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दूसरे चरण में आज कई दिग्गजों की अग्निपरीक्षा, इन वीआईपी सीटों पर है सबकी निगाहें
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में जिन प्रमुख उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा उनमें महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित किए गए तेजस्वी यादव (राघोपुर), उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव (हसनपुर), नीतीश सरकार के मंत्री नंदकिशोर यादव (पटना साहिब), भाजपा के राणा रणधीर (मधुबन), लालू प्रसाद यादव के समधी चंद्रिका राय (परसा) शामिल हैं।
नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव में दूसरे चरण की 94 विधानसभा सीटों पर मतदान शुरू हो गया है। दूसरे चरण का मतदान एनडीए और महागठबंधन दोनों के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि दोनों पक्षों के कई बड़े चेहरों की किस्मत का फैसला दूसरे चरण में ही होना है।
दूसरे चरण में जिन प्रमुख उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा उनमें महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित किए गए तेजस्वी यादव (राघोपुर), उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव (हसनपुर), नीतीश सरकार के मंत्री नंदकिशोर यादव (पटना साहिब), भाजपा के राणा रणधीर (मधुबन), लालू प्रसाद यादव के समधी चंद्रिका राय (परसा) शामिल हैं। इनके अलावा शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा की किस्मत का फैसला भी बांकीपुर सीट से दूसरे चरण में ही होगा। उनके खिलाफ प्लूरल्स पार्टी की अध्यक्ष और सीएम उम्मीदवार पुष्पम प्रिया चुनाव मैदान में उतरी हैं।
राघोपुर
दूसरे चरण की सबसे महत्वपूर्ण और वीआईपी सीट वैशाली जिले की राघोपुर मानी जा रही है। 2015 में यहां से चुनाव जीतने वाले राजद नेता तेजस्वी यादव इस बार फिर इसी सीट से चुनाव मैदान में उतरे हैं। उन्हें भाजपा के अनुभवी नेता सतीश कुमार चुनौती दे रहे हैं जिन्होंने 2010 के चुनाव में इस सीट पर तेजस्वी की मां और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को पराजित कर सनसनी फैला दी थी।
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राजद की ओर से राघोपुर में चुनाव प्रचार किया जा रहा है कि वहां के मतदाता विधायक नहीं बल्कि मुख्यमंत्री का चुनाव कर रहे हैं क्योंकि महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया गया है।
इस बार इस चुनाव क्षेत्र में 2015 से बदली हुई स्थिति में दिख रही है। 2015 के चुनाव में तेजस्वी यहां राजद और कांग्रेस के महागठबंधन के उम्मीदवार थे जबकि भाजपा उन्हें अकेले चुनौती दे रही थी। इस बार चुनाव क्षेत्र में समीकरण बदले हुए हैं क्योंकि भाजपा प्रत्याशी सतीश कुमार को जदयू का समर्थन हासिल है जबकि कांग्रेस और वाम दल राजद के साथ हैं। लोजपा ने भी यहां से राकेश रोशन को चुनाव मैदान में उतारकर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने का पूरा प्रयास किया है।
हसनपुर
समस्तीपुर जिले की हसनपुर विधानसभा सीट भी दूसरे चरण में वीआईपी सीट मानी जा रही है। इस बार इस सीट से लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और तेजस्वी के बड़े भाई तेजप्रताप यादव राजद के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे हैं।
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तेज प्रताप ने पिछला चुनाव महुआ सीट से जीता था मगर इस बार वह महुआ सीट छोड़कर हसनपुर से चुनाव मैदान में उतरे हैं। सियासी हलकों में चल रही चर्चाओं के मुताबिक ऐश्वर्या राय के महुआ से चुनाव मैदान में उतरने की आशंका के बाद तेज प्रताप यादव ने महुआ सीट छोड़कर हसनपुर से चुनाव लड़ने का फैसला किया।
ऐश्वर्या राय से तेज प्रताप यादव का तलाक का मुकदमा चल रहा है। तेज प्रताप यादव इस सीट पर कड़े मुकाबले में फंसे हुए हैं और उन्हें मौजूदा विधायक और जदयू के प्रत्याशी राजकुमार राय कड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं।
बांकीपुर (पटना)
दूसरे चरण की बांकीपुर विधानसभा सीट को भी हॉट सीट कहा जा रहा है क्योंकि इस सीट से इस बार फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा चुनाव मैदान में उतरे हैं। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे लव सिन्हा के लिए उनके पिता शत्रुघ्न सिन्हा ने भी चुनाव प्रचार किया है। इस सीट पर शत्रुघ्न सिन्हा की भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।
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लव सिन्हा को भाजपा के नितिन नवीन चुनौती दे रहे हैं। नवीन के अलावा प्लूरल्स पार्टी की अध्यक्ष और खुद को सीएम उम्मीदवार बताने वाली पुष्पम प्रिया भी इसी चुनाव क्षेत्र से अपनी किस्मत आजमा रही हैं। ऐसे में लव सिन्हा को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
परसा
दूसरे चरण की हॉट सीटों में सारण जिले की परसा सीट भी शामिल है। राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव के समधी चंद्रिका राय इस बार इस विधानसभा सीट से जदयू के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे हैं।
लंबे समय तक लालू प्रसाद यादव के सहयोगी रहे चंद्रिका राय अपनी बेटी ऐश्वर्या के लालू के बेटे तेजप्रताप से वैवाहिक संबंध बिगड़ने के बाद लालू परिवार के खिलाफ हो गए हैं। वे लगातार लालू परिवार पर तीखे हमले करने में जुटे हुए हैं। लालू के एक और करीबी छोटेलाल राय इस बार राजद टिकट पर चंद्रिका राय को चुनौती दे रहे हैं। लोजपा की ओर से इस चुनाव क्षेत्र में राकेश कुमार सिंह किस्मत आजमा रहे हैं।
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पटना साहिब
नीतीश सरकार में पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव एक बार फिर भाजपा के टिकट पर पटना साहिब सीट से किस्मत आजमा रहे हैं। वे इस सीट से 6 बार विजय हासिल कर चुके हैं। उन्हें इस सीट पर कांग्रेस के प्रवीण सिंह चुनौती दे रहे हैं। भागलपुर के रहने वाले प्रवीण कुमार सिंह पर भाजपा की ओर से बाहरी होने का आरोप लगाया जा रहा है। उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा ने इस सीट से जगदीप प्रसाद वर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है जबकि जन अधिकार पार्टी के महमूद कुरैशी भी इस सीट पर किस्मत आजमा रहे हैं।
मधुबन
पूर्वी चंपारण जिले की मधुबन विधानसभा सीट पर भी हर किसी की निगाह लगी हुई है क्योंकि यहां से भाजपा के प्रमुख नेता राणा रणधीर चुनाव मैदान में उतरे हैं। राणा रणधीर को इस सीट पर राजद के मदन प्रसाद कड़ी चुनौती दे रहे हैं। जन अधिकार पार्टी की ओर से यहां शिवजी राय को चुनाव मैदान में उतारा गया है। 2015 के विधानसभा चुनाव में भी राणा रणधीर ने इस सीट से विजय हासिल की थी।
नालंदा
नालंदा विधानसभा सीट पर भी दूसरे चरण में ही मतदान हो रहा है और इस सीट पर सबकी निगाहें इसलिए लगी हुई हैं क्योंकि जदयू की ओर से कोई भी उम्मीदवार उतरे मगर माना जाता है कि नीतीश कुमार खुद यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार इस विधानसभा सीट पर जदयू की ओर से श्रवण कुमार को चुनाव मैदान में उतारा गया है। राजद ने यह सीट कांग्रेस के लिए छोड़ दी है और कांग्रेस के गुंजन पटेल यहां से किस्मत आजमा रहे हैं। लोजपा ने यहां रामकेश्वर प्रसाद को टिकट दिया है जबकि रालोसपा से सोनू कुमार चुनाव मैदान में उतरे हैं।
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खगड़िया
खगड़िया जिले की खगड़िया विधानसभा सीट पर भी इस बार कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद जताई जा रही है। दूसरे चरण में इस सीट पर जदयू की निवर्तमान विधायक व प्रत्याशी पूनम देवी यादव की किस्मत का फैसला होना है। उनके खिलाफ महागठबंधन की ओर से कांग्रेस प्रत्याशी छत्रपति यादव चुनाव मैदान में उतरे तो लोजपा ने रेणु कुशवाहा को चुनावी अखाड़े में उतारा है।
गोपालगंज
गोपालगंज विधानसभा सीट से कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल गफूर के नाती आसिफ गफूर को चुनाव मैदान में उतारा है। लालू प्रसाद यादव के साले व पूर्व सांसद अनिरुद्ध प्रसाद उर्फ साधु यादव भी इस चुनाव क्षेत्र में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। वे बसपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे हैं। भाजपा की ओर से मौजूदा विधायक सुभाष सिंह इन दोनों प्रत्याशियों को कड़ी चुनौती दे रहे हैं। साधु यादव के चुनाव मैदान में उतरने से इस चुनाव क्षेत्र पर भी सबकी नजर टिकी हुई है।
भागलपुर
भागलपुर विधानसभा सीट भी हॉट सीट मानी जा रही है और इस सीट पर कांग्रेस की ओर से मौजूदा विधायक अजीत शर्मा एक बार फिर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। भाजपा की ओर से रोहित पांडे को चुनाव मैदान में उतारा गया है। लोजपा ने कुछ महीने पहले भाजपा छोड़कर पार्टी में शामिल होने वाले राजेश वर्मा को चुनाव मैदान में उतार दिया है। राजेश मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में जुटे हुए हैं मगर मुख्य मुकाबला अजीत शर्मा और रोहित पांडे के बीच ही माना जा रहा है।
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जमुई
दूसरे चरण की जमुई विधानसभा सीट पर भी सभी की निगाह लगी हुई है। भाजपा ने इस सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत दिग्विजय सिंह की शूटर बेटी श्रेयसी सिंह को चुनाव मैदान में उतारकर इसे चर्चित सीट बना दिया है। श्रेयसी हाल में ही भाजपा में शामिल हुई थीं। श्रेयसी की पारिवारिक सियासी पृष्ठभूमि काफी मजबूत है। राजद की ओर से इस बार फिर मौजूदा विधायक विजय प्रकाश पर ही दांव लगाया गया है। विजय प्रकाश इस सीट से कई बार चुनाव लड़ चुके हैं। उन्होंने पहली बार इस सीट से 2005 में विजय हासिल की थी।
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