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वेबीनार का तीसरा दिन: कोविड 19 पर हुई अहम चर्चा, शामिल हुए ये लोग
कार्यक्रम को प्रारंभ करते हुए व्यवसायिक शिक्षण संस्थान के प्रमुख प्रोफेसर राजीव सिजरिया ने सभी का परिचय कराएं एवं कार्यक्रम का संचालन किया।
मेरठ: शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव एवं शिक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान प्रदान करने वाले चिंतक, विचारक, लेखक, सामाजिक कार्यकर्ता अतुल कोठारी द्वारा संबोधित एवं चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ द्वारा भारतीय शिक्षा कोविड 19 के परिपेक्ष में उत्पन्न चुनौतियां एवं अवसर विषय पर आयोजित ई-कॉन्फ्रेंस के तीसरे दिन महत्वपूर्ण वेबीनार संपन्न हुआ।
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इस कॉन्फ्रेंस में सम्पूर्ण देश से लोगों ने उत्साह के साथ भाग लिया। अंत समय तक लोग अपनी प्रतिक्रियाएं देते रहे एवं उत्सुकताओं को प्रश्न चैट के माध्यम से पूछते रहें। जिनका अतुल कोठारी द्वारा संपूर्ण संतुष्टि के स्तर पर जवाब दिया।
कॉन्फ्रेंस पिछले 3 दिनों से संपूर्ण संलग्नता के साथ देश भर के कॉलेजों एवं यूनिवर्सिटी में प्रसारित किया जा रहा था। 1500 से अधिक जूम मीटिंग के रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरे गए जिनमें से अधिकांश लोगों को जगह की कमी के कारण मौका ना मिल पाया एवं उन्हें फेसबुक लाइव के द्वारा देखने का अवसर प्राप्त हुआ।
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कार्यक्रम को प्रारंभ करते हुए व्यवसायिक शिक्षण संस्थान के प्रमुख प्रोफेसर राजीव सिजरिया ने सभी का परिचय कराएं एवं कार्यक्रम का संचालन किया। स्वागत भाषण डीन, इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी प्रोफ़ेसर हरे कृष्णा द्वारा दिया गया। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संयोजक समीर कौशिक ने कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र कुमार तनेजा के नेतृत्व में विश्वविद्यालय के माध्यम से होने वाले सामाजिक उत्तरदायित्व एवं कोरोना चीनी वायरस के प्रकोप से निपटने में यहां के कर्मचारियों प्राध्यापकों एवं संबद्ध महाविद्यालयों के द्वारा अपने अपने वेतन से दिए गए सहयोग, श्रम सहयोग, समय दान आदि का उल्लेख किया एवं सराहना की।
अतुल कोठारी ने अपने उद्बोधन में करोना जनित परिस्थितियों के पश्चात वैकल्पिक मॉडल प्रस्तुत किया जिसमें भौतिक रूप से दूर दूर रहते हुए भी कैसे कक्षाओं का संचालन हो सकता है। थ्योरी, प्रैक्टिकल एवं प्रोजेक्ट के उचित विभाजन एवं तदनुरूप टाइम टेबल की रचना के साथ ऑनलाइन टीचिंग का उचित अनुपात ही इस समस्या का उपाय है। उनके अनुसार ऑनलाइन टीचिंग पारंपरिक पढ़ाई लिखाई का स्थान नहीं ले सकती किंतु इसके विवेकपूर्ण प्रयोग से आपस में उचित दूरी बनाए रखते हुए कॉलेजों के संचालन हेतु नए प्रकार के मॉडल को अपनाना उचित रहेगा।
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अपने संबोधन में अतुल कोठारी ने पारंपरिक शिक्षा, गुरुकुल शिक्षा व्यवस्था, शिक्षा के व्यवसायीकरण से बचना, प्रकृति के साथ सामंजस्य आदि मूलभूत विचारों से भी प्रतिबद्धता बनाए रखने को कहा।
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की कुलपति के रूप में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही प्रोफेसर वाई विमला ने अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न बिंदुओं पर किए जा रहे प्रयासों के बारे में सूचित किया। प्रोफेसर वाई विमला जी के अनुसार विश्वविद्यालय किसी भी मौलिक एवं व्यापक सामाजिक हितों के मुद्दे को स्वीकार करने उस पर विचार करने एवं उसकी कार्य योजना बनाने और अमल में लाने के लिए खुले मन से कार्य कर रहा है एवं आगे भी करता रहेगा।
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सर छोटूराम अभियांत्रिकी एवं तकनीकी संस्थान की निर्देशिका प्रोफेसर जयमाला ने भारी संख्या में आज के वेबीनार में आने वालों को साधुवाद दिया एवं जिन को किसी प्रकार की असुविधा हुई उनसे खेद व्यक्त किया। जयमाला ने मीडिया का भी आभार व्यक्त किया इनके माध्यम से इस कॉन्फ्रेंस को अटेंड न करने वाले भी इसके विषय वस्तु से परिचित हो जाते हैं।
आज मुख्य रूप से प्रश्न पूछने वालों में प्रोफेसर एसएस गौरव,डॉ योगेंद्र शर्मा , प्रोफेसर रूपनारायण आदि रहे। प्रोफेसर वीरपाल सिंह, प्रोफेसर शिवराज पुंडीर, प्रोफेसर राकेश सोनी, प्रोफेसर आलोक, डॉक्टर प्रशांत, डॉ मनोज, डॉक्टर विवेक त्यागी सहित विश्वविद्यालय के अधिकांश प्रोफेसर,प्राध्यापक इसमें उपस्थिति थे।
रिपोर्ट: सुशील कुमार
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