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लक्षण गायब होने के बाद भी बना रह सकता है कोरोना, अध्ययन में सनसनीखेज खुलासा

पूरी दुनिया के चिकित्सा विशेषज्ञ और डॉक्टर इन दिनों कोरोना वायरस का इलाज और वैक्सीन ढूंढने में जुटे हुए हैं।इस बीच एक अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।

Aradhya Tripathi
Published on: 29 March 2020 1:01 PM GMT
लक्षण गायब होने के बाद भी बना रह सकता है कोरोना, अध्ययन में सनसनीखेज खुलासा
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नई दिल्ली: पूरी दुनिया के चिकित्सा विशेषज्ञ और डॉक्टर इन दिनों कोरोना वायरस का इलाज और वैक्सीन ढूंढने में जुटे हुए हैं। लेकिन इस बीच एक अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस अध्ययन को करने वाले अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि उन्हें कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों के इलाज के दौरान एक ऐसी बात का पता चला जो काफी चौंकाने और डराने वाली है।

8 दिन तक रहता वायरस

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इन अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने कोरोना वायरस से पीड़ित जिन मरीजों का इलाज किया उनमें से आधे रोगियों में बीमारी के लक्षण तो गायब हो गए। मगर उसके आठ दिन बाद तक भी कोरोना वायरस बना रहा। यह सनसनीखेज अध्ययन अमेरिकन जर्नल आफ रेस्पिरेट्री एंड क्रिटिकल में प्रकाशित हुआ है। इस अध्ययन से इस बात का पता चलता है कि आखिरकार इस बीमारी के प्रसार को रोकने में क्यों कठिनाई सामने आ रही है।

शोध में महत्वपूर्ण सलाह भी

इस शोध में एक महत्वपूर्ण सलाह भी दी गई है। शोध में कहा गया है कि अगर किसी मरीज में कोरोना के सामान्य लक्षण हैं और वह घर पर क्वारंटीन नहीं तो संक्रमण को अन्य लोगों तक फैलने से रोकने के लिए मरीज के ठीक होने के बाद भी क्वारंटीन की समय सीमा 2 हफ्ते के लिए बढ़ा दी जानी चाहिए।

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इससे अन्य लोगो में संक्रमण का खतरा नहीं रह जाएगा। शोध के मुताबिक रोगी के ठीक होने के बाद भी कुछ समय तक सावधानी बरतना जरूरी है। इस दौरान ठीक हो चुके मरीज का नियमित इलाज भी जरूरी है।

पूरी दुनिया कर रही त्राहिमाम

कोरोना वायरस ने इस समय पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रखा है और दुनिया भर के लोग कोरोना के चलते त्राहिमाम कर रहे हैं। चीन के बाद इटली अमेरिका ईरान स्पेन ब्रिटेन और तमाम और विकसित देश इसकी गिरफ्त में आ गए हैं।

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माना जा रहा है कि इस समय दुनिया भर में कोरोना वायरस से करीब छह लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और इस वायरस ने 27000 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। मौजूदा समय में इटली के बाद स्पेन में कोरोना वायरस सर्वाधिक लोगों की जान ले रहा है।

कोरोना के 16 मरीजों पर हुआ अध्ययन

कोरोना वायरस से जुड़े इस महत्वपूर्ण अध्ययन में उन 16 रोगियों के बारे में जानकारी दी गई है जिनका बीजिंग स्थित पीएलए जनरल हॉस्पिटल के उपचार केंद्र में इलाज चला। इन रोगियों का इलाज 28 जनवरी से 9 फरवरी 2020 तक चला और उसके बाद इन मरीजों को छुट्टी दे दी गई।

नमूनों का किया विश्लेषण

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इस अध्ययन को करने वाली अनुसंधानकर्ताओं की टीम में अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी से जुड़े भारतीय मूल के वैज्ञानिक लोकेश शर्मा भी शामिल थे। अध्ययन में वैकल्पिक दिनों में लिए गए रोगियों के नमूनों का विश्लेषण किया गया है। अध्ययन के मुताबिक रोगियों को ठीक होने और उनकी टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

ठीक होने पर भी विषाणु का प्रसार

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अध्ययन के सह लेखक लोकेश शर्मा का कहना है कि हमारे अध्ययन में जो सर्वाधिक महत्वपूर्ण बात सामने आई वह काफी चौंकाने वाली है और हम सभी इसे देख कर चौक गए। शर्मा ने बताया कि चौंकाने वाली बात यह थी कि आधे रोगियों में लक्षणों के ठीक होने के बाद भी उनमें उनसे कोरोना वायरस के विषाणु का प्रसार हो रहा था।

Aradhya Tripathi

Aradhya Tripathi

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