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90 दिनों में चली जाएगी जान! अब भारतीयों पर भी मंडरा रहा बड़ा खतरा
इस केस की स्टडि AIIMS के डॉक्टर्स द्वारा की गई, जिसमें पाया गया कि साल 2012 से 2017 के बीच 10 में से दो मरीजों को कैंडिडा ऑरिस था। ये इतना खतरनाक फंगस है कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च इसको लेकर एक एडवाइजरी भी जारी कर चुका है।
नई दिल्ली: पूरी दुनिया अब धीरे-धीरे एक जानलेवा फंगस की चपेट में आ रही है। इसका नाम कैंडिडा ऑरिस है और ये वायरस इतना घातक है कि अगर कोई इंसान इसका शिकार हो जाये तो यह इंसान की मृत्यु के बाद भी उसके शरीर में पनपता रहता है और अपने आस-पास मौजूद सभी निर्जीव चीजों को अपनी गिरफ्त में ले लेता है।
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इन दिनों मेडिकल साइंस की दुनिया इस नए वायरस का हल निकालने के लिए जूझ रही है। कैंडिडा ऑरिस के नाम के इस फंगस को ग्लोबल थ्रेट यानि की वैश्विक खतरा घोषित किया जा चुका है। नॉन-ऐल्बिकैंस श्रेणी के तहत यह फंगस आता है।
एंटीफंगल दवाओं का असर नहीं
ये वो श्रेणी है, जिसपर एंटीफंगल दवाओं का असर नहीं होता है। यही नहीं, फंगल इंफेक्शन की दूसरी श्रेणी है। इसे ऐल्बिकैंस श्रेणी कहते हैं। ये दवाओं से खत्म हो जाता है। यही कारण है कि ये फंगस जानलेवा साबित हो चुका है, जिसका अब तक कोई इलाज नहीं खोजा जा सका है।
CDC कर रही शोध
इस खतरनाक फंगस पर अमेरिकी एजेंसी सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) लगातार अपनी शोध कर रही है। हालांकि, इसके जो आंकड़े सामने आए हैं, वो काफी डरावने हैं। इनकी मानें तो फंगस के संपर्क में आने वाले लगभग आधे मरीजों की 90 दिनों के भीतर मौत हो जाती है। यही नहीं, इसकी वजह से मरीजों की मौत हो जाती है।
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साल 2009 में सबसे पहले इस फंगस का पता चला था। तब एक व्यक्ति को पेट की बीमारी हो गयी थी, जिसकी शिकायत लेकर वो हॉस्पिटल गया था। जांच में नए तरह का फंगस सामने आया। इसके बाद उस मरीज को बचाया नहीं जा सका और उसकी मृत्यु हो गई। इसके बाद एक और मरीज सामने आया।
फंगस की चपेट में आ गया फर्निचर
ऐसे में उसको एक अलग कमरे में रखा गया। हालांकि, वह भी नहीं बचा। मगर इन सबके बीच सबसे हैरान करने वाली बात ये थी कि जिस कमरे में उस व्यक्ति को रखा गया था, बाद में वहां मौजूद सारा फर्निचर फंगस की चपेट में आ गया और अस्पताल को कमरे की न केवल खास सफाई करवानी पड़ी, बल्कि कमरे की छत और कई टाइल्स भी उखड़वानी पड़ीं।
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ये फंगस आज की तारीख में दुनिया के हर कोने में मौजूफ है और अब इससे हर भारतीय को खतरा है। ये फंगस काफी तेजी से जापान, स्पेन, अमेरिका के बाद भारत, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका में फैल रहा है। भारत में ये हालात डराने वाले हैं। इसका एक मामला साल 2011 में सामने आया।
भारत भी चपेट में
इस केस की स्टडि AIIMS के डॉक्टर्स द्वारा की गई, जिसमें पाया गया कि साल 2012 से 2017 के बीच 10 में से दो मरीजों को कैंडिडा ऑरिस था। ये इतना खतरनाक फंगस है कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च इसको लेकर एक एडवाइजरी भी जारी कर चुका है।
कैंडिडा ऑरिस फंगस से संक्रमित मरीज के लक्षण
- शुरुआती लक्षण में बुखार, शरीर में टूटनभरा दर्द और थकान शामिल हैं।
- दूसरे चरण में ये सभी अंगों को बीमार कर देता है।
- इसके बाद ये कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों पर तेजी से अटैक करता है।