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राम मंदिर की तारीख: अब होगा ये बड़ा ऐलान, भक्तों में खुशी की लहर

अयोध्या में रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में मंदिर के शिलान्यास की तारीख की भी घोषणा हो सकती हैं। ऐसे में ये माना जा रहा है कि मंदिर का निर्माण 5 अगस्त से शुरू हो सकता है।

Newstrack
Published on: 18 July 2020 12:17 PM GMT
राम मंदिर की तारीख: अब होगा ये बड़ा ऐलान, भक्तों में खुशी की लहर
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लखनऊ। अयोध्या में रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में मंदिर के शिलान्यास की तारीख की भी घोषणा हो सकती हैं। ऐसे में ये माना जा रहा है कि मंदिर का निर्माण 5 अगस्त से शुरू हो सकता है। तो अब 500 सालों के लम्बे इंतजार के बाद वह घड़ी आ ही गई, जब अयोध्या में राममंदिर निर्माण का शिलान्यास किया जाएगा। अयोध्या श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक अयोध्या के सर्किट हाउस में चल रही है। बैठक पर अयोध्या सहित करोड़ों रामभक्तों की नजरें टिकी हुई है।

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अयोध्या आने के लिए निमंत्रण पत्र

अगस्त के पहले सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आने को लेकर तैयारियां शुरू हो गयी है। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अयोध्या के लिए कई घोषणाएं भी करेगें। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास प्रधानमंत्री को अयोध्या आने के लिए निमंत्रण पत्र भेज चुके हैं।

साथ ही शिलान्यास को लेकर पीएमओ से 3 अगस्त या सावन मास के समापन के दिन पूर्णिमा की शुभ घड़ी में 5 अगस्त का कार्यक्रम तय करने पर विचार चल रहा है।

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251 मीटर ऊंची मूर्ति की स्थापना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान राम की प्रस्तावित 251 मीटर ऊंची मूर्ति की स्थापना समेत पर्यटन व नगर विकास को लेकर संबंधित मंत्रालय से अनुमोदन के लिए प्रस्ताव मांगा है।

बता दें, अयोध्या के सर्किट हाउस में चल रही बैठक में राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र के साथ ट्रस्ट के 12 सदस्य मौजूद हैं, जबकि तीन सदस्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर हैं।

राम जन्म भूमि सुरक्षा सलाहकार केके शर्मा भी बैठक में मौजूद हैं। सूत्रों के अनुसार बैठक में पांच अगस्त को भूमि पूजन की तिथि पर मोहर लग सकती है।

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1989 में शिला पूजन किया गया था

इस बैठक में शामिल होने के लिए अयोध्या पहुंचे राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों ने भी इच्छा जाहिर की है कि मंदिर निर्माण का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से ही होना चाहिए। ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने कहा कि राम जन्मभूमि पर सिंहद्वार के लिए 1989 में शिला पूजन किया गया था।

ऐसे में अब मंदिर निर्माण का कार्य गर्भगृह से शुरू होगा, जिसके लिए भूमि पूजन किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर बनने वाला मंदिर राम मंदिर के साथ-साथ राष्ट्र मंदिर भी होगा।

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आगमन पर विचार

आगे उन्होंने बताया कि पहली बैठक में ही तय कर लिया गया था कि मंदिर निर्माण कार्य प्रारंभ किए जाने को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया जाएगा। इसे लेकर ट्रस्ट के अध्यक्ष व महासचिव ने प्रधानमंत्री से मुलाकात भी की थी।

इस पर उन्होंने भी इच्छा व्यक्त की थी, लेकिन आज जैसे संकट की घड़ी है, उसे ध्यान में रखते हुए ही प्रधानमंत्री के आगमन पर विचार किया जाएगा।

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