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शोक की लहर: चला गया दुनिया से हिन्दी फिल्म संगीत का ‘इनसाइक्लोपीडिया’
अपनी मखमली आवाज और दिलकश अंदाज से रात 10 बजे विविध भारतीं के कार्यक्रम छायागीत के प्रस्तोता और रेडियो सीलोन में 11 वर्षो तक कई कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले गोपाल शर्मा का निधन देश और प्रदेश के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ। अपनी मखमली आवाज और दिलकश अंदाज से रात 10 बजे विविध भारतीं के कार्यक्रम छायागीत के प्रस्तोता और रेडियो सीलोन में 11 वर्षो तक कई कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले गोपाल शर्मा का निधन देश और प्रदेश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। गोपाल शर्मा अपने कार्यक्रम की शुरुआत आवाज की दुनिया के दोस्तो.... बोलकर किया करते थे। ये लाइन ,एक तरह से उनकी पहचान बन गई थी। उन्हे भारत का पहला रेडियो जाकी कहा जाता है।
88 वर्षीय गोपाल शर्मा उत्तर प्रदेश के बिजनौर के ही निवासी थें। वह रोजगार के लिए वह कई वर्षो पहले मुम्बई चले गए थे। वहां जाकर वह रेडियो सीलोन से जुड़ गए जो उस समय भारत में खूब सुना जाता था।
गोपाल शर्मा ने रेडियो सीलोन में 11 वर्षो तक काम किया। इसके बाद वो फिल्म संगीत से जुड़े दूसरे कार्यक्रम और शोज करते रहे।
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‘कल और आज’
साल 1967 में गोपाल शर्मा मुंबई पहुंच थें। बलराज शाहनी ने ही गोपाल शर्मा को रेडियो पर मौका दिया था बाद में विविध भारती से जुड़कर उन्होंने रेडियो पर कई कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
आकाशवाणी पर उनके कार्यक्रम ‘कल और आज’ ‘एक और अनेक बदलते हुए साथी’ तथा ‘मेरी पंसद के गीत’ का इंतजार श्रोताओं को रहा करता रहता था। रेडियो के अलावा वो स्टेज शोज भी किया करते थे। साथ ही कई डॉक्यूमेंट्रीज में भी उन्होंने अपनी आवाज दी।
गोपाल शर्मा अपने कार्यक्रम की शुरुआत आवाज की दुनिया के दोस्तों...श् बोलकर करते थे। ये लाइन एक तरह से उनकी पहचान बन गई थी। बाद में विविध भारती से जुड़कर उन्होंने रेडियो पर कई कार्यक्रम प्रस्तुत किए। रेडियो के अलावा वो स्टेज शोज करते थे। साथ ही कई डॉक्यूमेंट्रीज में भी उन्होंने अपनी आवाज दी।
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तुमने मेरी शहनाई को लाखोँ लोगो तक पहुंचा दिया
फिल्मों और संगीत की गहन जानकारी के कारण लता मंगेशकर, उस्ताद बिस्मिल्लाह खान, दिलीप कुमार, राज कपूर, देव आनंद और आशा भौसले जैसी हस्तियां उनके प्रशंसकों में शामिल थीं। उस्ताद बिस्मिल्ला खां ने उनका हाथ चूमकर कहा था कि ‘‘तुमने मेरी शहनाई को लाखोँ लोगो तक पहुंचा दिया।’’
गोपाल शर्मा को हिन्दी फिल्म संगीत का इनसाइक्लोपीडिया कहा जाता था। गायक मो रफी कहा करते थें कि फिल्म शाहजहां में उनके गाए गीत का जिक्र पहली बार गोपाल शर्मा ने ही अपने कार्यक्रम में किया था।
जिससे मेरी ख्याति दूर-दूर तक हो गयी। लता मंगेशकर और आशा भोशले गोपाल शर्मा को बहुत मानती थी। आशा भोसले तो उनके बेटे के पैदा होने पर बिजनौर भी आई थीं।
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