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बड़ा आरोप: कांग्रेस की वजह से रुका लेह-मनाली सड़क निर्माण, नहीं हुआ अहम काम
बीते करीब 2 महीने से लद्दाख सीमा पर भारत-चीन के बीच जबरदस्त तनातनी चल रही है। ऐसे में भारत-चीन सीमा विवाद के चलते लद्दाख के जंसकार के काउंसलर ने कांग्रेस पर बड़े आरोप का ठिकरा फोड़ा है।
लद्दाख : बीते करीब 2 महीने से लद्दाख सीमा पर भारत-चीन के बीच जबरदस्त तनातनी चल रही है। ऐसे में भारत-चीन सीमा विवाद के चलते लद्दाख के जंसकार के काउंसलर ने कांग्रेस पर बड़े आरोप का ठिकरा फोड़ा है। कांग्रेस को लेकर उन्होंने कहा कि साल 2004 से 2014 के बीच कांग्रेस ने लेह-मनाली मार्ग का निर्माण नहीं होने दिया। जबकि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने परियोजना को इजाजत दी थी।
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अहम सड़क पर कोई काम नहीं
लद्दाख के जंसकार के काउंसलर स्टांजिन लप्पा ने कहा, 'यूपीए सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी सड़क के निर्माण में देरी की गई। साल 2004 से 2014 तक किसी भी अहम सड़क पर कोई काम नहीं हुआ।
आगे उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने लेह-मनाली रोड के निर्माण में लापरवाही दिखाई। साल 2007 में लेह-मनाली सड़क बनकर तैयार होनी थी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने लेह-मनाली रोड प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी।
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19 सुरंगों के निर्माण की योजना
आपको बता दें, कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार की तुलना में मोदी सरकार में भारत सीमा पर मजबूत हुआ है। साल 2008 से 2014 तक यूपीए सरकार में सीमा के पास 1 सुरंग का निर्माण हुआ, 7,270 मीटर लंबे पुल बनाए गए और 3,610 किमी सड़कें बनीं जबकि मोदी सरकार में साल 2014 से 2020 तक 6 सुरंगें बन चुकी हैं और करीब 19 सुरंगों के निर्माण की योजना है।
जबकि इसके अलावा मोदी सरकार में बीते 6 साल में यानी सन् 2014 से लेकर 2020 तक 14,450 मीटर लंबे पुल बनाए गए और 4,764 किलोमीटर सड़कें बनीं।
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निर्माण में तेजी लाई और बजट को भी बढ़ाया
आपको बता दें, कि यूपीए सरकार में इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए बजट में भी कम रुपये दिए। साल 2016 के बाद मोदी सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में तेजी लाई और बजट को भी बढ़ाया।
साल 2008 से 2016 के बीच इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 3,300 से 4,600 करोड़ रुपये दिए गए। जबकि साल 2016 के बाद इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 2017-2018 के बजट में 5,450 करोड़ रुपये दिए गए।
फिर इसके बाद साल 2018-2019 में 6,700 करोड़, साल 2019-2020 में 8,050 करोड़ और इस साल 2020-2021 के बजट में 11,800 करोड़ रुपये दिए गए।
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