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अयोध्या: विवादित ढांचा को ढहाए जाने के मामले में कल्याण सिंह को समन जारी

छह दिंसबर, 1992 को विवादित ढांचा ढंहाए जाने के मामले में कुल 49 एफआईआर दर्ज हुए थे। एक एफआईआर फैजाबाद के थाना रामजन्म भूमि में एसओ प्रियवंदा नाथ शुक्ला जबकि दूसरी एसआई गंगा प्रसाद तिवारी ने दर्ज कराई थी।

Manali Rastogi
Published on: 26 May 2023 10:14 AM GMT
अयोध्या: विवादित ढांचा को ढहाए जाने के मामले में कल्याण सिंह को समन जारी
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विधि संवाददाता

लखनऊ: अयोध्या के विवादित ढांचा को ढ़हाए जाने के आपराधिक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत (अयोध्या प्रकरण) ने कल्याण सिंह को समन जारी कर 27 सितंबर को तलब किया है। विशेष जज सुरेंद्र कुमार यादव ने बार के सदस्यों की सूचना पर स्वतः संज्ञान लेते हुए यह आदेश जारी किया है। बार के सदस्यों का कहना था कि कल्याण सिंह अब राज्यपाल पद से सेवानिवृत हो चुके है।

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बीते नौ सितंबर को सीबाआई ने विशेष अदालत से इस मामले में कल्याण सिंह को तलब करने की मांग की थी। यह कहते हुए कि कल्याण सिंह अब संवैधानिक पद पर नहीं है। लिहाजा उन्हें इस मामले में बतौर अभियुक्त समन जारी किया जाए। क्योंकि इस मामले में उनके खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल है। लेकिन गर्वनर होने के नाते उन पर आरोप तय नहीं हो सका था।

प्रमाणित तथ्य दाखिल नहीं कर सकी सीबीआई

तब विशेष अदालत ने सीबीआई से इस संदर्भ में प्रमाणित तथ्य प्रस्तुत करने को कहा था। 11 सितंबर को सीबीआई प्रमाणित तथ्य दाखिल नहीं कर सकी। कहा कि अभी उन्हें इस संदर्भ में मुख्यालय से कोई लिखित सूचना प्राप्त नहीं है।

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लिहाजा उन्हें समय दिया जाए। 16 सितंबर को भी सीबीआई प्रमाणित तथ्य दाखिल करने मे असफल रही। साथ ही विशेष अदालत से एक बार फिर से समय की मांग की। 21 सितंबर को भी सीबीआई द्वारा एक बार फिर से समय की मांग की गई।

इन धाराओं के तहत मुकदमे का विचारण शुरु

30 मई, 2017 को इस आपराधिक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत (अयोध्या प्रकरण) ने एलके आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार व विष्णु हरि डालमिया पर आईपीसी की धारा 120 बी (साजिश रचने) के तहत आरोप तय किया था। जिसके बाद इन सभी अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 149, 153ए, 153बी व 505 (1)बी के साथ ही आईपीसी की धारा 120 बी के तहत भी मुकदमे का विचारण शुरु हो गया।

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वहीं महंत नृत्य गोपाल दास, महंत राम विलास वेदांती, बैकुंठ लाल शर्मा उर्फ प्रेमजी, चंपत राय बंसल, धर्मदास व डॉ सतीश प्रधान के खिलाफ 147, 149, 153ए, 153बी, 295, 295ए व 505 (1)बी के साथ ही आईपीसी की धारा 120 बी के तहत आरोप तय हुआ था। जबकि गर्वनर होने के नाते कल्याण सिंह के खिलाफ आरोप तय नहीं हो सका था।

सीबीआई ने जांच के बाद इस मामले में कुल 49 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। जिसमें 16 अभियुक्तों की मौत हो चुकी है। लिहाजा अब इस मामले में 32 अभियुक्तों के खिलाफ दिन-प्रतिदिन सुनवाई हो रही है।

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अभियोजन की ओर से अब तक करीब 336 गवाह पेश किए जा चुके हैं। 19 अप्रैल, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी कर इस मामले की सुनवाई दो साल में पुरा करने का आदेश दिया था। हालाकि अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने यह अवधि नौ माह के लिए और बढ़ा दी है।

छह दिंसबर, 1992 को विवादित ढांचा ढंहाए जाने के मामले में कुल 49 एफआईआर दर्ज हुए थे। एक एफआईआर फैजाबाद के थाना रामजन्म भूमि में एसओ प्रियवंदा नाथ शुक्ला जबकि दूसरी एसआई गंगा प्रसाद तिवारी ने दर्ज कराई थी। शेष 47 एफआईआर अलग अलग तारीखों पर अलग अलग पत्रकारों व फोटोग्राफरों ने भी दर्ज कराए थे।

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