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भक्तों के लिए खुला बाबा विश्वनाथ का दरबार, श्रद्धालुओं के लिए बिछा रेड कारपेट

बाबा श्री काशी विश्वनाथ का दरबार शिव भक्तों के लिए सजधज कर तैयार हो गया है। श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए मंदिर प्रशासन की ओर से बैरिकेडिंग...

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Published on: 5 July 2020 3:31 PM GMT
भक्तों के लिए खुला बाबा विश्वनाथ का दरबार, श्रद्धालुओं के लिए बिछा रेड कारपेट
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वाराणसी: बाबा श्री काशी विश्वनाथ का दरबार शिव भक्तों के लिए सजधज कर तैयार हो गया है। श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए मंदिर प्रशासन की ओर से बैरिकेडिंग करा कर उसमें रेड कारपेट बिछाया गया है। मंदिर में प्रवेश और निकास के लिए मंदिर प्रशासन की ओर से तीन अलग अलग मार्ग तैयार किए गए हैं। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक गौरांग राठी ने श्रद्धालुओं की व्यवस्था का जायजा लिया और अधिकारियों को उसे सही करने के निर्देश दिए।

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ऐसे होगी श्रद्धालुओं की मंदिर में एंट्री

मुख्यकार्यपालक अधिकारी ने बताया कि मैदागिन की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं को गेट नंबर 4 के पांचों पांडव प्रवेश द्वार से प्रवेश दिया जाएगा जहां से श्रद्धालु रानी भवानी उत्तरी होते हुए गर्भ गृह के पूर्वी द्वार पर दर्शन कर दूसरे मार्ग से बाहर आएंगे। वहीं दूसरा मार्ग गेट नंबर 4 छत्ता द्वार होगा, जिसमें श्रद्धालु बद्रीनाथ प्रवेश द्वार से प्रवेश करते हुए गर्भगृह के उत्तरी दरवाजे पर दर्शन करते हुए फिर उसी दरवाजे से बाहर श्रृंगार गौरी की तरफ से वापस आएंगे। तीसरा मार्ग बांस फाटक से आने वाले श्रद्धालु ढुंढिराज गणेश, अन्नपूर्णा मंदिर होते हुए अभी मुक्तेश्वर द्वार से प्रवेश करेंगे और गर्भगृह के दक्षिणी दरवाजे पर बाबा का दर्शन कर हनुमान मंदिर द्वार से होते हुए नंदू फारिया गली से बाहर निकल जाएंगे।

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प्रवेश द्वार पर होगी थर्मल स्कैनिंग

तीनों मार्ग में श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसलिए मंदिर प्रशासन द्वारा सभी प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजर और थर्मल स्कैनिंग करने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए सभी श्रद्धालुओं को मास्क का प्रयोग अवश्य करना होगा। सोशल डिस्टनसिंग का पालन करना होगा। राठी ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे मोबाइल, पेन घड़ी, पेनड्राइव आदि को लेकर मंदिर में न आएं इससे दर्शन में परेशानी होगी।

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हर 6 घंटे पर मंदिर को किया जाएगा सेनेटाइज

मंदिर परिसर में किसी विग्रह, दीवार, या रेलिंग को स्पर्श करने से बचें। इससे संक्रमण से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर को हर 6 घंटे पर सेनेटाइज किया जाएगा। आपात स्थिति के लिए चिकित्सक और एनडीआरएफ की टीम भी तैनात रहेगी। पेयजल से लेकर खोया पाया केंद्र, पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी लगाया गया है। श्रद्धालुओं की परेशानी को देखते हुए मंदिर प्रशासन की ओर से शौचालय बनवाया गया है। इसके साथ ही इसके लिए जगह जगह सूचना पट्ट भी लगेगा ताकि श्रद्धालु आसानी से शौचालय तक पहुंच सकेंगे।

रिपोर्ट: आशुतोष सिंह

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