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सावधान रहे जादू-टोने से: मौत ने छीन ली परिवार की खुशियां

खबर पश्चिम बंगाल के मालदा जिले से है, जहां पर बच्चों पर जादू टोने के चलते दो बच्चों की मौत हो गई, जबकि दो अन्य बच्चे बीमार हो गए हैं। यह पूरी घटना बीते शुक्रवार रात गजोले थाना क्षेत्र के कदमताली गांव में हुई थी।

Shreya
Published on: 15 Feb 2020 4:24 PM IST
सावधान रहे जादू-टोने से: मौत ने छीन ली परिवार की खुशियां
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प्रतीकात्मक चित्र

मालदा: खबर पश्चिम बंगाल के मालदा जिले से है, जहां पर बच्चों पर जादू टोने के चलते दो बच्चों की मौत हो गई, जबकि दो अन्य बच्चे बीमार हो गए हैं। यह पूरी घटना बीते शुक्रवार रात गजोले थाना क्षेत्र के कदमताली गांव में हुई थी। इस घटना की जानकारी पुलिस के अधिकारी ने शनिवार को दी।

दो बच्चों की हो गई मौत, अन्य बच्चे अस्पताल में भर्ती

मामले में पुलिस जिला अधीक्षक आलोक रजोरिया ने बताया कि जिन दो बच्चों की मौत हुई है, उनकी उम्र 5 और 7 साल थी। जबकि बीमार हुए दो अन्य बच्चों की उम्र 3 और 6 साल है, दोनों बच्चियां बहनें हैं, जिनको मालदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है और बच्चों की मौत के कारणों का पता लगाया जा रहा है।

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जहरीला फल खाने से हुई मौत

मिली जानकारी के मुताबिक, ये बच्चे पास के एक जंगल में खेलने गए थे। इस मामले में पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शुरुआती जांच से ये लगता है कि बच्चों ने जंगल में कोई जहरीला फल खा लिया था। शुक्रवार शाम जंगल से वापस लौटने के बाद सभी बच्चे बेहोश हो गए।

बच्चों पर किया गया जादू-टोना- परिजन

हालांकि बच्चों के परिजनों का मानना था कि बच्चों पर जादू-टोना किया गया है। ऐसे में वे अपने बच्चों को तांत्रिकों के पास लेते गुए, जहां पर दो बच्चों की मौत हो गई। जबकि अन्य बच्चों की हालत गंभीर हो गई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया।

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बच्चे बच जाते अगर, उन्हें हॉस्पिटल ले जाते- दीपाली बिस्वा

बच्चों के परिजन ने बताया कि चारों लड़कों और दोनों लड़कियों पर जादू-टोना किया गया था। वहीं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की स्थानीय विधायक दीपाली बिस्वास ने शनिवार को गांव का दौरा किया और हॉस्पिटल जाकर बच्चों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि यह अंधविश्वास का मामला है। उन्होंने कहा कि बच्चे शायद बच गए होते अगर उनके परिजन उन्हें तांत्रिकों के पास ले जाने के बदले उन्हें डॉक्टर के पास ले कर जाते। मैंने ग्रामीणों से ऐसे अंधविश्वास वाली बातों में यकीन न करने की अपील की। स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि चिकित्सीय टीम को गांव भेजा गया है।

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