर इस हमले का खतरा, बचाव के लिए सरकार ने उठाया बड़ा कदम

खाना नहीं मिलने की शिकायत

आईएएस अधिकारी का ये वायरल हो रहा एक ऑडियो क्लिप से इनकी मजदूरों के प्रति कितनी सहानूभूति है वो सामने आ रही हैं। इस ऑडियो क्लिप में एक मजदूर और एपी सिंह की बातचीत रिकॉर्ड है। जिसमें एक मजदूर ट्रेन में सफर के दौरान खाना नहीं मिलने की शिकायत एपी सिंह से करता है, तो फोन पर एपी सिंह उसे ट्रेन से कूद जाने के लिए कहते हैं। फिलहाल हम इस ऑडियो क्लिप की पुष्टि नहीं करते है।

ये भी पढ़ें...कश्मीर में माहौल बिगाड़ने की पाक की बड़ी साजिश, आतंकी संगठनों की कर रहा मदद

देशभर में महामारी कोरोना वायरस की वजह से लगाए गए लॉकडाउन से सबसे ज्यादा परेशानी फंसे मजदूरों को हो रही है। ऐसे में इन मजबूर मजदूरों को मदद देने के लिए सरकार और निजी संस्थाएं भी सामने आई हैं।

जिसके जैसे हुआ घर लौटे

झारखंड की बात करें तो यहां अभी तक लगभग तीन लाख प्रवासी मजदूर घर वापस आ चुके हैं। ट्रेन, बस, ट्रक, पैदल जिसके जैसे हुआ घर लौटे हैं। लेकिन इस हालात में राज्य के एक वरिष्ठ नौकरशाह का इस कदर असंवेदनशील रुख शर्मिंदा करने वाला है।

झारखंड सरकार ने प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए 15 से ज्यादा आईएएस अधिकारियों को राज्यवार नोडल अधिकारी बनाया गया है। इस व्यवस्था को हेड सीनियर आईएएस एपी सिंह ही देख रहे हैं। वे सीधे चीफ सेक्रेट्री को रिपोर्ट करते हैं।

ये भी पढ़ें...शर्मनाक: महिला के साथ अपार्टमेंट-हास्पिटल में ऐसी हरकत, पेट में ही बच्चे ने तोड़ा दम

इन हालातों में मुसीबत में फंसे प्रवासी मजदूर मदद के गुहार लगा सके और अपनी परेशानी बता सकें, इसलिए हर नोडल अधिकारी का नंबर जारी किया गया है। लेकिन एक प्रवासी मजदूर की बेबसी पर एपी सिंह ने कुछ ऐसा कह दिया जिससे पूरी मानसिकता साफ हो गई।

वाक्या है ट्रेन से सफर कर रहे एक मजदूर का, जिसने एपी सिंह को फोन किया और उन्हें अपनी परेशानी बताई, तो आईएएस अफसर ने क्या कहा चलिए बताते हैं...

ऑडियो क्लिप की बातचीत

प्रवासी मजदूरः हैलो सर, हेलो…हेलो….

एपी सिंह : हेलो…

ये भी पढ़ें...एशिया में भारत कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित, एक्टिव केसों के मामले में इस नंबर पर पहुंचा

प्रवासी मजदूरः हेलो सर नमस्कार...

एपी सिंह : नमस्कार...

प्रवासी मजदूरः ये फोन एपी सिंह सर के पास लगा है.

एपी सिंह: कौन आप बोल रहे हैं...

प्रवासी मजदूरः हम लोग झारखंड के प्रवासी मजदूर बोल रहे हैं. स्पेशल ट्रेन से वापस आ रहे हैं सर… सुबह से खाना नहीं मिला है…भूख से परेशान हो गए हैं हम लोग...

एपी सिंह: अच्छा…खाना रेलवे को देना है…रेलवे देगा खाना...

ये भी पढ़ें...कोरोना ने तोड़ा रिकॉर्ड: एक दिन में इतने संक्रमित, मौतों का आंकड़ा जान उड़ जाएंगे होश

प्रवासी मजदूरः कब देगा सर…सुबह में खाली एक पैकेट ब्रेड..एक केला और एक बोतल पानी दिया है…उसी में दिन भर काटना पड़ रहा है सर…कैसे क्या करें…

एपी सिंह: कूद जाइये वहां से…और क्या करिएगा…

प्रवासी मजदूरः कूद जाने से अच्छा रहेगा क्या…

एपी सिंह: रास्ते में जो देना है वो हमको नहीं रेलवे को देना है…

फिर फोन कट गया.....

तो अब आप देख सकते हैं, क्या है मजदूरों की मजबूरी का ये आलम। जिसका आला अधिकारियों द्वारा ही शोषण किया जा रहा है। जिन्हें उन प्रवासियों की सुरक्षा का जिम्मा दिया गया है, वहीं भ्रष्ट है तो इस संकट की घड़ी में कौन सामने आएगा।

ये भी पढ़ें...गंगानदी में अवैध कारोबार: हो रहा जल-जीवों की तस्करी का धंधा



\
Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

Next Story