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Kanpur Famous Laddu: ऐसा कोई सगा नहीं जिसको हमने ठगा नहीं, कानपुर के ये लड्डू हैं वर्ल्ड फेमस

Thaggu Ke Laddu Kanpur: "ठग्गू के लड्डू" नाम भी दुकान के आकर्षण का बड़ा हिस्सा है। जैसा की आपको नाम से ही प्रतीत हो रहा होगा ये लड्डू ठगने की बात कर रहे हैं। ठग्गू बोलचाल का शब्द है जिसका धोखा देने वाला होता है। लेकिन इस संदर्भ में, इसका उपयोग विनोदी ढंग से यह बताने के लिए किया जाता है कि लड्डू इतने स्वादिष्ट होते हैं कि आप कितना खा जायेंगे पता ही नहीं चलेगा। यानी आप इसके स्वाद में सराबोर होकर कई लड्डू यूँ ही चट कर सकते हैं।

Preeti Mishra
Published on: 17 Aug 2023 1:24 PM GMT
Kanpur Famous Laddu: ऐसा कोई सगा नहीं जिसको हमने ठगा नहीं, कानपुर के ये लड्डू हैं वर्ल्ड फेमस
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Thaggu Ke Laddu Kanpur(image credit: Social media)

Thaggu Ke Laddu Kanpur: यूँ तो आपने लड्डू बहुत खायें होंगे। लेकिन क्या आपने कोई ऐसा लड्डू खाया है जिसका स्वाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी ने चखा हो। एक ऐसा लड्डू जिसकी न केवल जिक्र फिल्मों में हुई हो बल्कि फ़िल्मी हस्तियां भी उसके दीवाने हों। जी हाँ हम बात कर रहे हैं कानपुर के प्रसिद्ध 'ठग्गू के लड्डू' के बारे में।

अगर आपने इसका स्वाद अभी तक नहीं लिया है नहीं तो आपने स्वाद का एक बहुत बड़ा खज़ाना मिस कर दिया है। क्योंकि ये लड्डू सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक में अपने स्वाद का लोहा मनवा चुके हैं। "ठग्गू के लड्डू" कानपुर में स्थित एक प्रसिद्ध मिठाई की दुकान है। वे विशेष रूप से अपने अनूठे और स्वादिष्ट लड्डुओं के लिए प्रसिद्ध हैं, जो आटा, चीनी, घी, और विभिन्न मेवों और मसालों जैसी सामग्री से बनी एक लोकप्रिय मिठाई है। ठग्गू के लड्डू अपने विशिष्ट स्वाद और किस्मों के साथ उच्च गुणवत्ता वाले लड्डू हैं जो अति प्रसिद्ध है। बता दें कि इस दुकान में न केवल पारंपरिक लड्डु बल्कि अक्सर नये-नये स्वाद के साथ एक्सपेरिमेंट भी किये जाते हैं जो काफी रोमांचक और स्वादिष्ट होते हैं।

ठग्गू के लड्डू की खासियत

"ठग्गू के लड्डू" नाम भी दुकान के आकर्षण का बड़ा हिस्सा है। जैसा की आपको नाम से ही प्रतीत हो रहा होगा ये लड्डू ठगने की बात कर रहे हैं। ठग्गू बोलचाल का शब्द है जिसका धोखा देने वाला होता है। लेकिन इस संदर्भ में, इसका उपयोग विनोदी ढंग से यह बताने के लिए किया जाता है कि लड्डू इतने स्वादिष्ट होते हैं कि आप कितना खा जायेंगे पता ही नहीं चलेगा। यानी आप इसके स्वाद में सराबोर होकर कई लड्डू यूँ ही चट कर सकते हैं।

यदि आप कभी कानपुर या आसपास के इलाकों में जाते हैं और आपको मीठा खाने का शौक है, तो उनके प्रसिद्ध लड्डुओं और अन्य स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेने के लिए निश्चित रूप से ठग्गू के लड्डू जरूर जाये।

क्या है ठग्गू के लड्डू का इतिहास

आज से तक़रीबन छह दशक पहले, राम अवतार पांडे, उर्फ ​​​​मट्ठा पांडे, हाथों में लड्डुओं से भरी एक बड़ी थाली और कंधे पर गमछा लेकर कानपुर की सड़कों लड्डू बेचते थे। धीरे-धीरे उनके लड्डू सभी को पसंद आने लगे। लोग उनका बेसब्री से इंतजार करते थे। और यहीं पर प्रसिद्ध ठग्गू के लड्डू की नीव पड़ी। आज उनके पोते रवि पांडेय इस दुकान को चलाते हैं।

इस लड्डू का नाम ठग्गु कैसे पड़ा इस पर रवि बताते हैं कि उनके दादाजी महात्मा गांधी के अनुयायी थे और उनकी सार्वजनिक बैठकों में नियमित होते थे। वह महात्मा के भाषण सुनकर प्रेरित होते थे। एक बार गांधीजी ने चीनी को सफेद जहर कहा था। उनकी बातों ने दादाजी को दुविधा में डाल दिया। गांधीजी के अनुयायी होने के नाते उन्हें आश्चर्य हुआ कि वे बिना चीनी के लड्डू कैसे बनाएंगे? इसलिए उन्होंने अपने ग्राहकों के प्रति सच्चा रहने का फैसला किया और अपने उत्पाद का नाम ठग्गू के लड्डू रखा, जिसका अर्थ था कि वह एक धोखेबाज हैं क्योंकि वह अपने लड्डू में चीनी का उपयोग कर रहे थे।

बाद में, उन्होंने कानपुर के मेस्टन रोड में एक छोटी सी दुकान किराए पर ली। यहाँ नेता अधिक रहते थे। इसलिए उन्होंने यहाँ लड्डुओं का नाम 'नेता बाज़ार के लड्डु' रखा। 1973 में उन्होंने कानपुर के परेड इलाके में एक छोटी सी दुकान खरीदी और इसका नाम रखा ठग्गू के लड्डू। हलाकि दंगों के दौरान इस दुकान में आग लग गयी और बाद में सरकार ने उन्हें
बड़ा चौराहा पर एक दुकान दी जिसके बाद उन्होंने पीछे मुड़ कर कभी नहीं देखा। हालाँकि यह ब्रांड पूरे कानपुर में प्रसिद्ध था, लेकिन यह ज्यादा सुर्खियों में तब आया जब 2004 में, अभिषेक बच्चन और रानी मुखर्जी अपनी फिल्म बंटी और बबली की शूटिंग के लिए यहाँ आए। उसके बाद इस दुकान को कई फिल्मों और टीवी सीरियल में दिखाया गया। अब कानपुर में ठग्गू के लड्डू का विस्तार हो चुका है और यह काकादेव, एक्सप्रेस रोड और गोविंद नगर में भी मिलता है।

कानपुर के लिए एक सांस्कृतिक पहचान

ठग्गू के लड्डू कानपुर के लिए एक सांस्कृतिक पहचान बन गया है। ठग्गू के लड्डू के लड्डू अक्सर त्योहारों, शादियों और अन्य उत्सव के अवसरों के दौरान उपहार के रूप में उपयोग किए जाते हैं। वे प्रियजनों के साथ खुशी को साझा करने का प्रतीक बन गए हैं। पारंपरिक व्यंजनों को बनाए रखने और नई विविधताएं पेश करके, ठग्गू के लड्डू भारत की समृद्ध पाक विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने में योगदान देता है।

Preeti Mishra

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