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चीन की बर्बादी शुरू: बन गई दुनिया की सबसे बड़ी टनल, मोदी ने दी ये सौगात

चीन को हर तरह से सबक सिखाने के लिए भारत बिल्कुल तैयार है। धोखेबाज चीन को उसकी चालबाजियों में पछाड़ने के लिए भारत ने अपना अंडरग्राउंड हथियार तैयार कर लिया है। जीं हां भारत के इस अंडरग्राउंड हथियार का नाम लेह मनाली रोहतांग अटल टनल है।

Newstrack
Published on: 11 Sep 2020 10:42 AM GMT
चीन की बर्बादी शुरू: बन गई दुनिया की सबसे बड़ी टनल, मोदी ने दी ये सौगात
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चीन को हर तरह से सबक सिखाने के लिए भारत बिल्कुल तैयार है। धोखेबाज चीन को उसकी चालबाजियों में पछाड़ने के लिए भारत ने अपना अंडरग्राउंड हथियार तैयार कर लिया है। जीं हां भारत के इस अंडरग्राउंड हथियार का नाम लेह मनाली रोहतांग अटल टनल है।

लद्दाख: चीन को हर तरह से सबक सिखाने के लिए भारत बिल्कुल तैयार है। धोखेबाज चीन को उसकी चालबाजियों में पछाड़ने के लिए भारत ने अपना अंडरग्राउंड हथियार तैयार कर लिया है। जीं हां भारत के इस अंडरग्राउंड हथियार का नाम लेह मनाली रोहतांग अटल टनल है। ये दमदार टनल यानी सुरंग हर मौसम में भारतीय सेना के काम आएगी। चाहे बर्फबारी हो या फिर भीषण बारिश भारतीय सेना के लिए अटल टनल के रास्ते सैन्य साजो सामान, हथियार और राशन को पहुंचाना बिल्कुल आसान हो गया है। ऐसे में चीन के सामने अब मुश्किलें और बढ़ती नजर आ रही है। चीन ये सोच अब नाकाम होती दिखाई दे रही है, कि भारत उसके आगे कमजोर है। क्योंकि हिंदुस्तान अकेला नहीं है।

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दुनिया की सबसे लंबी सुरंग

तो चलिए आपको बताते हैं कि बेहद उपयोगी अटल टनल भारत के लिए सामरिक दृष्टि से किस प्रकार और कितनी उपयोगी है। ये सुरंग यानी टनल 9 किमी लंबी है और समुद्र तल से 10,000 फीट की ऊंचाई पर है। इतनी ऊंचाई पर बनी ये दुनिया की सबसे लंबी सुरंग है।

सबसे अहम बात तो ये है कि इस टनल के रास्ते लेह और मनाली के बीच की दूरी 46 किमी कम हो जाएगी। ऐसे में सामरिक हिसाब से भारतीय सेना के लिए अटल टनल बहुत जरूरी है। इस टनल के रास्ते अब लद्दाख में तैनात सैनिकों से संपर्क काफी अच्छा बना रहेगा।

इसके अलावा इस सुरंग में हर 150 मीटर पर टेलिफोन, हर 60 मीटर पर फायर हाइड्रेंट और हर 500 मीटर पर इमरजेंसी एग्जिट लगा है और हर 2.2 किमी. के बाद सुरंग में यू-टर्न और हर 250 मीटर पर CCTV कैमरा लगा है।

Leh Manali Rohtang Atal Tunnel फोटो-सोशल मीडिया

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दूरी 46 किमी कम हुई

साथ ही आपात परिस्थितियों के लिए इस सुरंग के नीचे एक दूसरी सुरंग का भी निर्माण किया जा रहा है। ये सुरंग किसी भी अप्रिय हालात से निपटने के लिए बनाई जा रही है और विशेष परिस्थितियों में आपातकालीन निकास का काम करेगी।

जीं हां अब लेह मनाली रोहतांग अटल टनल बनकर तैयार हो चुकी है। अब ये माना जा रहा है कि 25 सिंतबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे। देश को ये बड़ी सफलता पीर पंजाल की पहाड़ियों को काटकर बनाई गई अटल सुरंग के कारण मिली है, जिसकी वजह से मनाली से लेह की दूरी 46 किमी कम हुई है।

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5 घंटे का सफर 10 मिनट में

वहीं इसके अलावा अटल सुरंग 13,050 फीट पर स्थित रोहतांग दर्रे के लिए वैकल्पिक मार्ग भी है। मनाली घाटी से लाहौल और स्पीति घाटी तक पहुंचने में करीब 5 घंटे का समय लगता था। पर अब इस टनल के रास्ते ये दूरी मात्र 10 मिनट में ही तय की जा सकेगी।

बता दें, 3 जून 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने लाहौल के केलांग में रोहतांग टनल निर्माण की घोषणा की थी। फिर इसके बाद जून 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी ने रोहतांग टनल के नार्थ पोर्टल को मनाली-लेह हाईवे से जोड़ने वाली पलचान-धुन्दी सड़क का शिलान्यास कर टनल निर्माण की राह खोली थी।

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