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वीके सिंह का दावा, गलवान में इसलिए हुई सैनिकों में खूनी झड़प, चीन की है ये साजिश
लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़क के बाद चीन और भारत में तनाव चरम पर है। 15 जून की रात को दोनों देश के सैनिकों के बीच खूनी झड़प हुई जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए जबकि चीन के 43 सैनिक मारे गए।
नई दिल्ली: लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़क के बाद चीन और भारत में तनाव चरम पर है। 15 जून की रात को दोनों देश के सैनिकों के बीच खूनी झड़प हुई जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए जबकि चीन के 43 सैनिक मारे गए। केंद्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने बताया कि भारतीय सैनिक क्यों भड़के थे।
वीके सिंह ने कहा कि चीन के टेंट में अचानक लगी आग से भारतीय सैनिक भड़क उठे थे। उन्होंने कहा कि यह कह पाना मुश्किल है कि चीनी सैनिकों ने तंबू में ऐसा क्या रखा था जिसके कारण वह आग लगी। वीके सिंह का दावा अबतक सामने आई जानकारियों से अलग है। अभी तक कहा जा रहा था कि चीनी सैनिकों के पीछे न हटने की वजह भारतीय सैनिकों ने तंबू उखाड़कर फेंका था।
अब वीके सिंह ने बताया 15 जून की रात जब कमांडिंग ऑफिसर संतोष बाबू पेट्रोल प्वाइंट 14 पहुंचे तो देखा कि चीन ने वहां से तंबू नहीं हटाया था। चीन की सेना तंबू यह देखने के लिए लगाया था कि भारतीय सेना पीछे हटी या नहीं। बातचीत में दोनों के पीछे जाने की बात हुई तो संतोष बाबू ने चीनी सैनिकों से उसे हटाने के लिए कहा।
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वीके सिंह ने कहा कि चीनी सैनिक तंबू हटा रहे थे तभी उसमें अचानक की आग लग गई। अबतक साफ नहीं हो पाया है कि चीनियों ने तंबू में क्या रखा हुआ था। वीके सिंह ने कहा कि इसके बाद ही सैनिकों के बीच बहस शुरू हुई जो फिर हिंसक झड़प तक पहुंच गई।
इसलिए पीपी 14 को कब्जाना चाहता है चीन
वीके सिंह ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में बताया कि 1962 के बाद से ही पेट्रोल प्वाइंट 14 (पीपी 14) हमारे पास है। अब भारत ने श्योक नदी के साथ-साथ सड़क बना ली है जो दौलत बेग ओल्डी तक जाती है। पहले सामान 15 दिन में पहुंचता था अब वह इस सड़क की मदद से सिर्फ 2 दिन में पहुंच जाता है।
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वीके सिंह ने आगे कहा कि चीन की तरफ से उसे यह सड़क नहीं दिखती। इससे ही चीनी सेना में खलबली मची हुई है। इस सड़क पर नजर बनी रहे इसके लिए उसने पीपी 14 पर दावा करना शुरू कर दिया, उसके सैनिकों ने आगे आने की कोशिश की जिन्हें भारतीय जवानों ने रोक दिया।
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वीके सिंह ने बताया कि नों देशों के बीच जब बातचीत हुई तो यह हुआ कि स्थिति वैसी रहेगी जैसी 15 जून से पहले तक थी। चीनी सेना को पीछे जाना था। यह भी तय हुआ था कि पीपी 14 पर, उसके पीछे 2 किलोमीटर तक और 5 किलोमीटर के दायरे में कितने-कितने सैनिक रह सकते हैं। लेकिन चीन ने इसका उल्लंघन किया।
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