TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

मनमानी फीस वसूली के खिलाफ याचिका, पढ़ें दिनभर की हाईकोर्ट की बड़ी खबरें

इलाहाबाद हाईकोर्ट चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ को संबद्ध महाविद्यालयों द्वारा निर्धारित फीस से अधिक की वसूली की जांच करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि जांच निष्कर्षों को कोर्ट के समक्ष पेश किया जाय।

Dharmendra kumar
Published on: 22 Nov 2019 9:07 PM IST
मनमानी फीस वसूली के खिलाफ याचिका, पढ़ें दिनभर की हाईकोर्ट की बड़ी खबरें
X

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ को संबद्ध महाविद्यालयों द्वारा निर्धारित फीस से अधिक की वसूली की जांच करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि जांच निष्कर्षों को कोर्ट के समक्ष पेश किया जाय। याचिका की सुनवाई 20 दिसंबर को होगी। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर तथा न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की खंडपीठ ने गाजियाबाद पैरंट एसोसिएशन की जनहित याचिका पर दिया है।

यह भी पढ़ें…सरकार गठन पर शिवसेना-कांग्रेस और NCP में बनी सहमति,पवार ने कही ये बड़ी बात

याची का कहना है कि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से संबद्ध डिग्री कालेजों द्वारा मनमानी फीस की वसूली की जा रही है जबकि विश्वविद्यालय ने फीस निर्धारित कर रखी है। संबद्ध कालेज विश्वविद्यालय के निर्देशों के खिलाफ अधिक फीस की वसूली कर रहे हैं। जिसका उन्हें कानूनी अधिकार नहीं है। विश्वविद्यालय कानून के तहत नियमों का पालन न करने वाले कालेजों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है। वह कालेज की संबद्धता वापस ले सकता है। इस पर कोर्ट ने जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

यह भी पढ़ें…CBI का इन राज्यों में छापा, इस पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ दर्ज किया केस

न्यास भंग के आरोप में दर्ज केस रद्द करने से इंकार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आपराधिक न्यास भंग के आरोपी के खिलाफ चल रहे आपराधिक मुकदमे को रद्द करने की मांग में दाखिल याचिका पर हस्तक्षेप से करने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अनुच्छेद 227, 228 या धारा 239 के तहत याची सक्षम न्यायालय में डिस्चार्ज के अधिकार के तहत अर्जी दाखिल कर सकता है।

यह भी पढ़ें…दिल्ली के CM केजरीवाल ने किया ये बड़ा ऐलान, बीजेपी में मच सकती है खलबली

यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह ने मिर्जापुर के बेलवा गांव निवासी विवेक कुमार पांडेय की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता धर्मेंद्र सिंह ने बहस की। इनका कहना था कि जगदीश नारायण पांडे से 6लाख रुपये लेकर हड़प जाने का याची पर आरोप है। जो मनगढ़ंत व निराधार है। झूठा केस लिखाया गया है।

पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट फाइल की है और एसीजेएम इलाहाबाद की अदालत में मुकदमा चल रहा है। जगदीश नारायण पांडे ने कैंट थाना, इलाहाबाद में एफआईआर दर्ज कराई है जो दुर्भावना पूर्ण ढंग से परेशान करने के लिए दर्ज कराई गई है। कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया।

यह भी पढ़ें…PCS अशोक शुक्ला बर्खास्त, सोशल मीडिया के जरिए योगी सरकार पर की थी टिप्पणी

यमुना एक्सप्रेस वे पर वाहन दुर्घटना रोकने के उपायों सहित ब्यौरा तलब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आगरा से गौतम बुद्ध नगर को मथुरा हाथरस अलीगढ़ होकर जाने वाली यमुना एक्सप्रेसवे पर यातायात नियंत्रण कानून लागू न करने से हो रही दुर्घटनाओं में मौतों को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार के परिवहन मंत्रालय एवं प्रदेश के गृह सचिव से ब्योरे के साथ हलफनामा मांगा है।

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर तथा न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की खंडपीठ ने कु. भारती कश्यप की जनहित याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि यमुना एक्सप्रेस वे पर भारी ट्रैफिक रहती है। ट्रैफिक के नियंत्रण की कोई व्यवस्था नहीं है जिसकी वजह से भारी संख्या में दुर्घटनाएं हो रही हैं।

यह भी पढ़ें…विधानसभा परिसर से भागे नेता! परिसर के बाहर फेंका ग्रेनेड, इस संगठन ने ली जिम्मेदारी

पुलिस केवल वाहनों का चालान काट रही है और दुर्घटना के वास्तविक कारणों पता लगाकर रोक लगाने के उपाय नहीं कर रही है। वाहनों की स्पीड नियंत्रित नहीं किया जा रहा है जिसकी वजह से दुर्घटना में कमी नहीं आ रही है। कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा था।

कोर्ट ने कहा कि इसके लिए जो जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए थे वह परिवहन विभाग द्वारा नहीं उठाए गए हैं। रोड सेफ्टी नियमों का कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा है। लोगों की आए दिन दुर्घटना में मौत को लेकर कोर्ट ने चिंता जाहिर की है। केन्द्रीय परिवहन मंत्रालय सहित राज्य सरकार के गृह सचिव से संपूर्ण ब्योरे के साथ उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है। याचिका की सुनवाई 29 नवंबर को होगी।



\
Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story