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17 जुलाई को दिल्ली में 678 कुल कंटेन्मेंट ज़ोन थे जिनमें 636 एक्टिव कंटेन्मेंट ज़ोन थे। 42 ज़ोन को कंटेन्मेंट ज़ोन की लिस्ट से हटाया जाने वाला है। करीब 160 जोन पहले ही डी कंटेन्मेंट कर दिया गया था।
नील मणि लाल
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की बेलगाम चाल पर दिल्ली में ब्रेक लगता दिख रहा है। जिस तरह पिछले कुछ दिनों से पॉज़िटिव केसों की संख्या घटी है, उससे पता चलता है कि दिल्ली सरकार की रणनीति काम आई है। एम्स के निदेशक ने भी कहा है कि दिल्ली में चरम सीमा पार हो चुकी है, अब मामले नीचे की ओर आएंगे।
सही रणनीति
एक्सपर्ट्स का कहना है कि दिल्ली सरकार की संशोधित कंटेन्मेंट रणनीति तथा बड़े पैमाने पर टेस्टिंग से काम बनता दिख रहा है। 17 जुलाई को दिल्ली में 678 कुल कंटेन्मेंट ज़ोन थे जिनमें 636 एक्टिव कंटेन्मेंट ज़ोन थे। 42 ज़ोन को कंटेन्मेंट ज़ोन की लिस्ट से हटाया जाने वाला है। करीब 160 जोन पहले ही डी कंटेन्मेंट कर दिया गया था।
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कंटेन्मेंट जोन की बड़ी संख्या
लॉकडाउन वाले किसी भी अन्य राज्य की तुलना में दिल्ली में सबसे ज्यादा कंटेन्मेंट ज़ोन हैं। लेकिन दिल्ली ने रणनीति बदलते हुई कंटेन्मेंट जोनों को माइक्रो कंटेन्मेंट जोन में बांट दिया। ऐसा इसलिए किया गया ताकि बेहतर मोनिटरिंग हो सके। इस संशोधित रणनीति का फायदा हुआ है।
होम आइसोलेशन को बढ़ावा
दिल्ली सरकार नो कोरोना के बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन में रखने को बढ़ावा दिया। कोरोना के 80 फीसदी मरीज ऐसे ही होते हैं। होम आइसोलेशन से मरीजों पर सकारात्मक मानसिक हुआ जो इस बीमारी में बहुत जरूरी है। सरकार ने होम आइसोलेशन वाले मरीजों की लगातार निगरानी की और देखभाल की। इसका बहुत फायदा हुआ।
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ऑक्सीमीटर का वितरण
कोरोना बीमारी में मौत का एक कारण खून में ऑक्सिजन का स्तर घट जाना होता है। दिल्ली सरकार ने होम आइसोलेशन वाले सभी मरीजों को ऑक्सीमीटर दिए ताकि वे घर पर ऑक्सिजन लेवल की मॉनिटरिंग करते रहें और लेवल घटने पर तत्काल सूचित करें। दिल्ली सरकार ने 59600 ऑक्सिमीटर खरीदे जिनमें से 58974 इस्तेमाल में हैं।
टेस्टिंग और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग
दिल्ली ने टेस्टिंग बड़ी संख्या में कई। जून के अंत तक सबसे ज्यादा टेस्टिंग वाला राज्य बन गया था। 31 मई तक यहां प्रति दस लाख में 10500 टेस्ट हो रहे थे। जून के पहले हफ्ते में रोजाना 5500 टेस्ट हो रहे थे जो जुलाई के पहले हफ्ते में 21 हजार टेस्ट प्रतिदिन हो गए। ज्यादा टेस्ट होने से मरीजों और उनके परिजनों को आइसोलेशन में रखने में मदद मिली।
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अन्य कारण
- अस्पतालों में बेड्स की संख्या बढ़ाना भी एक बड़ा कदम है। दिल्ली में अब 15 हजार कोविड बेड्स हो गए हैं। बेड्स की जानकारी के लिए दिल्ली कोरोना एप लांच किया गया।
- सरकार ने एम्बुलेंस की संख्या बढ़ा दी जिससे मरीजों को कम समय में इलाज दिया जा सका। अब 604 एम्बुलेंस काम कर रही हैं।
- दिल्ली सरकार ने डेढ़ का पहला प्लाज़्मा बैंक स्थापित किया। इससे मरीजों को प्लाज़्मा लेने में बड़ी सुविधा मिल गई। ठीक हो गए मरीजों को प्लाज़्मा डोनेट करने के लिए प्रोत5 किया गया। दिल्ली में ही सबसे पहले प्लाज़्मा थिरेपी शुरू की गई।
- मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कोरोना की शुरुआत से ही जनता के साथ सीधा संपर्क बनाए रखा। रोजाना वे टीवी पर आए और लेटेस्ट जानकारियां साझा कीं। ये भी दिल्ली सरकार की बड़ी कामयाबी का कारण है।
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