×

अमेरिकी रिपोर्ट में BJP और RSS को लेकर ऐसा क्या लिखा है, जिस पर मचा है बवाल?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर से बीजेपी और आरएसएस पर बड़ा हमला बोला है। अमेरिकी मीडिया में छपी एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए राहुल ने ये आरोप लगाया है कि इनके नेता फेसबुक और वाट्सएप को नियंत्रित करते हैं।

Newstrack
Published on: 17 Aug 2020 5:42 AM GMT
अमेरिकी रिपोर्ट में BJP और RSS को लेकर ऐसा क्या लिखा है, जिस पर मचा है बवाल?
X
फेसबुक फाउंडर मार्क जुकरबर्ग के साथ पीएम नरेंद्र मोदी की फाइल फोटो

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर से बीजेपी और आरएसएस पर बड़ा हमला बोला है। अमेरिकी मीडिया में छपी एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए राहुल ने ये आरोप लगाया है कि इनके नेता फेसबुक और वाट्सएप को नियंत्रित करते हैं।

अपने मन मुताबिक उसका इस्तेमाल भी करते हैं। उन्होंने बीजेपी और आरएसएस पर फेसबुक और वाट्सएप के जरिये नफरत फैलाने का भी आरोप लगाया हैं।

इस मामले के तूल पकड़ने के बाद बीजेपी नेता एवं संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर पलटवार किया है।

ये मामला कितना ज्यादा बड़ा हो गया है, इसका अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते हैं कि फेसबुक को भी अब आगे आकर इस पूरे मामले में अपना पक्ष रखना पड़ गया है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की फाइल फोटो कांग्रेस नेता राहुल गांधी की फाइल फोटो

ये भी पढ़ेंः पांच महीने बाद शहर में खुलेंगी शराब की दुकानें, सरकार ने बनाया ये खास नियम

कांग्रेस-बीजेपी में छिड़ी जंग

राहुल गांधी के आरोपों पर सरकार का पक्ष रखने के लिए केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद आगे आए। उन्होंने ट्वीट किया, 'तथ्य यह है कि आज सूचना और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है।

यह अब आपके परिवार द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता है और इसीलिए आपको दुख होता है। खैर आपने बेंगलुरु हिंसा की निंदा नहीं की। आपकी हिम्मत कहां चली गई।'

राहुल को निशाने पर लेते हुए कहा- 'जो लूजर स्वयं अपनी पार्टी में भी लोगों को प्रभावित नहीं कर सकते वे इस बात का हवाला देते रहते हैं कि पूरी दुनिया को बीजेपी-आरएसएस नियंत्रित करती है।'

राहुल गांधी पर तंज कसते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वो कहते रहते हैं कि पूरी दुनिया बीजेपी, आरएसएस से नियंत्रित होती है।

चुनाव से पहले डेटा को हथियार बनाते हुए आप रंगे हाथ पकड़े गए थे। कैंब्रिज एनालिटिका, फेसबुक से आपका गठजोड़ पहले ही सामने आ चुका है। ऐसे लोग आज बेशर्मी से सवाल पूछते हैं।



ये भी पढ़ेंः इलाहाबाद हाईकोर्ट बंद: इतने दिन नहीं होगा काम, ये है वजह…

विवाद में ये नेता भी कूदे, फेसबुक की विश्वसनीयता पर उठाए सवाल

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने फेसबुक की विश्वसनीयता पर ही सवाल उठा दिए। उन्होंने ट्वीट किया। 'अलग-अलग लोकतंत्र में फेसबुक के अलग-अलग मानक क्यों हैं?

यह किस तरह का निष्पक्ष मंच है? यह रिपोर्ट बीजेपी के लिए नुकसानदेह है- बीजेपी के फेसबुक के साथ संबंधों का खुलासा हो गया है और फेसबुक कर्मचारी पर बीजेपी के नियंत्रण की भी प्रकृति सामने आई है।'

उधर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी अपने ट्वीट में फेसबुक की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं।' दिग्विजय ने ट्वीट करते हुए लिखा- 'मार्क जकरबर्ग कृपया इस पर बात करें।

प्रधानमंत्री मोदी के समर्थक अंखी दास को फेसबुक में नियुक्त किया गया जो खुशी-खुशी मुस्लिम विरोधी पोस्ट को सोशल मीडिया पर अप्रूव करता है। आपने साबित कर दिया कि आप जो उपदेश देते हैं उसका पालन नहीं करते।'

वहीं कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला का कहना है कि ऐसा लगता है कि झूठे ट्वीट और झूठा एजेंडा ही एकमात्र रास्ता बन गया है।

कांग्रेस ने कभी कैम्ब्रिज एनेलिटिका की सेवाएं नहीं लीं।' सुरजेवाला ने दावा किया कि बीजेपी कैम्ब्रिज एनेलिटिका की क्लाइंट रही है। कानून मंत्री यह क्यों नहीं बताते।

केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की फाइल फोटो केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की फाइल फोटो

फेसबुक ने क्या कहा?

इस पूरे विवाद पर फेसबुक ने आगे आकर सफाई दी है। फेसबुक का कहना है, 'हम नफरत फैलाने वाले ऐसे बयान और उससे जुड़ी सामग्रियों पर पाबंदी लगाते हैं जो हिंसा को भड़काने का काम करते हैं।

हमने ये पालिसी ग्लोबल लेबल पर अप्लाई किया है। हम किसी की राजनीतिक स्थिति या जिस भी पार्टी से नेता संबंध रख रहा, नहीं देखते हैं।'

फेसबुक के प्रवक्ता ने आगे कहा, 'हम जानते हैं कि इस क्षेत्र में (हेट स्पीच और भड़काऊ कंटेंट को रोकने) और ज्यादा काम करने की आवश्यकता है। हम आगे बढ़ रहे हैं। निष्पक्षता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए हम अपनी प्रक्रिया का नियमित तौर पर ऑडिट करते हैं।'

फेसबुक फाउंडर मार्क जुकरबर्ग की फाइल फोटो फेसबुक फाउंडर मार्क जुकरबर्ग की फाइल फोटो

आखिर अमेरिकी रिपोर्ट में ऐसा क्या लिखा है जिस पर मचा है बवाल

बताते चले कि अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जनरल में 'फेसबुक हेट-स्पीच रूल्स कोलाइड विद इंडियन पॉलिटिक्स' हेडिंग से पब्लिश रिपोर्ट में दावा किया गया कि फेसबुक भारत में सत्तारूढ़ बीजेपी नेताओं के भड़काऊ भाषा के मामले में नियम कायदों में नरमी बरतता है।

फेसबुक कर्मचारियों का कहना था कि भारत में ऐसे कई लोग हैं जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नफरत फैलाते हैं। कर्मचारियों का कहना है कि वर्चुअल दुनिया में नफरत वाली पोस्ट करने से असली दुनिया में हिंसा और तनाव बढ़ता है।

इसमें तेलंगाना से बीजेपी सांसद टी राजा सिंह की एक पोस्टा का भी उल्लेख है। पोस्ट में मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा की पैरवी की गई है। रिपोर्ट को फेसबुक के कर्मचारियों से बातचीत के आधार पर लिखा गया है।

फेसबुक कर्मचारियों ने रिपोर्ट में बताया था कि उन्होंने टी राजा सिंह की पोस्टै पर एतराज जताया था और इसे कंपनी के नियमों के विरुद्ध माना था, लेकिन कंपनी के भारत में उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की।

यह भी पढ़ें: अभी-अभी विधायक की मौत: कोरोना ने ले ली जान, शोक में डूबी पार्टी

Newstrack

Newstrack

Next Story