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कोरोना महामारी ने लोगों को दिए ये जख्म, ऐसे याद किया जाएगा साल 2020
कोरोना काल में लाखों लोगों की नौकरी चली गई और लोगों के सामने रोजगार का संकट पैदा हो गया। लोगों को अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए कठिन संघर्ष करना पड़ा। कोरोना महामारी ने लोगों के जीवन में कई बदलाव ला दिए।
लखनऊ: साल 2020 खत्म होने जा रहा है और लोग नए साल आने के इंतजार में है। इस बार लोगों के मन में नए साल के आने से ज्यादा साल 2020 बीत जाने की खुशी है, क्योंकि साल 2020 दुनियाभर के लिए बहुत ही बुरा साबित हुआ है। कोरोना महामारी की वजह से लाखों लोगों की मौत हो गई। इस जानलेवा महामारी ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया।
कोरोना काल में लाखों लोगों की नौकरी चली गई और लोगों के सामने रोजगार का संकट पैदा हो गया। लोगों को अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए कठिन संघर्ष करना पड़ा। कोरोना महामारी ने लोगों के जीवन में कई बदलाव ला दिए। भारत में कोरोना का पहला मामला 30 जनवरी को केरल में सामने आया था। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने 24 मार्च को देशभर में लॉकडाउन लगा दिया। इस दौरान लोगों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। साल 2020 लोगों को कई ऐसी यादें दे गया जो लोग जीवन भर नहीं भूलेंगे
लॉकडाउन
भारत में कोरोना का पहला मामला 30 जनवरी को केरल में सामने आया था, लेकिन फरवरी तक सब कुछ सामान्य चल रहा था। मार्च शुरू होने के साथ भारत में भी कई कोरोना के मामले सामने आ गए। सरकार की तरफ से इस महामारी से निपटने के लिए कई कदम उठाए गए, हालांकि यह सभी नाकाफी साबित हुए और कोरोना तेजी से फैलने लगा। इस महामारी से निपटने के लिए सरकार ने 24 मार्च 2020 से देश में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया। इससे पहले 22 मार्च को एक दिन के लिए जनता कर्फ्यू लगाया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता कर्फ्यू में भाग लेने के लिए देशवासियों से अपील की। इसके साथ ही लोगों से 22 मार्च को शाम पांच बजे थाली, शंख बजाने का अनरोध किया। इस कार्यक्रम को जनता ने भारी समर्थन दिया। 24 मार्च को देश में लगे लॉकडाउन के बाद लोग घरों में कैद हो गए। इसके बाद लोगों के सामने कई सारी चुनौतियां खड़ी हो गईं। इस दौरान देश में ऐसी घटनाएं घटी से जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।
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प्रवासी मजदूरों पर आफत
जानलेवा महामारी की मार सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूरों की झेलनी पड़ी। लॉकडाउन लगने के बाद देश में फैक्ट्रियां बंद हो गईं और सभी काम धंधे बंद हो गए। काम धंधे और फैक्ट्रियां बंद होने के बाद प्रवासी मजदूरों और कामगारों के पास जीवन यापन करने का संकट खड़ा हो गया। प्रवासी मजदूर और कामगार सैकड़ों किलोमीटर चलकर घर पहुंचे। प्रवासी मजूदरों की लॉकडाउन में ऐसे तस्वीरें जिन्होंने देश को झकझोर कर रख दिया। सैकड़ों किमी पैदल चलकर मजूदर अपने घर पहुंचे। इस दौरान कुछ तस्वीरें सामने आईं जिनकी हमेशा चर्चा होती रहेगी।
हम आपको कुछ ऐसी घटनाओं के बारे में जिसने दुनियाभर का ध्यान खींचा। लॉकडाउन में सब कुछ बंद था और तमाम मजदूर अपने घरों को पैदल ही लौटने लगे। मई में एक वीडियो सामने आया। इसमें एक मां सूटकेस खींच रही और उसका बच्चा सूटकेस पर थक कर सो हुआ था और वह सूटकेस को खींचते हुए जारी रही थी। इस तस्वीर ने सभी ध्यान अपनी ओर खींचा।
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तो वहीं एक और घटना सामने आई और जिसने सभी को हिलाकर रख दिया। पैदल चलते हुए एक गर्भवती महिला ने बच्चे को जन्म दिया। इस महिला ने सर पर बैग और गोद में बच्चे को लिए कई किमी तक पैदल चली। एक तस्वीर बिहार के दरभंगा की रहने वाली ज्योति की सामने आई जिसने अपने पिता साइकिल पर बैठाकर 1200 किमी का सफर तय किया। गुरुग्राम से बिहार के दरभंगा पहुंची और उसके पिता के पैर में चोट लगी थी। ज्याति के तस्वीर दुनियाभर को आकर्षित किया। कई ऐसी तस्वीरें बच्चों के पैरों में पैदल चलते छाले पड़ गए और वह उनकी आखों में आसू बह रहे थे, लेकिन वह फिर भी पैदल चल रहे थे। लोग भूखे प्यासे सैकड़ों किमी चलकर अपने घर पहुंचे जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता।
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आर्थिक महामारी
इस महामारी के दौरान पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान पहुंचा। भारत की भी अर्थव्यवस्था में काफी गिरावट देखी गई। कोरोना वायरस महामारी ने 2020 में भारत समेत दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं को हिलाकर रख दिया। वित्त वर्ष 2019-20 में भारत में जीडीपी ग्रोथ रेट 4.2 प्रतिशत रही, तो वहीं बीते साल यानी 2018-19 का जीडीपी ग्रोथ रेट 6.1 प्रतिशत रहा। मौजूदा वित्त वर्ष यानी 2020-21 की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून की जीडीपी ग्रोथ में भारी गिरावट आई। लॉकडाउन में आर्थिक गतिविधिया बंद होने की वजह से राजस्व में भी भारी गिरावट हुई है। इस दौरान लोगों को काफी नुकसान हुआ।
कोरोना काल में बेरोजगारी चरम पर पहुंच गई। जो लोग नौकरी भी कर रहे थे उनको भी सैलरी कट जैसी समस्याओं से जूझना पड़ना। सरकार ने अपने कर्मचारियों की भी सैलरी में कटौती कर दी। केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ता (डीए) पर अभी रोक जारी है। लोगों के कारोबार चौपट हो गए। कोरोना महामारी ने आर्थिक मोर्च पर भी दुनिया को बहुच चोट पहुंचाया है।
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सभी के जीवन में बदलाव
कोरोना वायरस महामारी ने लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव लाया है। कोरोना ने लोगों को परिवार के महत्व को भी बताया। कोरोना महामारी ने लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना सिखाया। सफा-सफाई के महत्व को भी समझाया। इस महामारी में लोगों ने समझाया कि पैसा के साथ-साथ कई ऐसी चीजे हैं जो महत्वपूर्ण हैं। लोगों ने महसूस हुआ किया पैसे सांस नहीं खरीदी जा सकती है। महामारी ने लोगों को सिखाया कि अपनी जड़ों से जुड़ें, अपने मूल्यों को समझें, प्रकति के महत्व को समझे। इसके साथ ही उनका अनुसरण करें।
लोगों ने सीमित साधनों में जीना सीखा, क्योंकि लाॅकडाउन में जरूरत की चीजों के लिए भी लोगों को तरसना पड़ा। कोरोना साल 2020 ने लोगों सिखाया कि कम से कम चीजों में कैसे जीवन का गुजारा किया जा सकता है और खुश रहा जा सकता है। लोगों ने सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना और हाथ धोना शुरू कर दिया। मास्क के महत्व को लोगों ने समझा और लगाना शुरू किया। ऐसे कई तमाम बदलाव लोगों के जीवन में आए हैं।
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मनोरंजन में बदलाव
कोरोना काल में लोगों के मंनोरंजन का जरिया बदल गया। कोरोना महामरी इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को भी काफी नुकसान पहुंचाया। बॉलीवुड से लेकर छोटे पर्दे तक महामारी का प्रभाव देखने को मिला। कोरोना से निपटने के लिए लगाए लॉकडाउन की वजह से मॉल्स, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, थिएटर, सिनेमा हॉल आदि सब बंद हो गए।
ओटीटी प्लेटफॉर्म और टीवी लोगों के मंनोरजन का सबसे बड़ा साधन बना। लॉकडाउन में सिनेमा हॉल, मनोरंजन पार्क , थियेटर बंद होने पर लोगों का ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने लोगों का मनोरंजन किया। यहां पर रिलीज हुई मूवीज या वेबसीरीज को बड़ी तादाद में दर्शकों का प्यार मिला। घरों में बंद लोगों ने भी मनोरंजन के लिए ओटीटी प्लेटफॉर्म को चुना। साल 2020 में वेब सीरीज का भी काफी क्रेज रहा। थिएटर्स, सिनेमाघर बंद होने के चलते घर बैठे लोगों का वेब सीरीज ने ऑनलाइन भरपूर मनोरंजन किया।
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बीमारी ने घेरा
कोरोना काल में कई बीमारियों ने लोगों को घेर लिया। कोरोना के डर से लोग अस्पताल जाने से डरने लगे। इसका यह नतीजा हुआ कि लोग कई गंभीर बीमारियों से घिर गए। कोरोना महामारी की वजह से अस्पतालों में ओपीडी बंद हो गए। लोगों को इलाज के लिए अस्पतालों के चक्कर काटने पड़े। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या इतनी बढ़ी की अस्पतालों में जगह नहीं रही। कई कोरोना मरीजों ने अस्पताल जाने में देरी और एंबुलेंस ना मिलने की वजह से दम तोड़ दिया। कोरोना ने लोगों के मन में भय पैदा कर दिया। हाल यह हुआ है कि डाॅक्टर सामान्य मरीज का भी इलाज करने में डरने लगे। इस दौरान लोगों का कई चुनौतियों से सामना हुआ।
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शिक्षा पर असर
देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से सभी स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी बंद हो गईं। स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थानों के बंद होने के चलते छात्रों को पढ़ाई का काफी नुकसान हुआ है। इसके बाद सरकार ने छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा देने का फैसला किया। छात्रों की परीक्षाओं पर भी असर हुआ है। सभी स्कूल और कॉलेजों ने छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाना शुरू कर दिया। हालांकि गांवों व गरीब छात्रों के पास स्मार्टफोन न होने और खराब इंटरनेट के कारण उन्हेंन कफी नुकसान हुआ। अभी भी ऑनलाइन शिक्षा देने की कोशिश जारी है। कोरोना महामारी ने शिक्षा को प्रभावित किया है।
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167 सालों में पहली बार बंद हुई रेल सेवा
कोरोना महामारी ने भारतीय रेलवे को भी प्रभावित किया। रेलवे के 167 सालों के इतिहास में देश में पहली बार रेल सेवा ठप हुई। देश में कई आफत आए, लेकिन कभी रेल सेवा ठप नहीं हुई। साल 2020 में कोरोना वायरस के फैलने के बाद रेलवे के इतिहास में पहली ट्रेनें बंद हुईं। रेलवे ने करोड़ों टिकट कैंसल किया जिसके कारण हजारों करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा।
रिपोर्ट: धर्मेंद्र कुमार सिंह
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