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CAA पर व्यवसायियों की राय: जानें- किसने किया समर्थन, कौन है खिलाफ 

सीएए-एनआरसी और दिल्ली हिंसा पर भारत के बड़े व्यवसायी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। कम ही व्यवसायिक/ उद्योगपतियों ने अपनी राय खुल कर रखी है।

Shivani Awasthi
Published on: 2 March 2020 11:19 AM GMT
CAA पर व्यवसायियों की राय: जानें- किसने किया समर्थन, कौन है खिलाफ 
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लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद से ही भारत के हालात बदल गये हैं। जगह जगह सीएए-एनआरसी का विरोध हो रहा है तो वहीं कई लोग इसके पक्ष में भी हैं। दिल्ली समेत जगह जगह इसके खिलाफ हिंसा, आगजनी हो रही है। राजनीतिक दल- नेता, अभिनेता हों या खिलाड़ी इस मामले में पक्ष-विपक्ष में तर्क दे रहे हैं। लेकिन देखा जा रहा है कि इस मामले में भारत के बड़े व्यवसायी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। अभी तक सीएए-एआरसी-दिल्ली हिंसा और ऐसे ही तमाम मुद्दों पर कम ही व्यवसायिक/ उद्योगपतियों ने अपनी राय खुल कर रखी है।

भारत के व्यवसायियों/ उद्योगपतियों की प्रतिक्रिया:

देश के सबसे बड़े इंडस्ट्रीलिस्ट या व्यवसायियों में शामिल अंबानी, अडानी, टाटा ने सीएए-एनआरसी पर अपनी कोई प्रतिकिया अब तक नहीं दी है। उनकी चुप्पी इस बात को स्पष्ट करती है कि वह इस संवेदनशील मुद्दे से दूरी बनाये रखना चाहते हैं, लेकिन कई अन्य बिजनेसमैन हैं, जिन्होंने खुल कर भारत की स्थिति पर बोला।

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महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन ने शांति और अहिंसा कि उम्मीद की:

इसी कड़ी में महिंद्रा ग्रुप के चेयरमेन आनंद महिंद्रा ने दिल्ली हिंसा पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ट्वीट कर दिल्ली में शांति की प्रार्थना की। उन्होंने लिखा कि भगवान का शुक्र है। ऊपरी शक्तियां हमें दिल्ली में शांति का आशीर्वाद दे। सांप्रदायिक सौहार्द प्रदान करें। राष्ट्र के जन्म के दशकों बाद भी हम संघर्ष कर रहे हैं।

ऐसे माहौल में नहीं हो सकता व्यापार:

सीएए लागू होने के बाद आनन्द महिंद्रा ने कहा था कि कोई भी व्यापार की रणनीति स्वतंत्र माहौल में तब तक नहीं की जा सकती, जब तक शांति और अहिंसा का माहौल न हो। तो पहले हमे इसके लिए प्रार्थना करनी होगी।



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अमिताभ झुनझुनवाला ने कहा, बाहरी कर रहे हिंसा:

वहीं रिलाइंस इंटरटेंमेंट से संबंधित अमिताभ झुनझुनवाला ने दिल्ली हिंसा पर ट्वीट कर कहा, भारत में "साम्प्रदायिक दंगों" को बढ़ावा देने वालों के लिए यहाँ एक वास्तविक जीवन की कहानी है। यह राम और रहमान एक दूसरे की रक्षा के लिए अपनी जान देने की कसम खाते हैं। वे कहते हैं, कोई परेशानी नहीं है। बाहरी लोगो आकर हिंसा भड़का आ रहे हैं।

हिंसा करने वाले पड़ोसी नहीं:

इसके अलावा एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा कि दिल्ली हिंसा से अलग एक हिंदू लड़की की शादी मुस्लिम पड़ोसी से हो गयी। 'हम नहीं जानते कि हिंसा के पीछे कौन लोग हैं लेकिन वे हमारे पड़ोसी तो नहीं हैं। यहां हिंदू और मुसलमानों के बीच कोई दुश्मनी नहीं है।'

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वहीं सीएए-एनआरसी को लेकर दो मुस्लिम कर्मचारियों को निकाले जाने वाली एक सोशल मीडिया पर आधारित खबर पर आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने ट्वीट कर कहा कि मेरे मुताबिक़ ये अनुचित है और इस पर बहस की जरूरत है।

आदित्य बिड़ला समूह के निदेशक सन्तोष मिश्रा ने माना कर्मचारी सीएए पर राय रखें पर दायरे में:

इस बारे में आदित्य बिड़ला समूह के वैश्विक मानव संसाधन निदेशक सन्तोष मिश्रा ने कहा कि किसी कर्मचारी द्वारा सीएए-एनआरसी आदि मुद्दों पर अपनी राय रखना उनका निजी मामला है लेकिन ये जरुरी है कि इसे एक दायरे में रह कर किया जाये। कर्मचारियों को कंपनी की अचार संहिता के अंतर्गत ही काम करना चाहिए, ऐसा कुछ भी नहीं कहना चाहिए जो 'अपराध' की तरह ही प्रतीत हो।

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सज्जन जिंदल ने सरकार और सीएए का किया समर्थन:

जेएसडब्ल्यू ग्रुप के एमडी और चेयरमैन सज्जन जिंदल ने सीएए कानून और सरकार का समर्थन किया। उन्होंने लिखा, नए कानूनों का विरोध करने से पहले उसे समझना होगा। यह कानून देश को अवैध प्रवासियों से बचाएगा और भारतीयों को उनकी जाति और धर्म के बावजूद सबसे पहले स्थान देगा।



उन्होंने आगे लिखा, आशा है हमारे स्टूडेंट्स जाने कि देश की अखंडता और रक्षा के लिए सरकार क्या करने की कोशिश कर रही हैं। भारत को मजबूत बनाने का यह आइडिया महत्वपूर्ण है और यह दुखद है कि छात्रों का मामले में राजनीति के तहत उपयोग किया जा रहा है।

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