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क्या है जूम एप से जुड़ा ताजा विवाद और चीन से इसका कनेक्शन, यहां जानें
ये मामला कितना गंभीर है, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि अब इस पर बड़ी ही तेजी के साथ प्रतिबंध लगाने की मांग उठने लगी है। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है और ज़ूम एप पर बैन लगाने के लिए याचिका भी दायर की जा चुकी है।
नई दिल्ली: देश भर में लॉकडाउन के बाद एक एप जो सबसे ज्यादा बार डाउनलोड किया गया है और पापुलर हुआ है। वो है जूम एप। जो एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप है, लेकिन हाल के दिनों में जिस तरह से यूजर्स के डेटा लीक होने की खबरें आई हैं। उसने सभी की नीदें उड़ाकर रख दी हैं।
ये मामला कितना गंभीर है, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि अब इस पर बड़ी ही तेजी के साथ प्रतिबंध लगाने की मांग उठने लगी है। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है और ज़ूम एप पर बैन लगाने के लिए याचिका भी दायर की जा चुकी है।
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कोर्ट ने सरकार और ज़ूम एप से मांगा जवाब
कोर्ट ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर इस पर 4 सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है।
साथ ही जूम वीडियो कम्यूनिकेशन से भी इस मामले में जवाब तलब किया है।
कोर्ट में जो याचिका दायर की गई है उसमें कहा गया है कि जूम एप राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है और इससे भारत में साइबर हमलों और साइबर अपराध में वृद्धि हो सकती है। इसलिए इस पर बैन लगाना जरूरी है।
वहीं जूम एप ने भी माना है कि उसके प्लेटफॉर्म से भारतीयों का डाटा लीक हुआ है। ये आंकड़ा कितना हैं, इसके बारें में अभी ठीक-ठीक बता पाना कम्पनी के मुश्किल होगा लेकिन ये संख्या करोड़ों में हो सकती है।
पहले से ही प्राइवेसी का क्यों नहीं रखा जाता ध्यान
जब कोई मोबाइल या डेस्कटॉप एप्लीकेशन काफी चर्चित हो जाता है, उसके बाद उसके प्राइवेसी उल्लंघन को लेकर तमाम सवाल उठने लगते हैं।
बाद में जब हो हो हल्ला मचता है तो ये मामला पहले हाईकोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट पहुंचता है, जहां पहले से लाखों की संख्या में मामले मौजूद होते हैं, जिन्हें वर्षों से न्याय का इंतजार है।
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क्या कोर्ट ही एक मात्र विकल्प
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इस तरह के एप्लीकेशन पर बैन लगाने के लिए क्या कोर्ट के एक मात्र विकल्प है।
वो भी तब जबकि कोर्ट में पहले से ही लाखों की संख्या में केस पेंडिंग पड़े हुए हैं। आपको याद दिला दें कि एक बार सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस कोर्ट में पेडिंग केस के निपटारे को लेकर सवाल उठा चुके हैं।
क्या है ज़ूम एप का चीन से कनेक्शन
अब जबकि दुनिया भर में लॉकडाउन के दौरान जूम एप ने खूब सुर्खियां बटोर ली हैं।
ऐसे में इसके चीन से कनेक्शन की भी बातें सामने आने लगी हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक 2011 में एरिक युवान ने ज़ूम एप शुरू किया था।
वो चीन के मूल निवासी हैं, लेकिन 1997 में वे अमेरिका में जाकर बस गए थे। वही कंपनी के सीईओ हैं। ज़ूम का हेडक्वार्टर अमेरिका में है और चीन में इसकी तीन ब्रांच अभी भी सक्रिय हैं।
मीडिया रिपोर्ट कहती है कि भारत में इस्तेमाल होने वाले टॉप 100 ऐप्स में 44 तो चीन के ही हैं।
चीन से जुड़ा एक विवाद सामने आया था। कहा गया कि ज़ूम की कई वीडियो कॉल्स का डेटा चीन की तरफ डायवर्ट हुआ। डेटा को लेकर ज़ूम का काफी काम चीन में होता है। ज़ूम ने अपनी ‘ग़लती’ मानी भी है।
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