×

फेस्टिव सीजन पर प्लान करें ट्रिप और मनाए इस खूबसूरत जगह पर जश्न

अगर इस फेस्टिव सीजन कही घूमने जाना चाहते हैं और वहां जाकर फेस्टिवल सेलिब्रेट करना चाहते हैं। तो हम आपके लिए एक ऐसी ही बेहद खूबसूरत जगह के बारें में बताने जा रहें हैं जो प्राकृतिक से काफी पास है।

Roshni Khan
Published on: 16 July 2023 2:22 PM IST
फेस्टिव सीजन पर प्लान करें ट्रिप और मनाए इस खूबसूरत जगह पर जश्न
X
Diwali

लखनऊ: अगर इस फेस्टिव सीजन कही घूमने जाना चाहते हैं और वहां जाकर फेस्टिवल सेलिब्रेट करना चाहते हैं। तो हम आपके लिए एक ऐसी ही बेहद खूबसूरत जगह के बारें में बताने जा रहें हैं जो प्राकृतिक से काफी पास है। जी हां बात कर रहें हैं दक्षिण भारत के तिरुवनन्तपुरम की जहां पर आपको बहुत सी अच्छी घूमने की जगह मिल जाएगी। तो आज हम बतातें हैं आपको यहां की फेमस जगहों के बारे में। ये है कुछ लिस्ट जगह की....

ये भी देखें:दिवाली की खुशखबरी: PF अकाउंट में आएगा पैसा, SMS से ऐसे चेक करें बैलेंस

तिरुवनंतपुरम वेधशाला

Image result for तिरुवनंतपुरम वेधशाला

यह वेधशाला तिरुवनंतपुरम के संग्रहालय परिसर में स्थित है। महाराजा स्वाति तिरुल ने 1837 में इसका निर्माण करवाया था। यह भारत की सबसे पुरानी वेधशालाओं में से एक है। यहां आप अंतरिक्ष से जुड़ी सारी जानकारी प्राप्‍त कर सकते है। पहाड़ी के सामने एक खूबसूरत बगीचा है जहां गुलाब के फूलों का बेहतरीन संग्रह है। वर्तमान में इसकी देखरेख भौतिकी विभाग, केरल विश्वविद्यालय द्वारा की जाती है।

वाइजिनजाम

तिरुवनंतपुरम से17 किलोमीटर दूर वाइजिनजाम मछुआरों का गांव है जो आयुर्वेदिक चिकित्सा और बीच रिजॉर्ट के लिए प्रसिद्ध है। वाइजिनजाम का एक अन्य आकर्षण चट्टान को काट कर बनाई गई गुफा है जहां विनंधरा दक्षिणमूर्ति का एक मंदिर है। इस मंदिर में 18वीं शताब्दी में चट्टानों को काटकर बनाई गई प्रतिमाएं रखी गई हैं। मंदिर के बाहर भगवान शिव और देवी पार्वती की अर्धनिर्मित प्रतिमा स्थापित है। वाइजिनजाम में मैरीन एक्वैरियम भी है जहां रंगबिरंगी और आकर्षक मछलियां जैसे क्लाउन फिश, स्क्विरिल फिश, लायन फिश, बटरफ्लाइ फिश, ट्रिगर फिश रखी गई हैं। इसके अलावा आप यहां सर्जिअन फिश और शार्क जैसी शिकारी मछलियां भी देख सकते हैं।

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर

Image result for श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर

यह मंदिर भारत के सबसे प्रमुख वैष्णव मंदिरों में से एक है तथा तिरुवनंतपुरम का ऐतिहासिक स्थल है। पूर्वी किले के अंदर स्थित इस मंदिर का परिसर बहुत विशाल है जिसका अहसास इसका सात मंजिला गोपुरम देखकर हो जाता है। केरल और द्रवि‍ड़ियन वास्तुशिल्प में निर्मित यह मंदिर दक्षिण भारतीय वास्तुकला का उत्‍कृष्‍ट उदाहरण है। पद्मा तीर्थम, पवित्र कुंड, कुलशेकर मंडप और नवरात्रि मंडप इस मंदिर को और भी आकर्षक बनाते हैं। 260 साल पुराने इस मंदिर में केवल हिंदु ही प्रवेश कर सकते हैं। पुरुष केवल सफेद धोती पहन कर यहां आ सकते हैं। इस मंदिर का नियंत्रण त्रावणकोर शाही परिवार द्वारा किया जाता है। इस मंदिर में दो वार्षिकोत्सव मनाए जाते हैं- एक पंकुनी के महीने (15 मार्च-14 अप्रैल) में और दूसरा ऐप्पसी के महीने (अक्टूबर-नवंबर) में। इन समारोहों में हजारों की संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं।

ये भी देखें:सदर गुरुद्वारे में BJP नेता सुरेश चंद्र तिवारी को सम्मानित किया गया

चिड़ियाघर

पी.एम.जी. जंक्शन के पास स्थित यह चिड़ियाघर भारत का दूसरा सबसे पुराना चिड़ियाघर है। 55 एकड़ में फैला यह जैविक उद्यान वनस्पति उद्यान का हिस्सा है। इसका निर्माण 1857 ई. में त्रावणकोर के महाराजा द्वारा बनाए गए संग्रहालय के एक भाग के रूप में हुआ था। यहां देशी-विदेशी वनस्पति और जंतुओं का संग्रह है। यहां आने पर ऐसा लगता है जैसे कि शहर के बीचों बीच एक जंगल बसा हो। रैप्टाइल हाउस में सांपों की अनेक प्रजातियां रखी गई हैं। इस चिड़ियाघर में नीलगिरी लंगूर, भारतीय गैंडा, एशियाई शेर और रॉयल बंगाल टाइगर भी आपको दिख जाएगें। समय: सुबह 10-शाम 5 बजे तक, सोमवार को बंद हो जाता है।

आट्टुकाल देवी का मंदिर

Image result for आट्टुकाल देवी का मंदिर

अट्टुकल पोंगल महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध उत्सव है। यह उत्सव तिरुवनंतपुरम से 2 किलोमीटर दूर देवी के प्राचीन मंदिर में मनाया जाता है। 10 दिनों तक चलने वाले पोंगल उत्सव की शुरुआत मलयालम माह मकरम-कुंभम (फरवरी-मार्च) के भरानी दिवस (कार्तिक चंद्र) को होती है। पोंगल एक प्रकार का व्यंजन है जिसे गुड़, नारियल और केले के निश्चित मात्रा को मिलाकर बनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह देवी का पसंदीदा पकवान है। धार्मिक कार्य प्रात:काल ही शुरु हो जाते हैं और दोपहर तक चढ़ावा तैयार कर दिया जाता है। पोंगल के दौरान पुरुषों का मंदिर में प्रवेश वर्जित होता है। मुख्य पुजारी देवी की तलवार हाथों में लेकर मंदिर प्रांगण में घूमता है और भक्तों पर पवित्र जल और पुष्प वर्षा करता है।

शंखुमुखम बीच

Image result for शंखुमुखम बीच

यह बीच शहर से लगभग 8 किलोमीटर दूर है। इसके पास ही तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डा है। इंडोर मनोरंजन क्लब, चाचा नेहरु ट्रैफिक ट्रैनिंग पार्क, मत्सय कन्यक और स्टार फिश के आकार का रेस्टोरेंट यहां के मुख्य आकर्षण हैं। नाव चलाते सैकड़ों मछुवारे और सूर्यास्त का नजारा यहां बहुत ही सुंदर दिखाई देता है। मंदिरों में होने वाले उत्सवों के समय इस बीच पर भगवान की प्रतिमाओं को पवित्र स्नान कराया जाता है।

ये भी देखें:स्वामी चिन्मयानंद के पक्ष में संतों की बैठक, की निष्पक्ष जांच करने की मांग

नेपियर संग्रहालय

Image result for नेपियर संग्रहालय

लकड़ी से बनी यह आकर्षक इमारत शहर के उत्तर में म्यूजियम रोड पर स्थित है। यह भारत के सबसे पुराने संग्रहालयों में से एक है। इसका निर्माण 1855 में हुआ था। मद्रास के गवर्नर लॉर्ड चाल्र्स नेपियर के नाम पर इस संग्रहालय का नाम रखा गया है। यहां शिल्प शास्त्र के अनुसार 8वीं-18वीं शताब्दी के दौरान कांसे से बनाई गई शिव, विष्णु, पार्वती और लक्ष्मी की प्रतिमाएं भी प्रदर्शित की गई हैं।

कनककुन्नु महल

Image result for कनककुन्नु महल

नेपिअर संग्रहालय से 800 मी. उत्तर पूर्व में स्थित यह महल केरल सरकार से संबंद्ध है। एक छोटी-सी पहाड़ी पर बने इस महल का निर्माण श्री मूलम तिरुनल राजा के शासन काल में हुआ था। इस महल की आंतरिक सजावट के लिए खूबसूरत दीपदानों और शाही फर्नीचर का प्रयोग किया गया है। यहां स्थित निशागंधी ओपन एयर ओडिटोरिअम और सूर्यकांति ओडिटोरिअम में अनेक सांस्कृतिक सम्मेलनों और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। पर्यटन विभाग निशागंधी ओपन एयर ओडिटोरिअम में प्रतिवर्ष अखिल भारतीय नृत्योत्सव का आयोजन करता है। इस दौरान जानेमाने कलाकार भारतीय शास्त्रीय संगीत का कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं।

चाचा नेहरु बाल संग्रहालय

यह बच्चों के आकर्षण का केंद्र है। इसकी स्थापना 1980 में की गई थी। यह सिटी सेंट्रल बस स्टेशन से 1 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। इस संग्रहालय में विभिन्न परिधानों में सजी 2000 आकृतियां रखी गई हैं। यहां हेल्थ एजुकेशन डिस्प्ले, एक छोटा एक्वेरिअम और मलयालम में प्रकाशित पहली बाल साहित्य की प्रति भी प्रदर्शित की गई है।

ये भी देखें:टिकटॉक को टक्कर देने गूगल ला रहा है ये एप्प, हैं शानदार फीचर

कोवलम बीच

Image result for कोवलम बीच

तिरुवनंतपुरम से 16 किलोमीटर दूर स्थित कोवलम बीच केरल का एक प्रमुख पर्यटक केंद्र है। रेतीले तटों पर नारियल के पेड़ों और खूबसूरत लैगून से सजे ये बीच पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। कोवलम बीच के पास तीन और तट भी हैं जिनमें से दक्षिणतम छोर पर स्थित लाइट हाउस बीच सबसे अधिक प्रसिद्ध है। यह विश्व के सबसे अच्छे तटों में से एक है। कोवलम के तटों पर अनेक रेस्टोरेंट हैं जिनमें आपको सी फूड मिल जाएगें।



Roshni Khan

Roshni Khan

Next Story