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तीन तलाक पर मीनाक्षी लेखी ने लगा दी अखिलेश यादव की क्लास
तीन तलाक बिल को लेकर लोकसभा में गुरुवार को चर्चा हो रही है। बिल पर चर्चा के दौरान बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी लोकसभा में ट्रिपल तलाक को लेकर अपना पक्ष रख रही थीं। इस दौरान उन्होंने एक टिप्पणी की जिस पर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा सांसद अखिलेश यादव भड़क गए।
नई दिल्ली: तीन तलाक बिल को लेकर लोकसभा में गुरुवार को चर्चा हो रही है। बिल पर चर्चा के दौरान बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी लोकसभा में ट्रिपल तलाक को लेकर अपना पक्ष रख रही थीं। इस दौरान उन्होंने एक टिप्पणी की जिस पर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा सांसद अखिलेश यादव भड़क गए। इसके बाद दोनों सासंदों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई।
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बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने लोकसभा में चर्चा करते हुए कहा, 'निकाह निकाह न रहा, मजाक बन गया। तलाक, तलाक, तलाक और तलाक हो गया। कुछ करने की जरूरत नहीं। आपने कहा और खत्म। एक बेबस औरत बच्चों के साथ घर के बाहर। एक औरत क्या सिर्फ बीवी होती है, उसके कोई मां-बाप नहीं हैं। उसका क्या कोई परिवार नहीं है। क्या वह किसी की बहन नहीं है। क्या वह किसी की बेटी नहीं है।
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लेखी ने कहा कि जो लोग धर्म के नाम पर साक्ष्य देना चाहते हैं तो मैं उनको बता दूं कि धर्म के प्रति कानून अंधा है।' इस बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीच में टीका टिप्पणी की, जिस पर बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने भी कहा कि बीच में टोका-टोकी मत कीजिए, अच्छा संदेश नहीं जा रहा है।
मीनाक्षी लेखी का अखिलेश पर निशाना
अखिलेश यादव की ओर से कई बार टोकने पर मीनाक्षी लेखी बिफर गईं। इसके बाद उन्होंने अखिलेश यादव पर ही हमले करने शुरू कर दिए। मीनाक्षी लेखी ने कहा, 'अखिलेश यादव ने अगर अपने कार्यकाल में उत्तर प्रदेश के अंदर शरिया अदालतें बंद कर दी होतीं, तो वहां की महिलाओं के साथ अन्याय नहीं हुआ होता। महिलाओं से अन्याय का सबसे मुख्य कारण वे शरिया अदालतें हैं, जो इनके समय चलती रहीं। मुख्यमंत्री थे यह। किस तरह के मुख्यमंत्री थे यह? जो मुस्लिम महिलाओं के हकूकों को नहीं बचा सके।'
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बीजेपी सांसद के इस बयान बाद अखिलेश यादव भड़क गए। वह अपनी सीट से उठे और अपनी बात रखना शुरू किए। स्पीकर ने उन्हें शांत करते हुए कहा कि वह अपनी बारी आने पर बात रखें। अखिलेश यादव नहीं माने और फिर अपनी सीट से खड़े होकर विरोध जताने लगे।