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सुनो अंग्रेजी वालों! Google की स्टडी में हिंदी से हो जाओगे पीछे

सन् 2011 के एक आकड़ा में यह बात सामने आई है कि भारत की 44 फीसदी आबादी हिंदी बोलती है। हिंदी बोलने लिखने वाले लोग लगातार बढ़ रहे हैं। साथ ही साथ अच्छी बात ये है कि टेक्नोलॉजी में हिन्दी भाषा का इस्तेमाल भी बढ़ रहा है।

Harsh Pandey
Published on: 27 April 2023 4:14 PM GMT (Updated on: 27 April 2023 6:56 PM GMT)
सुनो अंग्रेजी वालों! Google की स्टडी में हिंदी से हो जाओगे पीछे
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नई दिल्ली: हम सभी जानते हैं कि आज हिंदी दिवस है, हर 14 सितंबर को हिंदी दिवस के तौर पर मनाया जाता है। बताते चलें कि आज के दिन ही अर्थात 14 सितंबर 1949 को हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा मिला था।

आकड़ों के मुताबिक...

सन् 2011 के एक आकड़ा में यह बात सामने आई है कि भारत की 44 फीसदी आबादी हिंदी बोलती है। हिंदी बोलने लिखने वाले लोग लगातार बढ़ रहे हैं। साथ ही साथ अच्छी बात ये है कि टेक्नोलॉजी में हिन्दी भाषा का इस्तेमाल भी बढ़ रहा है।

साथ ही आपको बता दें कि अक्सर अंग्रेजी से पिछड़ने और कमतर समझी जाने वाली हिंदी ने इंटरनेट की दुनिया पर भी अपनी पहचान बनाई है।

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बता दें कि इस बारे में गूगल ने कुछ दिलचस्प आंकड़े बताए हैं। गूगल की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि हिंदी जल्द ही अंग्रेजी को पीछे छोड़ देगी।

गूगल केपीएमजी ने अप्रैल 2017 में भारतीय भाषाओं को लेकर एक सर्वे किया था, केपीएमजी रिपोर्ट के मुताबिक 2011 से 2016 के बीच इंटरनेट पर 41 फीसदी की दर से भारतीय भाषाओं का इस्तेमाल बढ़ा है। 2016 के आखिर में इंटरनेट पर भारतीय भाषाओं का इस्तेमाल करने वालों की संख्या बढ़कर 234 मिलियन यानी करीब 23 करोड़ हो गई।

दरअसल, इंटरनेट पर भारतीय भाषाओं में सबसे ज्यादा हिंदी का इस्तेमाल होता है। जल्द ही इंटरनेट पर हिंदी वाले अंग्रेजी को भी पीछे छोड़ देंगे।

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केपीएमजी की रिपोर्ट के मुताबिक 2021 तक भारत में इंटरनेट पर हिंदी का इस्तेमाल करने वाले अंग्रेजी भाषा वालों को पीछे छोड़ देंगे। 2021 तक इंटरनेट में हिंदी का इस्तेमाल करने वालों की संख्या अंग्रेजी वालों से भी ज्यादा हो जाएगी।

भारतीय लोगों के लिए अच्छी खबर है कि इंटरनेट पर हिंदी के साथ दूसरी भारतीय भाषाओं जैसे- मराठी, बंगाली और दक्षिण भारतीय भाषाओं का इस्तेमाल करने वाले भी बढ़े हैं।

इंटरनेट की दुनिया में हिंदी के इस्तेमाल को देखते हुए अब कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियां हिंदी भाषा को देखते हुए अपने फीचर्स बना रही है।

आम बोलचाल की भाषा है हिंदी...

आपको बता दें कि हिंदी भारत की राजभाषा ही नहीं बल्कि आमआम बोलचाल की भाषा भी है। 2001 की जनगणना के मुताबिक करीब 25.79 करोड़ भारतीय हिंदी को अपनी मातृभाषा मानते हैं।

वहीं करीब 42.20 करोड़ लोग 50 बोलियों में से एक के तौर पर इस भाषा को बोलते हैं। 1998 से पहले मातृभाषा के तौर पर इस्तेमाल होने वाली भाषा के रूप में हिंदी को तीसरा स्थान हासिल था।

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हिंदी का राजभाषा तक का सफर...

भारत की स्वतंत्रता के बाद किस भाषा को राजभाषा बनाई जाए, इसको लेकर बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा हो रहा था। हालांकी भारत में सैकडों भाषाएं बोली जाती हैं। उनमें से किसी एक भाषा को चुनना काफी मुश्किल काम था। भारतीय संविधान को बनाने के लिए 6 दिसंबर 1946 को संविधान सभा का गठन हुआ। 26 नवंबर 1949 को संविधान के अंतिम प्रारुप को मंजूरी दी गई. 26 जनवरी 1950 को भारत ने अपना संविधान अपनाया।

बताया जाता है कि भाषा के लिए संविधान सभा में भी बहुत प्रश्न खड़े हुए। कुछ लोग हिंदी के साथ अंग्रेजी को भी शामिल करवाने के पक्षधर थे। काफी विचार विमर्श के पश्चात 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से फैसला लिया कि हिंदी ही भारत की राजभाषा होगी।

गौरतलब है कि देश भर में आज से हिन्दी पखवाड़ा शुरू हो गया है।

Harsh Pandey

Harsh Pandey

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