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Water Way योजना को अनुमति नहीं, भूल जाएं नदी में सफर का सपना, जानिए वजह
जब वॉटर वे की इस योजना को हरी झंडी दिखाई गई थी तो इसके कई फायदे भी बताए गए थे। कई खासियतों की वजह से ही सरकार दिल्ली से आगरा और संगम, प्रयागराज तक वॉटर वे विकसित करना चाहती थी, लेकिन अब इसके लिए मना कर दिया गया है।
नई दिल्ली: यात्रियों के लिए एक बुरी खबर सामने आई है। दरअसल, अब लोग वॉटर वे (Water-way) के जरिए दिल्ली आने-जाने का लुत्फ नहीं उठा सकेंगे। दिल्ली से लेकर आगरा और दिल्ली के रास्ते संगम प्रयागराज तक शुरु होने वाले वॉटर-वे की योजना को ना कह दिया गया है। जनवरी, 2020 में तैयार हुई इस योजना को व्यवहारिक नहीं बताया गया है।
इसलिए शुरू होने वाला था ये वॉटर वे
गौरतलब है कि सड़क पर वाहनों का लोड कम करने और पानी के रास्ते ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के मकसद से वॉटर वे शुरु करने का ऐलान किया गया था। केंद्र की कैबिनेट की तरफ से इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी भी दिखा दी गई थी। लेकिन अब इस योजना को व्यवहारिक नहीं बताते हुए ना कह दिया गया है।
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(सांकेतिक फोटो- सोशल मीडिया)
संसद में बताई गई ये वजह
हाल ही में जलमार्ग राज्यमंत्री मनसुख मांडविया ने संसद में एक सवाल के जवाब में बताया था कि यमुना नदी में वजीराबाद से हरियाणा के रास्ते आगरा और संगम प्रयागराज तक वॉटर वे बनाने की योजना थी, लेकिन जब डीपीआर तैयार हुई थी, तो इस योजना को व्यवहारिक नहीं बताया गया। इस डीपीआर को तकनीकी और आर्थिक पहलूओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
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सरकार ने बताए थे कई फायदे
बता दें कि जब वॉटर वे की इस योजना को हरी झंडी दिखाई गई थी तो इसके कई फायदे भी बताए गए थे। उस वक्त बताया गया था कि जितनी ऊर्जा का उपयोग कर सड़क के रास्ते 150 किलोग्राम, रेल के जरिए 500 किलोग्राम सामान ले जाया जा सकता है, उतनी ही ऊर्जा में पानी के रास्ते 4000 किलोग्राम सामान को ले जाया जा सकता है। ईंधन के मामले में भी पानी के रास्ते फायदा होने की बात कही गई थी।
इसके अलावा वॉटर वे विकसित होने से जाम और दुर्घटनाओं से बचा जा सकता था। कई खासियतों की वजह से ही सरकार दिल्ली से आगरा और संगम, प्रयागराज तक वॉटर वे विकसित करना चाहती थी, लेकिन अब इसके लिए मना कर दिया गया है।
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