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टूलकिट पर बड़ा खुलासा: ऐसे तैयार की गई साजिश, जानिए क्या था पूरा प्लान

टूलकिट साजिश में पोएटिक फाउंडेशन शामिल है। पुलिस का कहना है कि टूलकिट में गलत जानकारियां दी गई हैं। पुलिस के मुताबिक, इस टूलकिट को जनवरी में तैयार किया गया, ताकि किसान आंदोलन को बढ़ाया जा सके।

Shreya
Published on: 15 Feb 2021 5:56 PM IST
टूलकिट पर बड़ा खुलासा: ऐसे तैयार की गई साजिश, जानिए क्या था पूरा प्लान
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टूलकिट पर बड़ा खुलासा: ऐसे तैयार की गई साजिश, जानिए क्या था पूरा प्लान

नई दिल्ली: भारत में टूलकिट मामले को लेकर बवाल मचा हुआ है। इस केस में बेंगलूरू की पर्यावरण कार्यकर्ता 22 वर्षीय दिशा रवि को दिल्ली पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया है। अब ये मसला बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है। दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद कई बड़े नेताओं ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। वहीं दूसरी ओर दिल्ली पुलिस अब दिशा रवि के साथियों की तलाश में है।

टूलकिट बनाने वालों पर शिकंजा

बता दें कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और केजरीवाल समेत कई बडे़ विपक्षी नेताओं ने सरकार पर हमला बोला है और दिशा रवि की गिरफ्तारी को गलत ठहराया है। वहीं दिल्ली पुलिस इस मामले में लगातार एक्शन लेने में जुटी हुई है। इस क्रम में उसे दिल्ली पुलिस निकिता और शांतनु की तलाश में जुट गई है। बताया जाता है कि टूलकिट तैयार करने में दिशा के साथ ये दोनों भी शामिल थे।

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दरअसल, दिल्ली पुलिस ने टूलकिट को तैयार करने वालों पर शिकंजा शुरू कर दिया है। इस केस में एक गिरफ्तारी हो चुकी है, जबकि अन्य तीन की तलाश जारी है। बता दें कि इस केस में खालिस्तानी कनेक्शन की भी जांच की जा रही है। पुलिस ने आरोप लगाया है कि टूलकिट मामला खालिस्तानी ग्रुप को दोबारा खड़ा करने और भारत सरकार के खिलाफ एक बड़ी साजिश है।

desha ravi (फोटो- सोशल मीडिया)

पुलिस ने मामले में बताईं ये बातें

दिल्ली पुलिस ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि टूलकिट साजिश में पोएटिक फाउंडेशन शामिल है। पुलिस का कहना है कि टूलकिट में गलत जानकारियां दी गई हैं। पुलिस के मुताबिक, इस टूलकिट को जनवरी में तैयार किया गया, ताकि किसान आंदोलन को बढ़ाया जा सके और इसे विदेशों में ले जाया सके। साथ ही विदेशों में भारत के दूतावास को टारगेट किया जा सके।

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जूम मीटिंग में तैयार किया गया प्लान

पुलिस के मुताबिक, 11 जनवरी को एक जूम मीटिंग की गई थी, जिसमें दिशा रवि, निकिता और शांतनु शामिल थे। इसमें MO धालीवाल भी शामिल हुए थे। पुलिस ने बताया कि इस मीटिंग में करीब 60 से 70 लोग शामिल हुए थे। इस दौरान तय किया गया कि 26 जनवरी से पहले ट्विटर स्टॉर्म पैदा किया जाएगा। पुलिस का दावा है कि इस मीटिंग में ट्विटर स्टॉर्म के लिए हैशटैग तय किया गया और पूरा प्लान बनाया गया।

साइबर सेल के ज्वाइंट सीपी प्रेम नाथ ने कहा पुलिस का कहना है कि ये लोग जितना हो सके उतना दुष्प्रचार करना चाहते थे। मिली जानकारी के मुताबिक, दिशा और निकिता के लैपटॉप से आपत्तिजनक सूचनाएं भी बरामद की गई हैं। अब तक इस मामले में जो तीन मुख्य नाम शामिल आए हैं, वो दिशा रवि, निकिता जैकब और शांतनु हैं।

क्या आरोप है दिशा रवि पर

पर्यावरण कार्यकर्ता 22 वर्षीय दिशा रवि पर आरोप है कि उन्होंने किसान आंदोलन के समर्थन में बनाई गई टूलकिट को एडिट किया है और उसे सोशल मीडिया पर शेयर किया है। यह वहीं टूलकिट है, जिसे स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने सोशल किया था। दिल्ली पुलिस का कहना है कि दिशा रवि उस टूलकिट की एडिटर हैं और उस दस्तावेज़ को तैयार करने से लेकर उसे सोशल मीडिया पर साझा करने वाली मुख्य साज़िशकर्ता हैं।

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