×

क्या है NRC जिसे गृह मंत्री अमित शाह ने पूरे देश में लागू करने का किया है एलान

बोलने वाले यदा कदा आरोप लगाते ही रहते हैं। तो इस तरह के तमाम आरोपों और सांसदों के सवालों का जवाब देते हुए गृहमंत्री ने साफ कहा कि इससे किसी भी धर्म को डरने की जरूरत नहीं है। गृहमंत्री यहीं पर नहीं रुके उन्होंने बड़ा एलान करते हुए कहा कि एनआरसी के आधार पर नागरिकता की पहचान सुनिश्चित की जाएगी और इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।

SK Gautam
Published on: 20 Nov 2019 11:53 AM GMT
क्या है NRC जिसे गृह मंत्री अमित शाह ने पूरे देश में लागू करने का किया है एलान
X

पं.रामकृष्ण वाजपेयी

लखनऊ: एनआरसी क्या है जिसके बारे में देश के गृहमंत्री अमित शाह ने आज संसद में कहा है कि सरकार इसे पूरे देश में लागू करेगी और किसी धर्म के मानने वाले को इससे डरने की जरूरत नहीं है। एनआरसी को लेकर पिछले काफी समय से विपक्ष सरकार को घेरने में जुटा हुआ है। सरकार पर आरोप भी लगाए जाते रहे हैं। जिसमें यह साबित किया जाता रहा है कि एक वर्ग विशेष के लोगों को निशाना बनाने के लिए यह लाया जा रहा है।

वास्तव में यह कुछ इसी तरह का आरोप है कि आतंकवाद में लिप्त लोग जो पकड़े जाते हैं तो वह एक ही धर्म के क्यों होते हैं। गनीमत है कि आतंकवाद वैश्विक स्तर की एक समस्या है अगर सिर्फ भारत की बात होती तो विपक्ष सरकार को घेरे में ले चुका होता।

एनआरसी के आधार पर नागरिकता की पहचान सुनिश्चित की जाएगी

हालांकि बोलने वाले यदा कदा आरोप लगाते ही रहते हैं। तो इस तरह के तमाम आरोपों और सांसदों के सवालों का जवाब देते हुए गृहमंत्री ने साफ कहा कि इससे किसी भी धर्म को डरने की जरूरत नहीं है। गृहमंत्री यहीं पर नहीं रुके उन्होंने बड़ा एलान करते हुए कहा कि एनआरसी के आधार पर नागरिकता की पहचान सुनिश्चित की जाएगी और इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।

ये भी देखें : महाराष्ट्र सरकार गठन में हैं ये पेंच! पुत्र मोह में शिवसेना, बेटी बचाओ अभियान में विपक्ष

धर्म के आधार पर एनआरसी में भेदभाव की आशंका को अमित शाह ने सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि यह एक प्रक्रिया है जिससे देश के सभी नागरिक एनआरसी लिस्ट में शामिल हो सकेंगे। उन्होंने फिर कहा कि एनआरसी में इस तरह का कोई प्रावधान ही नहीं है जिसके आधार पर कहा जाए कि धर्म विशेष के लोगों को इसके जरिये बाहर कर दिया जाएगा।

सभी नागरिक भले ही उनका धर्म कुछ भी हो, एनआरसी लिस्ट में शामिल हो सकते हैं। एनआरसी अलग प्रक्रिया है और नागरिकता संशोधन विधेयक अलग प्रक्रिया है। इसे एक साथ नहीं रखा जा सकता।

नागरिकता संशोधन विधेयक पर केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को नागरिकता मिल सके। इसके लिए सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल अलग से है। इन लोगों को पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर भेदभाव का शिकार होना पड़ा था। लेकिन भारत में ऐसा कुछ नहीं होगा।

गृहमंत्री द्वारा एनआरसी पर सरकार का पक्ष स्पष्ट कर दिये जाने के बाद अब यह जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर एनआरसी क्या है।

ये भी देखें : स्पेशल है Pink Ball: आखिर क्यों चुना गया गुलाबी रंग, जानें इसकी खासियत

नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) क्या है?

नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिज़न्स (NRC) का अर्थ एक ऐसे रजिस्टर से है जिसमें भारत की सीमा के भीतर रहने वाले सभी भारतीय नागरिकों के नाम और विवरण रहेंगे। एक दूसरा टर्म भी अक्सर सुर्खियों में आता है एनआरसी अपडेशन। ऐसे में आप के मन में अक्सर यह सवाल उठता होगा कि एनआरसी अपडेशन क्या है। वास्तव में एनआरसी अपडेशन का मतलब मूल रूप से 1951 और 1971 तक एनआरसी में इलेक्टोरल रोल्स के आधार पर नागरिकों के नाम को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया को कहते हैं।

नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर, 1951 क्या है

यह 1951 की जनगणना के आयोजन के बाद तैयार किया गया एक रजिस्टर है, जिसमें प्रत्येक गाँव को एक क्रम में घरों या होल्डिंग्स को दिखाकर तैयार किया गया है। मोटे तौर पर प्रत्येक घर या वहाँ रहने वाले व्यक्तियों की संख्या और नामों को इसमें शामिल किया गया है। इन रजिस्टरों को 1951 की जनगणना के दौरान प्रत्येक व्यक्ति को शामिल कर तैयार किया गया था।

1951 में भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार इन रजिस्टरों को उपायुक्तों और उप मंडल अधिकारियों के कार्यालयों में रखा गया था। बाद में इन रजिस्टरों को 1960 के दशक की शुरुआत में पुलिस को हस्तांतरित कर दिया गया था। ये रजिस्टर तैयार तो हो गए थे लेकिन अपडेटेड नहीं हुए।

इसका मूल कारण था शरणार्थियों की संख्या का लगातार बढ़ते जाना। बाद में इसको विस्तारित करते हुए कहा गया कि 24 मार्च 1971 की अर्द्धरात्रि तक जो भारत में आ गए हैं और जिनके नाम मतदाता सूची में दर्ज हैं उन्हें भारत का नागरिक मानते हुए रजिस्टर को अपडेट किया जाए।

ये भी देखें : उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने मंत्री स्वाति को लेकर कही ये बड़ी बात

एनआरसी अपडेशन ?

नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिज़न्स (NRC) अपडेशन का मतलब यह निकला कि मूल रूप से उन व्यक्तियों (या उनके वंशजों) के नामों को सूचीबद्ध करना, जिनके नाम 1971, 1951 तक के किसी भी मतदाता सूची में दिखाई दिये हैं या ऐसे किसी भी विधिक दस्तावेज़ में हैं जो उन्हें भारतीय नागरिक के रूप में मान्यता देता है। असम में इसी प्रक्रिया को पूरा किया गया है।

अपडेशन की पृष्ठभूमि क्या है?

1951 में जनगणना के बाद नागरिकों का एक राष्ट्रीय रजिस्टर तैयार किया गया था। रजिस्टर में उस जनगणना के दौरान शामिल सभी व्यक्तियों के विवरण शामिल थे। NRC अपडेशन का काम तब शुरू हुआ जबकि नागरिकता अधिनियम, 1955 और नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) नियम, 2003 (1. जीएसआर 803 (ई) द्वारा संशोधित, 9 नवंबर, 2009 को प्रभावी है) 9/11/2009 से।) 2. गृह मंत्रालय (रजिस्ट्रार जनरल, भारत का कार्यालय), क्रम संख्या एसओ 596 (ई), दिनांक 15 मार्च, 2010, भारत के राजपत्र, अतिरिक्त, भाग II में प्रकाशित। संख्या 504 S.3 (ii), दिनांक 16 मार्च, 2010 p.1।) आदि प्रावधान पूरे कर लिए गए। एनआरसी अपडेशन प्रक्रिया 2015 में असम में शुरू हुई।

ये भी देखें : एनआरसी पर अमित शाह ने ऐसा क्या कहा? सीएम ममता बनर्जी ने कर दिया पलटवार

एनआरसी अपडेशन प्रक्रिया का विरोध भी होता रहा क्योंकि वर्षों पहले भारत में घुस आए लोग अब खुद को इसमें शामिल कराने के लिए परेशान हैं। इन लोगों की सतत घुसपैठ देश के संसाधनों पर बोझ है और नागरिकों का वाजिब हिस्सा उनतक नहीं पहुंच पा रहा है। इसीलिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद असम में यह प्रक्रिया शुरू हुई।

एनआरसी को कैसे अपडेट किया?

NRC को नागरिकता अधिनियम, 1955 और नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) नियमावली, 2003 (1. GSR 803 (E) द्वारा संशोधित, 9 नवंबर, 2009) के प्रावधानों के अनुसार अपडेट किया जाएगा। 9/11/2009 से प्रभावी।) 2. गृह मंत्रालय (रजिस्ट्रार जनरल, भारत का कार्यालय), क्रम संख्या एसओ 596 (ई), दिनांक 15 मार्च, 2010, भारत के राजपत्र, अतिरिक्त, भाग में प्रकाशित II। सं। 504 S.3 (ii), दिनांक 16 मार्च, 2010 p.1।)।

दो विधियों के अनुसार, एनआरसी, 1951, 1971 तक की निर्वाचक नामावलियों और 24 मार्च (मध्यरात्रि) 1971 तक स्वीकार्य दस्तावेजों के अभाव में पात्रता की स्थिति का पता लगाया जाएगा। अपडेटेड एनआरसी में सभी व्यक्तियों के नाम शामिल होंगे। असम के मूल निवासी होने के कारण एनआरसी को अपडेट किया गया।

ये भी देखें : जरा संभलकर! कहीं आप भी तो नहीं लगा रहे दाल में नकली जीरे का तड़का

चूंकि घुसपैठ की समस्या पूर्वोत्तर के एक राज्य असम तक सीमित नहीं रही घुसपैठियों का रास्ता चाहे जो रहा हो आज वह पूरे देश में फैल चुके हैं। पश्चिम बंगाल इससे सबसे ज्यादा प्रभावित है। ऐसे में किसी न किसी सरकार को तो यह कदम उठाना ही था। आज गृहमंत्री ने ऐलान कर दिया है कि इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।

निश्चय ही यह बड़ा फैसला है। इसके लागू होने से देश में घुसपैठ की समस्या से काफी हद तक निजात मिल जाएगी। क्योंकि हर उस व्यक्ति की पहचान एनआरसी रजिस्टर से हो जाएगी जो इस देश का नागरिक है।

SK Gautam

SK Gautam

Next Story