×

वाहनों के इस्तेमाल पर अभी और होंगे बदलाव

भारत में सड़क परिवहन के इस्तेमाल पर अभी और कई बदलाव होने वाले हैं। 1 सितम्बर से लागू जुर्माने आदि के नए प्रावधान इन्हीं बदलावों का एक हिस्सा हैं। केंद्र की मोदी सरकार सडक़ सुरक्षा, परिवहन, वाहन रखरखाव, थर्ड पार्टी बीमा जोखिम आदि मसलों के बारे में विस्तृत नियम तैयार कर रही है।

Dharmendra kumar
Published on: 4 Sept 2019 4:11 PM IST
वाहनों के इस्तेमाल पर अभी और होंगे बदलाव
X

नील मणि लाल

लखनऊ: भारत में सड़क परिवहन के इस्तेमाल पर अभी और कई बदलाव होने वाले हैं। 1 सितम्बर से लागू जुर्माने आदि के नए प्रावधान इन्हीं बदलावों का एक हिस्सा हैं। केंद्र की मोदी सरकार सडक़ सुरक्षा, परिवहन, वाहन रखरखाव, थर्ड पार्टी बीमा जोखिम आदि मसलों के बारे में विस्तृत नियम तैयार कर रही है। सरकार का इरादा है कि सडकें, राहगीर और वाहन सुरक्षित बनाए जाएं। इस दिशा में दशकों बाद एक ठोस पहल की गई है।

मोटर व्हीकल संशोधन एक्ट 2019 के लागू हो जाने के साथ साथ केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक वाहन समेत परिवहन के नए क्षेत्रों के बारे में नियम कायदे तय करने के लिए आधा दर्जन कमेटियां गठित की हैं। इन कमेटियों में मंत्रालय के सीनियर अफसरों के अलावा राज्यों के प्रतिनिधि और सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स (सियाम), इन्श्योरेंस डेवलपमेंट एंड रेग्यूलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (इरडाई), एसोसियेशन ऑफ स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग्स और ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसियेशन ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। ये कमेटियां विभिन्न स्टेकहोल्डर्स से बातचीत कर उनके विचार जानेंगी जिसके बाद नियम बनाए जाएंगे।

यह भी पढ़ें...लड़कियों की गुंडई! पहुंची 25 लड़कों के साथ, मार-मार कर किया बुरा हाल

मोटर वाहन निर्माता कंपनियों पर सेफ्टी की नकेल

मोटर व्हीकल संशोधन एक्ट 2019 के जरिए पहली बार ये नियम बनाया गया है कि यदि किसी वाहन के निर्माण में किसी त्रुटि के कारण पर्यावरण, वाहन मालिक अथा सडक़ पर चलने वाले व्यक्ति को कोई नुकसान पहुंचता है तो केंद्र सरकार को यह अधिकार होगा कि वह ऐसे वाहनों को वापस बुलाने का आदेश दे सके। अभी तह ये होता था कि किसी वाहन में कोई मैन्यूफैक्चरिंग गड़बड़ी होने पर वाहन निर्माता स्वेच्छा से ऐसे वाहन वापस बुला कर खराब पुर्जे आदि बदलती थीं।

नए कानून के अनुसार अगर कोई वाहन निर्माता त्रुटिपूर्ण प्रोडक्शन या घटिया सामग्री के इस्तेमाल का दोषी पाया जाता है तो वाहन निर्माता को खरीदार को वाहन की पूरी कीमत वापस करनी होगी या फिर खराब वाहन को बदल कर बेहतर या वैसा ही मॉडल देना होगा। मोटर वाहन के मानकों का पालन न करने वाली कंपनियों पर 100 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने का भी अधिकार केंद्र को दिया गया है।

यह भी पढ़ें...मचा हड़कंप: भाजपा नेता की गोली मारकर हत्या, फरार हुए बदमाश

दरसअल 2015 में जर्मन वाहन निर्माता फॉक्सवैगन को प्रदूषण संबंधी मानक का पालन न करने का दोषी पाया गया था। इसी घटना के बाद सरकार ने नए कानून में त्रुटिपूर्ण वाहनों से संबंधित धाराएं जोडने का फैसला किया। वाहन वापस बुलाए जाने संबंधी तरीके के बारे में उचित प्रक्रिया बनाई जा रही है, क्योंकि किसी एक शिकायत पर सरकार किसी वाहन निर्माता को वाहन वापस लेने का आदेश नहीं दे सकती।

टैक्सी कंपनियों के लिए नियम

परिवहन मंत्रालय एप आधारित टैक्सी सर्विस के बारे में नियम कायदे जल्द ही जारी करेगा। सरकार की योजना ओला-ऊबर जैसी कंपनियों को नियमों के दायरे में लाना चाहती है ताकि उनकी भी जिम्मेदारियां तय की जा सकें। राज्यों को एप आधारित टैक्सी कंपनियों को लाइसेंस देने का अिधकार दिया जाएगा। इसके अलावा ऐसी कंपनियों को आईटी एक्ट के दायरे में लाया जाएगा।

यह भी पढ़ें...Maruti Suzuki के इन कारखानों में 2 दिनों तक नहीं बनेगी एक भी कार, लेकिन क्यों?

रोड सेफ्टी बोर्ड

सरकार की योजना एक सडक़ सुरक्षा बोर्ड बनाने की है। कानून के अनुसार, ये बोर्ड सडक़ सुरक्षा और ट्रैफिक मैनेजमेंट पर केंद्र व राज्यों को सलाह देगा। इसमें वाहनों के मानक, वाहनों की नई टेक्रोलॉजी के प्रमोशन और सडक़ सुरक्षा के मानक तय करना भी शामिल होगा।

इन्सानी दखल कम से कम रखने की कोशिश

सरकार का मानना है कि भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए सिस्टम से इन्सानी दखलंदाजी कम से कम रखने की आवश्यकता है। इसके लिए सीसीटीवी द्वारा इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम संबंधी प्रावधान भी नियमों में शामिल करने की आवश्यकता जताई जा रही है।

यह भी पढ़ें...6 भौकाली टीचर: जिनके बारे में सुनकर आप भी कहने लगेंगे वाह

एडीबी से मदद

सडक़ सुरक्षा के लिए भारत को एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) से भी मदद मिली है। अगले तीन साल में एडीबी सडक़ सुरक्षा और पाइप से पानी सप्लाई के लिए भारत को 12 अरब डॉलर की मदद देगा। सडक़ सुरक्षा के अलावा इलेक्ट्रिक वाहन व बैटरी के क्षेत्र में इस पैसे को खर्च किया जाएगा।

आंध्र की अनूठी पहल

सडक सुरक्षा व डिफाल्टर्स पर लगाम कसने के लिए आंध्र प्रदेश सरकार ने जनता की मदद लेने का फैसला किया है। अब राज्य में कोई भी व्यक्ति ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों की फोटो खींच कर पुसिल को व्हाट्सएप्प कर सकेगा जिसके आधार पर कानून तोडने वाले पर जुर्माना ठोंका जाएगा। विजयवाड़ा में हाल ही में आंध्र के परिवहन मंत्री पी वेंटारमैया ने नई योजना की शुरुआत की। लोगों को बस इतना करना है कि वो नियम तोडऩे वाले ड्राइवर के वाहन की नंबर प्लेट समेत फोटो खींच कर 9542800800 पर व्हाट्सअप कर दें। यही फोटो कानून उल्लंघन का सबूत मानी जाएगी।

यह भी पढ़ें...डकैती मेरे घर में, मुझे ही बना डाला चोर: पूर्व सीएम का आरोप

'दिखाई देने योग्य' ट्रैफिक अपराधों में बिना हेल्मेट ड्राइविंग, ड्राइविंग के दौरान मोबाइल फोन पर बात करना, गलत दिशा में ड्राइविंग, सिग्नल का पालन न करना, ओवरलोडिंग, टूव्हीलर पर दो से ज्यादा लोगों की सवारी, बिना ढंके ट्रक पर सामान ले जाना आदि शामिल है। जनता सडक़ दुर्घटना की भी जानकारी व्हाट्सअप पर दे सकती है। वैसे, इस तरह की योजना केरल, चेन्नई और गोवा में भी शुरू की जा चुकी है।

17 साल पहले हुई थी शुरुआत

मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन करने में 17 साल का लंबा वक्त लगा है। 2002 में मोटर वहीकल एक्ट 1988 को पूरी तरह बदलने या संशोधित करने का सिफारिश की गई थी। एक अच्छे काम में भी इतना वक्त लग गया। वैसे सरकार का इरादा तो सडk सुरक्षा के नियमों को बेहद सख्त बनाने का था, लेकिन कांग्रेस, टीएमसी, व कई अन्य विपक्षी दलों ने इसमें अड़ंगे लगा दिए। नतीजतन कई प्रवाधानों को संशोधित कानून में शामिल नहीं किया गया या नरम कर दिया गया।

2002 में भारत में सड़क दुर्घटनाओं में करीब 75 हजार मौतें हुईं थीं जो 2019 आते आते डेढ़ लाख प्रति वर्ष पहुंच गईं। भारत में दुनिया के मात्र 2 फीसदी वाहन हैं, लेकिन सडक हादसों में कुल मौतों का 11 फीसदी हिस्सा भारत का है। भारत में मोटर व्हीकल एक्ट सबसे पहले 1914 में बना था। 1939 में इसमें बदलाव हुआ। इसके बाद 1988 में बदलाव हुए, लेकिन ट्रांसपोर्ट सेक्टर को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रोड सेफ्टी के पहलू को नजरअंदाज कर दिया गया।

यह भी पढ़ें...Jio करेगा सुरक्षा! आपके घर के लिए लांच हुआ JioGate

ट्रैफिक सेफ्टी पर सरकारों का रवैया इसी से नजर आता है कि बंगाल, मध्य प्रदेश और राजस्थान ने संशोधित कानून अपने यहां लागू नहीं करने का ऐलान कर दिया है।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story