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History Of Chitrakoot: पवित्र धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है भारत का चित्रकुट जानिए क्या है इसका इतिहास

History Of Chitrakoot: चित्रकुट का इतिहास बेहद खास और रोचक है, यहां पर स्थित मंदिरों में लोगों का तांता लगा रहता है। हर साल देश-विदेश से लाखों पर्यटक चित्रकुट के पवित्र मंदिरों के दर्शन करने आते हैं

Kajal Sharma
Published on: 24 March 2023 7:13 PM GMT (Updated on: 24 March 2023 7:34 PM GMT)
History Of Chitrakoot: पवित्र धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है भारत का चित्रकुट जानिए क्या है इसका इतिहास
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History Of Chitrakoot (Image- Social media)

History Of Chitrakoot: चित्रकूट उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर बसा हुआ एक धार्मिक स्थान है, जिसका इतिहास श्रीराम जी से जुड़ा हुआ है। भारत की इस पवित्र धरती पर कई पवित्र और प्राचीन मंदिर बने हुए हैं। यह पवित्र धरती रामचंद्र जी के पैरों से परिपूर्ण कही जाती है। चित्रकूट का इतिहास बेहद खास और रोचक है, यहां पर स्थित मंदिरों में लोगों का तांता लगा रहता है। हर साल देश-विदेश से लाखों पर्यटक चित्रकूट के पवित्र मंदिरों के दर्शन करने आते हैं और यहां के इतिहास के बारे में जानते हैं।

बेहद ही खास है चित्रकूट का इतिहास (Chitrakoot Ka Itihas Kya Hai)

दो राज्यों की सीमा पर स्थित चित्रकूट मध्य प्रदेश के सतना जिले में स्थित है। यह भारत के धार्मिक स्थानों में गिना जाता है जिसका इतिहास भगवान श्रीराम से जुड़ा हुआ है, कहा जाता है कि अपने 14 वर्ष के वनवास के दौरान श्रीराम ने यहीं पर अपने वनवास के 11 साल बिताए थे। यह वही जगह है जहां माता सवरी के हाथों से भगवान श्रीराम ने बेर खाए थे। चित्रकूट में भगवान राम और लक्ष्मण से जुड़े कई मंदिर भी बने हुए हैं। यह यह धार्मिक सहर चारों ओर से पहाड़ो से घिरा हुआ है, जो मन्दाकिनी नदी के किनारे बसा हुआ है। यहां पर बने हुए सुंदर घाट हमेशा ही श्रद्धालुओं से भरे रहते हैं।

चित्रकूट में घूमने की जगहें (Chitrakoot Mein Ghumane Ki Jagah)

जानकी कुंड

चित्रकूट का जानकी कुंड मंदाकिनी नदी के पास स्थित है। जो रामघाट से करीब 2 किमी की दूरी पर बना हुआ है, कहा जाता है कि इसी घाट में माता सीता स्नान किया करती थी। राजा जनक की पूत्री होने के कारण उन्हे जानकी कहा जाता था, इसी के तर्ज पर इस कुंड को जानकी कुंड कहते हैं।

स्पठिक शिला

स्पठिक शिला चित्रकूट में सबसे ज्यादा पूजी जाती है, माना जाता है कि इस शिला पर आज भी माता सीता और भगवान श्री राम के पैरों के निशान पड़े हुए हैं। पौराणिक कथाओं की मानें तो इसी शिला पर जामुनत काग ने माता सीता को चोच मारी थी।

गुप्त गोदावरी चित्रकूट

चित्रकूट से 18 किमी की दूरी पर स्थित गुप्त गोदावरी 2 गुफाएं हैं, जहां भगवान श्रीराम और लक्ष्मण अपने वनवास के दौरान कुछ दिनों के लिए ठहरे थे। आज इन गुफाओं को देखने दूर-दूर से लोग यहां आते हैं।

तुलसीदास मूर्ति

तुलसीदास मूर्ति चित्रकूट में बेहद ही लोकप्रिय पर्यटक स्थल है, जो राम गंगा घाट पर स्थित है। यह मूर्ति बहुत ही बड़ी और सुंदर है, जहां तुलसी दास ने श्री राम और लक्ष्मण जी को चन्दन लगाया था।

राम घाट

चित्रकूट में स्थित इस घाट पर श्रीराम चंद्र जी स्नान किया करते थे, इस घाट का जिक्र हमारे पवित्र ग्रंथ रामायण में भी किया है। जिसके ठीक सामने राम और भरत मिलाप मंदिर भी स्थित है। इस मंदिर में शाम के समय होने वाली आरती के लिए श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहता है।

चित्रकूट में फेमस है यह फूड (Chitrakoot Famous Food)

खोये की जलेबी

जलेबी तो आपने कई जगहों पर खाई होगी लेकिन चित्रकूट में मिलने वाली खोए की जलेबी का स्वाद सबसे खास और सबसे अलग है। यह जलेबी खास खोए से बनाई जाती है। जिसका कलर भी काला होता है। लेकिन इस खोए वाली जलेबी का स्वाद आपको कहीं ओर नहीं मिल पाएगा।

गुरु कृपा की चाट

चित्रकूट की यह दुकान बेहद ही खास और फेमस हैं, जहां आपको हर तरह की चाट का स्वाद चखने के लिए मिल जाएगा। शाम चार बजे के बाद से इस दुकान पर लोगों की भीड़ लग जाती है। खाने का स्वाद चखने के लिए तीर्थ यात्री भी लाइन लगाकर खड़े होते हैं।

मुकेश स्ट्रीट कॉर्नर फूड

इस शॉप पर आपको गोल-गप्पे, पापड़ी, भल्ले समेत कई तरह के स्ट्रीट फूड मिल जाएंगे। अपने स्वाद के लिए यह दुकान चित्रकूट के स्थानिय लोगों के बीच काफी फेमस है। जहां आपको कम दाम पर बेहद ही स्वादिष्ट खाना मिल जाता है।

कामतनाथ मंदिर के पास की रबड़ी

चित्रकूट के कामतनाथ मंदिर के पास स्थित इस दुकान की रबड़ी का स्वाद बेहद ही खास और अलग है। मात्र 20 रुपये में आपको यहां रबड़ी का ऐसा स्वाद मिलता है जो आपने शायद ही कभी चखा हो।

Kajal Sharma

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