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फेफड़े चट कर रहा है कोरोना, देर न करें तत्काल अस्पताल जाएं

विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि जब फेफड़े में संक्रमण बढ़ता है तो दिल को ज्यादा काम करना पड़ता है क्योंकि क्लाटिंग की वजह से फेफड़े काम करना बंद कर चुके होते हैं और दूसरे अंगों को ऑक्सीजन मिलनी बंद हो जाती है।

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Published on: 3 Aug 2020 5:11 AM GMT
फेफड़े चट कर रहा है कोरोना, देर न करें तत्काल अस्पताल जाएं
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पिछले 48 घंटे में कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण सहित सहित 19 लोगों की मौत हो गई है। भाजपा के कई नेता संक्रमित हैं। अधिकांश की मौत स्वसन तंत्र के फेल हो जाने की वजह से हुई है और इसमें बुजुर्ग ही नहीं जवान भी शामिल हैं। अगर औसत निकाला जाए तो 65 फीसदी मरीजों की मौत श्वसन श्वसन तंत्र के फेल हो जाने से हुई है। जो कि एक चौंकाने वाला आंकड़ा है।

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कोरोना वायरस फेफड़े की नसों में क्लाटिंग बना रहा

आखिर कोरोना के चलते क्यों श्वसन तंत्र के फेल होने के मामले बढ़ रहे हैं। इस संबंध में विशेषज्ञों का यह कहना है कोरोना वायरस फेफड़े की नसों में क्लाटिंग बना रहा है जिससे श्वसन तंत्र फेल हो जाता है और कई गंभीर मामलों में रेमदेसीविर दवा का भी असर नहीं दिखाई दे रहा है।

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निमोनिया जैसी स्थिति हो जाती है

विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि जब फेफड़े में संक्रमण बढ़ता है तो दिल को ज्यादा काम करना पड़ता है क्योंकि क्लाटिंग की वजह से फेफड़े काम करना बंद कर चुके होते हैं और दूसरे अंगों को ऑक्सीजन मिलनी बंद हो जाती है। विशेषज्ञों ने यह भी बताया यह एक तरीके से निमोनिया जैसी स्थिति हो जाती है जिसमें फेफड़े में सफेदी साफ तौर पर दिखने लगती है फर्क सिर्फ इतना है कि निमोनिया में संक्रमण धीरे धीरे बढ़ता है और कोरोना में तेजी से बढ़ता है।

देरी करने में नतीजे खतरनाक

इस संबंध में पीजीआई के विशेषज्ञों का यह कहना है कि कोरोना मरीजों में जब फेफड़े में क्लाटिंग नजर आए तो शुरू के 5 दिन बेहद अहम होते और शुरू में ही रेमदेसीविर मिल जाए तो काफी हद तक मरीजों की जान बचाई जा सकती है। अगर इस में देर हुई तो नतीजे खतरनाक होने लगते हैं।

जाली की तरह की आकृति बनती है

किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों का भी यह कहना है फेफड़े में अगर एक्स-रे और सीटी स्कैन में सफेदी दिखाई देती है तो इसका मतलब है कि संक्रमण गंभीर है। ऐसे में मरीज को तत्काल आईसीयू में शिफ्ट करने की जरूरत होती है और ऐसे मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा जाता है।

सिटी स्कैन रिपोर्ट में कोरोना के लक्षण साफ तौर पर दिखाई देते हैं। सिटी स्कैन में दिखता है कि फेफड़े में बलगम जमा है जाली की तरह की आकृति बन रही है और इसके चलते ऑक्सीजन शरीर के दूसरे हिस्सों में नहीं जा पाती है और मरीज को तत्काल ऑक्सीजन की जरूरत होती है।

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