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अमित शाह बंगाल दौरे परः ममता के खिलाफ खोलेंगे मोर्चा, देंगे जीत मंत्रा

बिहार के बाद पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए काफी अहम माने जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल की सत्ता को हासिल करना भाजपा का बड़ा मिशन रहा है और पार्टी काफी दिनों से इसकी तैयारियों में जुटी हुई है।

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Published on: 5 Nov 2020 9:14 AM IST
अमित शाह बंगाल दौरे परः ममता के खिलाफ खोलेंगे मोर्चा, देंगे जीत मंत्रा
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ममता बनर्जी ने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार की द्वारे सरकार योजना जिसे 1 दिसंबर 2020 से शुरू किया गया था, वह कैंप 25 जनवरी 2021 तक चलेगा।

नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव से पूरी तरह दूर रहने वाले भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पश्चिम बंगाल में पार्टी का मोर्चा संभालेंगे। बिहार के बाद पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए काफी अहम माने जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल की सत्ता को हासिल करना भाजपा का बड़ा मिशन रहा है और पार्टी काफी दिनों से इसकी तैयारियों में जुटी हुई है।

पार्टी का अध्यक्ष रहते हुए पश्चिम बंगाल में जंग की व्यूह रचना रचने वाले अमित शाह बुधवार की रात दो दिवसीय दौरे पर कोलकाता पहुंच गए। अपनी यात्रा के दौरान अमित शाह बूथ स्तरीय भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ ही पार्टी के प्रभावी व सामाजिक नेताओं के साथ बैठक करेंगे। माना जा रहा है कि शाह पार्टी कार्यकर्ताओं को पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को जीतने का मंत्र बताएंगे।

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घोराई के परिजनों से की मुलाकात

गृह मंत्री अमित शाह के कोलकाता पहुंचने पर पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से जोरदार नारेबाजी की गई। शाह ने बुधवार की रात पार्टी के बूथ वाइस प्रेसिडेंट मदन घोराई के परिजनों से मुलाकात की। घोराई को पुलिस ने किडनैपिंग के मामले में 26 सितंबर को ईस्ट मिदनापुर जिले के पताशपुर से गिरफ्तार किया था। बाद में पुलिस हिरासत में घोराई की मौत हो गई थी।

भाजपा का आरोप है कि पुलिस उत्पीड़न के कारण घोराई की मौत हुई है। भाजपा और टीएमसी के बीच इस मुद्दे को लेकर चल रही खींचतान के कारण घोराई का शव पिछले 18 दिनों से अस्पताल में ही पड़ा हुआ है।

बिहार के बाद भाजपा का पूरा फोकस बंगाल पर

पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और बिहार की चुनावी जंग समाप्त होने के बाद भाजपा का पूरा फोकस पश्चिम बंगाल पर ही होगा। भाजपा के लिए पश्चिम बंगाल का चुनाव बहुत बड़ा मिशन है और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा का अध्यक्ष रहते हुए इसकी पूरी व्यूह रचना की थी।

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पश्चिम बंगाल भाजपा के महासचिव लॉकेट चटर्जी ने बताया कि अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान शाह बांकुड़ा और कोलकाता में बूथ स्तरीय भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात के अलावा पार्टी के नेताओं के साथ भी बैठक करेंगे। उन्होंने बताया कि शाह संगठन की स्थिति का जायजा भी लेंगे।

कोरोना संकट के बाद शाह की पहली यात्रा

कोरोना संकट शुरू होने के बाद अमित शाह की पश्चिम बंगाल की यह पहली यात्रा होगी। इसके पहले वे 1 मार्च को राज्य का दौरा करने के लिए पहुंचे थे। चटर्जी ने बताया कि अमित शाह के दौरे को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह है और वे शाह का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

शाह का यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति की आलोचना की है। धड़कन ने पिछले सप्ताह नई दिल्ली में शाह से मुलाकात की थी और उन्हें राज्य के हालात की जानकारी दी थी।

संगठन को मजबूत बनाने पर होगी चर्चा

भाजपा के प्रदेश महासचिव सायंतन बसु ने बताया कि शाह 5 नवंबर को बांकुरा जाएंगे और पूर्वी एवं पश्चिम मिदनापुर, बीरभूम, पुरुलिया बांकुरा जिलों के भाजपा नेताओं के साथ संगठनात्मक बैठक करेंगे। वे शाम को बैठक के बाद कोलकाता लौटेंगे। 6 नवंबर को शाह दक्षिणेश्वर काली मंदिर जाएंगे और शास्त्रीय गायक पंडित अजय चक्रवर्ती से मुलाकात करेंगे।

इसके बाद उनका राज्य के भाजपा नेताओं के साथ बैठक का कार्यक्रम तय किया गया है। शाह भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, उपाध्यक्ष मुकुल राय और प्रदेश प्रमुख दिलीप घोष के साथ बूथ स्तरीय एवं जिला स्तरीय नेताओं से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा भी करेंगे।

नड्डा की जगह शाह संभालेंगे मोर्चा

पहले शाह की अस्वस्थता के चलते पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का पश्चिम बंगाल के दौरे का कार्यक्रम तय किया गया था मगर अब उसमें बदलाव करते हुए शाह पश्चिम बंगाल का मोर्चा संभालने पहुंचे हैं।

इससे पहले नड्डा ने पश्चिम बंगाल का दौरा किया था और सिलीगुड़ी में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक भी की थी। पार्टी में हाल में किए गए संगठनात्मक बदलाव में पश्चिम बंगाल के नेताओं को भी महत्व दिया गया है। अब भाजपा बिहार चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में पूरी ताकत झोंकने की तैयारी कर रही है।

पाक की स्वीकारोक्ति से भाजपा हमलावर

इस बीच भाजपा को हाल में आतंकवाद का एक बड़ा मुद्दा भी मिल गया है। हाल में पाकिस्तान के एक मंत्री ने पुलवामा हमले में पाकिस्तान का हाथ होने की बात स्वीकार की थी और इसे इमरान सरकार की बड़ी कामयाबी बताया था। पुलवामा के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने मोदी सरकार को घेरा था और सबूत मांग कर इसे बड़ा मुद्दा बनाया था। पाकिस्तान की इस स्वीकारोक्ति के बाद भाजपा इस मुद्दे को लेकर हमलावर हो गई है।

राष्ट्रवाद के मुद्दे को मिलेगी और धार

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में काफी कम समय रह गया है और ऐसे समय में भाजपा इस मुद्दे को लेकर ममता बनर्जी, कांग्रेस और वाम दलों को घेरने की तैयारी में जुट गई है। भाजपा पहले भी राष्ट्रवाद के मुद्दे पर जोर देती रही है और अब उसके इस मुद्दे को और धार मिलने की संभावना जताई जा रही है। सामाजिक समीकरणों को साधने में भी पार्टी के लिए यह मुद्दा असरदार साबित हो सकता है।

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बिहार के नतीजों का दिखेगा असर

वैसे मौजूदा समय में भाजपा ने बिहार में पूरी ताकत झोंक रखी है क्योंकि पार्टी को पता है कि बिहार चुनाव के नतीजों का सीधा असर पश्चिम बंगाल और असम में होने वाले विधानसभा चुनावों पर भी पड़ेगा। तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी बिहार चुनाव के नतीजों का इंतजार कर रही हैं। यदि बिहार चुनाव में एनडीए को फिर कामयाबी मिली तो भाजपा की ओर से पश्चिम बंगाल में और आक्रामक ढंग से प्रचार किए जाने की संभावना जताई जा रही है मगर यदि महागठबंधन विजयी होने में कामयाब रहा तो निश्चित रूप से ममता बनर्जी भाजपा पर और हमलावर हो जाएंगी।

लोकसभा चुनाव में दिखाई थी ताकत

पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से 18 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही थी। भाजपा नेताओं ने विश्वास जताया है कि पार्टी ने विधानसभा चुनाव की मजबूत तैयारियां की हैं और पार्टी ममता बनर्जी के 10 साल के शासन को समाप्त करने में जरूर कामयाब होगी।

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