उत्तराखंड में जल-सैलाब: तत्काल खाली हो रही ये जगहें, मरने वालों की संख्या में तेजी

देवभूमि में आई भीषण आफत से देशभर में हाहाकार मच गया है। ग्लेशियर फटने से जल-सैलाब अब नीचे के इलाके में तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में टीमे लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर पहुंच रहे हैं। महासंकट की इस घड़ी में उत्तराखंड के लिए देशवासी सलामती की दुआ मांग रहे हैं।

Vidushi Mishra
Published on: 7 Feb 2021 8:32 AM GMT
उत्तराखंड में जल-सैलाब: तत्काल खाली हो रही ये जगहें, मरने वालों की संख्या में तेजी
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देवभूमि में आई भीषण आफत से देशभर में हाहाकार मच गया है। ग्लेशियर फटने से जल-सैलाब अब नीचे के इलाके में तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में टीमे लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर पहुंच रहे हैं। महासंकट की इस घड़ी में उत्तराखंड के लिए देशवासी सलामती की दुआ मांग रहे हैं।

उत्तराखंड: उत्तराखंड देवभूमि के चमोली में ग्लेशियर फटने से वजह तबाही जैसा मंजर नजर आ रहा है। धौलीगंगा से होता हुआ जल-सैलाब अब श्रीनगर तक पहुंच गया है। अभी भी पानी का बहाव बहुत तेज है लगातार बढ़ते खतरे को देखते हुए राहत बचाव एसडीआरएफ और एऩडीआरएफ की टीमें रवाना की गई है। चमोली में प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर तुरंत का तुरंत जाने के निर्देश दिए गए हैं। मिली सूचना से तपोवन रैणी क्षेत्र में ग्लेशियर आने के कारण ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को काफी नुकसान पहुंचा है। जिससे नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है।

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लगातार जल-सैलाब के बढ़ने से बढ़ता खतरा

chamoli फोटो-सोशल मीडिया

बताया जा रहा कि ऋषिगंगा नदी पर बन रहा हाइड्रो प्रोजेक्‍ट का बांध टूटा। ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट के भस्म हो जाने की खबर मिल रही है। इस प्रोजेक्ट के टूटने से बहुत बड़ा नुकसान होने की बात कही जा रही है। ये 24 मेगावाट का प्रोजेक्‍ट निर्माणाधीन था। इसमें कई मजदूरों के बहने की आशंका।

ऐसे में बताया जा रहा है हिमखंड टूटने के बाद नदी में बाढ़ जैसे हालात पैदा हुए। राज्‍य आपदा प्रबंधन विभाग ने जारी किया अलर्ट। लगातार बढ़ रहे जल-स्तर को देखते हुए अलकनंदा नदी किनारे रह रहे लोगों से अपील है जल्दी से जल्दी सुरक्षा की दृष्टि से सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।'

CHAMOLI GLACIER फोटो-सोशल मीडिया

साथ ही अलकनंदा नदी और धौली नदी के किनारे रहने वाले लोगों के लिए अलर्ट जारी करते हुए अब ऊपरी इलाकों में जाने के लिए कहा जा रहा है। पानी के निचले स्तर से भरने की वजह से लोगों को वहां से हटने के लिए कहा जा रहा है।

ऐसे में आईटीबीपी के मुताबिक, 'रेणी गांव के नजदीक धौलीगंगा में भयानक बाढ़ देखी गई है जहां बादल फटने या जलाशय के टूटने के चलते जल निकायों में बाढ़ आ गई है और नदी किनारे स्थित कई घर तबाह हो गए हैं। हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है। आईटीबीपी के सैकड़ों जवान रेस्क्यू के लिए रवाना हो गए हैं।'

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नदियों के आसपास के इलाके खाली

Chamauli फोटो-सोशल मीडिया

तबाही के तेजी से बढ़ने की आशंका के चलते श्रीनगर गढ़वाल धारी देवी मंदिर परिसर पुलिस प्रशासन ने खाली करवाना शुरू कर दिया है। हरिद्वार तक में अलर्ट जारी कर दिया गया है। चमोली जिले में सुरक्षा को देखते हुए कर्णप्रयाग का बाजार खाली करवाया जा रहा है। पावर डैम ध्वस्त होने की सूचना है। तेजी से हो रहे पानी के रिसाव के खतरे को देखते हुए एसडीआरफ की टीम पहुंच गई है।

इसके साथ ही तेजी से बढ़ रहे बाढ़ के खतरे को देखते हुए तपोवन से लेकर हरिद्वार तक के सभी जिलों में अलर्ट जारी करने के साथ ही गंगा और उसकी सहायक नदियों के किनारे के रास्ते बंद कर दिए गए हैं। गंगा के किनारे के सभी कैंपों को खाली कराया जा रहा है।

बताया जा रहा कि कैंपों की संख्या 600 के लगभग है। गंगा व उसकी सहायक जिन नदियों में बाढ़ का खतरा है, वहां आसपास की बस्तियों को खाली करा दिया गया है। स्थिति पर निरंतर नजर रखी जा रही है। इसके साथ ही ऋषिकेश में भी अलर्ट जारी किया गया है।

नदी से बोट संचालन और राफ्टिंग संचालकों को तुरंत हटाने के निर्देश दिए गए हैं। नदियों के बढ़ते स्तर को देखते हुए गांवों को खाली करा लिया गया है। ऐसे में जानकारी मिली है कि गंगा किनारें बसे सभी शहरों को अलर्ट जारी कर दिया गया है। हरिद्वार में कुंभ मेले में अलर्ट जारी कर दिया है। लोगों से गंगा नदी से दूर हटने के लिए कहा जा रहा है।

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Vidushi Mishra

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