हाउडी मोदी पर राहुल गांधी को मिला करारा जवाब, बरस पड़ीं उमा भारती  

देश की अर्थव्यवस्था को लेकर मंदी होने को एक तरह की अफवाह बता रही और कह रही है जो फैक्टरियां बंद होने की स्थिति में आई है उसका कारण गुणवत्ता की कमी है उमा भारती ने कहा मोदी सरकार ने ऐसी योजनायें बना दी है कि भारत में अब कोई भूख से नही मरता है।

SK Gautam
Published on: 23 May 2023 10:33 PM GMT
हाउडी मोदी पर राहुल गांधी को मिला करारा जवाब, बरस पड़ीं उमा भारती  
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उत्तराखंड: भाजपा की वरिष्ठ नेत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती हरिद्वार पहुची जहां उन्होंने वीआईपी घाट पर मां गंगा की आराधना की । उमा भारती ने हाउडी मोदी को लेकर राहुल गांधी द्वारा कसे गए तंज पर राहुल गांधी को बेचारा कहते हुए कहा कि यह जलन और द्वेष है। राहुल गांधी केलकुलेट करते रह जाएंगे कि हमने कितने रोटियां खाई और कितने पकोड़े खाये और जैसे अमेठी से हारे अगली बार वो वायनाड से भी हार जाएंगे।

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उमा भारती ने कहा भारत में अब कोई भूख से नही मरता है

देश की अर्थव्यवस्था को लेकर मंदी होने को एक तरह की अफवाह बता रही और कह रही है जो फैक्टरियां बंद होने की स्थिति में आई है उसका कारण गुणवत्ता की कमी है उमा भारती ने कहा मोदी सरकार ने ऐसी योजनायें बना दी है कि भारत में अब कोई भूख से नही मरता है।

उमा भारती ने लोहारी नागपाला को पुनर्जीवित करने का विरोध किया और ऐसा करने को गंगा का अपमान करना बताया है उन्होंने पर्यावरण क्लियरेंस मिलने की जांच भी कराए जाने की वकालत की

राहुल गांधी द्वारा हाउडी मोदी को लेकर तंज करने पर और सबसे महंगा इवेंट बताये जाने पर उमा भारती का कहना है कि उनको लगता था कि देश के बाहर जो भी उनकी पूछ परख होती थी चाहे मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री हो तब भी सोनिया राहुल की ही होती थी अब जब कोई दूसरा व्यक्ति जिसका कोई परिवार ही नही है।

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जिसका पूरा देश परिवार है और किसकी माँ 100 वर्ष की होने को है और वो बेटे के राज काज में बिल्कुल रुचि नही लेती सिर्फ आशीर्वाद देती है ऐसा व्यक्ति पूरी दुनिया में उसकी हीरोवरशिप हो रही है यह जलन है द्वेष है महंगा इवेंट होने से भारत के ऊपर उसका क्या बोझ पड़ने वाला है जो लोग इवेंट कर रहे है कर रहे है खुशियां मना रहे है फिर तो दीपावली और दशहरा भी महंगे इवेंट है इसलिए महंगे और सस्ते की बात नही है।

बेचारे राहुल तो हमेशा कैलकुलेट ही करते रह जाएंगे की हमने कितनी रोटिया खाई

भारत की अर्थव्यवस्था पर उस इवेंट से अच्छा ही असर पड़ने वाला है दुनिया के इन्वेस्टर्स आकर्षित होंगे भारत की ओर आएंगे मोदी जी की अपील देखेंगे पूरी दुनिया मे इसलिए बेचारे राहुल तो हमेशा कैलकुलेट ही करते रह जाएंगे की हमने कितनी रोटिया खाई और हमने कितने पकोड़े खाये और जैसे अमेठी से हारे वैसे ही अगली बार ने वायनाड से भी हार जायेंगे

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पूरा विपक्ष मोदी सरकार को अर्थव्यवस्था को लेकर गिर रहा है इसपर उमा भारती का कहना है कि एक एक करके केंद्र की सरकार ऐसे निर्णय ले रही है जिससे देशवासियों को हर तरीके की राहत महसूस हो यह एक तरीके की अफवाह फैलाई गई थी कि मंदी दौर है इसमें कुछ तो ऐसे भी लोग है जो मंदी के शिकार नही हुए है बल्कि अपनी कवालटी की कमी के शिकार हुए है मैं उन फैक्टरियों के नाम नही लुंगी वो बंद होने की स्थिति में आए तो उनकी अपनी कवालटी में भी कही कमी रही उमा भारती ने कहा की भारत में अब कोई भूख से नही मरता हर एक को रोजगार के अवसर है योजनाये ऐसी बना दी गयी है अब हमारे देशवासियों को यह सीखना है कि रोजगार का मतलाब सिर्फ व्यापार या सरकारी नौकरी नही होती रोजगार का मतलब स्वरोजगार भी है और स्वरोजगार के अवसर देश मे केंद्र सरकार ने क्रिएट कर दिए है बस उसका लाभ उठाना है ।

लोहारी नागपाल परियोजना द्वारा शुरू किए जाने पर उमा भारती का कहना है कि अगर ऐसा होता है तो फिर पूरा मामला गंगा का कंट्रोवसी में आएगा में लोहारी नागपाल परियोजना को पुर्नरजीवित करने के बिल्कुल विरोध में हूँ। इसलिए इसे फिर से रिवाइव करना यह एक प्रकार से गंगा का अपमान करना है और स्वयं प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को लालकिले से घोषणा की थी कि पुरानी सरकारों के जो अच्छे निर्णय है।

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उनको हम पलटेंगे नही यह एक बहुत अच्छा निर्णय था जो उस समय लिया गया था आडवाणी जी उसके लिए मध्यस्त बने थे और कुछ संत भी इस परियोजना को बंद करने की आडवाणी जी की भी पहल थी इसलिए ऐसा नही है कि वो केवल मनमोहन सिंह सरकार का फैसला था उसमे आडवाणी जी का भी बहुत बड़ा रोल था।

मैं इस परियोजना के बिलकुल खिलाफ हूं इससे कोई रोजगार नही मिलने वाला है उमा भारती का कहना है कि पावर कंपनियां सिर्फ पैसे कमाने के लिए ही काम करती है इनकी पर्यावरण क्लीयरेंस हो गयी है जिसमे की बहुत लंबा समय लगता है मैं तो चाहती हूँ कि इसकी जांच होनी चाहिए कि इनको इन्वारटलेस्ट ने क्लीरेन्स कैसे दी इसमें तो मुझे लगता है कि बहुत लोग जेल जा सकते है क्योंकि जो पर्यावरण क्लीरेंसे इन प्रोजेक्ट की मिली है इसमें न तो जीव जंतुओं का ध्यान रखा और न पेड़ पौधों का ध्यान रखा गया और जो जीव जंतु वहां पानी पीकर जी रहे है ना उनका ध्यान रखा गया

SK Gautam

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